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गुजरात में स्थानीय निकाय चुनाव शांतिपूर्ण ढंग से हुआ पूरा, 5,084 उम्मीदवारों की किस्मत ईवीएम में कैद

गुजरात में रविवार को कड़ी सुरक्षा के बीच विभिन्न स्थानीय निकायों के चुनाव और उपचुनाव शांतिपूर्ण ढंग से संपन्न हुए. इस चुनाव में 5,084 उम्मीदवारों की किस्मत ‘इलेक्ट्रॉनिक वोटिंग मशीनों’ (ईवीएम) में बंद हो गई.

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Edited By: Garima Singh
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Courtesy: x

गुजरात में रविवार को कड़ी सुरक्षा के बीच विभिन्न स्थानीय निकायों के चुनाव और उपचुनाव शांतिपूर्ण ढंग से संपन्न हुए. इस चुनाव में 5,084 उम्मीदवारों की किस्मत ‘इलेक्ट्रॉनिक वोटिंग मशीनों’ (ईवीएम) में बंद हो गई. अधिकारियों ने बताया कि मतदान के दौरान कहीं भी बड़ी अप्रिय घटना नहीं हुई, जिससे चुनाव प्रक्रिया सफलतापूर्वक पूरी हो सकी.

चुनाव जूनागढ़ नगर निगम, 66 नगर पालिकाओं और तीन तालुका पंचायतों में हुए, जबकि बोटाद और वांकानेर नगर पालिकाओं में उपचुनाव हुए. इसके साथ ही, विभिन्न कारणों से खाली पड़ी 124 अन्य स्थानीय और शहरी निकायों की सीटों के लिए भी उपचुनाव संपन्न हुए.

ओबीसी आरक्षण के साथ पहला चुनाव

यह पहला मौका था जब गुजरात सरकार के 2023 के फैसले के तहत पंचायतों, नगर पालिकाओं और नागरिक निगमों में 27 प्रतिशत सीटें अन्य पिछड़ा वर्ग (ओबीसी) के लिए आरक्षित की गई थीं.

मतदान प्रतिशत और घटनाएं

जूनागढ़ नगर निगम में 44.32 प्रतिशत और बोटाद नगरपालिका में 31 प्रतिशत अनंतिम मतदान दर्ज किया गया. चुनाव प्रक्रिया अधिकांशत: शांतिपूर्ण रही, हालांकि पाटन जिले के राधनपुर में एक मतदान केंद्र पर ईवीएम की खराबी से मतदान कुछ समय के लिए बाधित हुआ, जिसे बाद में ठीक कर लिया गया.

उम्रदराज मतदाताओं ने खींचा ध्यान

बोटाद जिले के गढ़दा में 101 वर्षीय रमाबेन जाला और 102 वर्षीय पचुबेन ओलाकिया ने मतदान कर सबका ध्यान खींचा. इसके अलावा, जूनागढ़ के सांसद राजेश चूडासमा और छोटा उदयपुर के सांसद जशुभाई राठवा ने भी अपने-अपने मतदान केंद्रों पर मतदान किया.

निर्विरोध सीटों पर भाजपा का वर्चस्व

कुछ सीटों पर मतदान नहीं हुआ क्योंकि नामांकन वापस लेने के बाद केवल एक ही उम्मीदवार मैदान में बचा, जो सत्तारूढ़ भाजपा से थे. जूनागढ़ नगर निगम के 15 वार्डों की 60 सीटों में से आठ सीटों पर भी भाजपा के उम्मीदवार निर्विरोध चुने गए.

भाजपा और कांग्रेस के दावे

भाजपा ने भचाऊ, जाफराबाद, बंटवा और हलोल की नगर पालिकाओं में निर्विरोध सीटों के आधार पर जीत का दावा किया है. वहीं, कांग्रेस ने आरोप लगाया कि उसके उम्मीदवारों को नामांकन वापस लेने की धमकी दी गई थी, जिसे भाजपा ने खारिज किया है.