List of major Stampede At Religious Places : हाथरस में आयोजित हुए सत्संग में भगदड़ मचने से सैकड़ों लोगों की जान चली गई है. खबर लिखे जाने तक आधिकारिक आंकड़ों के अनुसार अब तक 122 लोगों की मौत हो चुकी है. मृतकों की संख्या लगातार बढ़ती जा रही है. इंटरनेट पर इस वक्त हाथरस हादसा छाया हुआ है. ऐसा पहली बार नहीं हुआ जब श्रद्धालुओं की भीड़ की वजह से धार्मिक स्थल या धार्मिक आयोजन में भगदड़ की वजह से हादसा हुआ हो. इससे पहले भी देश में ऐसे कई हादसे हो चुके हैं. .
देशभर के अलग-अलग हिस्सों के धार्मिक स्थलों पर भीड़ की वजह से इससे पहले भी कई बड़े हादसे हुए हैं, जिनमें सैकड़ों लोगों की मौत हो गई थी. आइए धार्मिक स्थलों पर भगदड़ की वजह से हुए बड़े हादसों के बारे में जानते हैं.
2005 में महाराष्ट्र के मंधार देवी मंदिर में भीड़ की वजह से मची भगदड़ में 340 श्रद्धालुओं की मौत हो गई थी. ये हादसा बहुत ही दर्दनाक था. इस हादसे ने कई परिवार को उजाड़ दिया था. इस हादसे ने राज्य और केंद्र सरकार को सकते में डाल दिया था.
साल 2008 में राजस्थान के चामुंडा देवी मंदिर में भीड़ की वजह से भगदड़ मची थी. इस हादसे में 250 लोगों की मौत हुई थी. 2005 के बाद धार्मिक स्थल पर भीड़ की वजह हुआ ये हादसा सबसे बड़ा हादसा था.
हिमाचल प्रदेश के नैना देवी मंदिर में भीड़ की वजह से 2008 में भगदड़ मची थी. इस भगदड़ में 162 लोगों की मौत हुई थी. इस हादसे ने भी देश को झकझोर कर रख दिया था.
4. वैष्णो देवी मंदिर में भगदड़ में गई थी 12 लोगों की जान
1 जनवरी 2022 को जम्मू-कश्मीर में प्रसिद्ध माता वैष्णो देवी मंदिर में श्रद्धालुओं की भारी भीड़ के कारण मची भगदड़ में 12 लोगों की मौत हो गई और एक दर्जन से ज्यादा लोग घायल हुए थे.
31 मार्च 2023 को रामनवमी के अवसर पर एक मंदिर में हवन के दौरान भगदड़ मच गई थी. इसमें 36 लोगों को अपनी जान गवानी पड़ी थी.
14 जुलाई 2015 को आंध्र प्रदेश के राजमुंदरी में पुष्करम उत्सव के पहले दिन श्रद्धालुओं की भारी भीड़ के कारण गोदावरी नदी के तट पर मची भगदड़ में 27 तीर्थयात्रियों की मौत हो गई थी.
3 अक्टूबर 2014 को दशहरा समारोह समाप्त होने के कुछ दिन बाद पटना के गांधी मैदान में भगदड़ मचने से 32 लोगों की मौत हुई थी. 19 नवंबर 2012 को पटना में गंगा नदी के किनारे अदालत घाट पर छठ पूजा के दौरान एक अस्थायी पुल के ढह जाने से भगदड़ मचने से करीब 20 लोगों की मौत हो गई थी.
8 नवंबर 2011 को हरिद्वार में गंगा नदी के किनारे हर-की-पौड़ी घाट पर भगदड़ मचने से कम से कम 20 लोगों की मौत हो गई.
14 जनवरी 2011 को केरल के इडुक्की जिले के पुलमेदु में एक जीप के घर जा रहे तीर्थयात्रियों से टकरा जाने के कारण मची भगदड़ में कम से कम 104 सबरीमाला श्रद्धालु की मौत हुई थी.
4 मार्च 2010 को उत्तर प्रदेश के प्रतापगढ़ जिले में कृपालु महाराज के राम जानकी मंदिर में भगदड़ मचने से लगभग 63 लोगों की मौत हो गई थी.
30 सितंबर 2008 को राजस्थान के जोधपुर शहर में चामुंडा देवी मंदिर में बम विस्फोट की अफवाहों के कारण मची भगदड़ में लगभग 250 श्रद्धालु की मौत हो गई थी और 60 लोग घायल हुए थे.
27 अगस्त 2003 को महाराष्ट्र के नासिक जिले में कुंभ मेले में पवित्र स्नान के दौरान भगदड़ में 39 लोगों की जान चली गई थी और 140 लोग घायल हुए थे.
13 अक्टूबर 2013 को मध्य प्रदेश के दतिया जिले में रतनगढ़ मंदिर के पास नवरात्रि उत्सव के दौरान भगदड़ मचने से 115 लोगों की मौत हो गई थी. इसमें 100 से ज्यादा लोग घायल भी हुए थे.