मध्य प्रदेश में शराबियों के लिए बुरी खबर, शराबबंदी पर CM मोहन यादव लेंगे बड़ा फैसला
मध्य प्रदेश की बीजेपी सरकार संतो के सुझाव के आधार पर राज्य में धार्मिक जगहों पर शराबबंदी कर सकती है. मौजूदा बजट सत्र में सरकार इसे लेकर कोई ठोस फैसला लेने की तैयारी में है. खुद सीएम मोहन यादव ने इसके संकेत दिए हैं.
मध्य प्रदेश में शराबबंदी को लेकर बीजेपी सरकार बड़ा फैसला ले सकती है. इसके संकेत खुद सूबे के मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने दिए हैं. उन्होंने सोमवार को इसे लेकर बड़ा बयान दिया. उन्होंने कहा कि राज्य के तमाम धार्मिक शहरों में सरकार शराबबंदी लागू करने की योजना पर काम कर रही है. इसे लेकर जल्द बड़ा फैसला लिया जा सकता है.शराबबंदी को लेकर विचार लगातार जारी है, क्योंकि बजट सत्र नजदीक ही है.
मुख्यमंत्री मोहन यादव ने सोमवार को न्यूज एजेंसी एएनआई से कहा कि सरकार इस संबंध में संतों के सुझावों पर गंभीरता से विचार कर रही है. सरकार को शराब को लेकर कई शिकायतें मिली हैं. इसी के आधार पर मध्य प्रदेश सरकार धार्मिक शहरों में शराब पर प्रतिबंध लगाने के लिए ठोस कदम उठाने की योजना बना रही है.
मध्य प्रदेश सरकार शराब को लेकर बदलेगी नीति!
बता दें गुजरात और बिहार में पूरी तरह से शराब पर बैन है. वहीं उत्तर प्रदेश, उत्तराखंड समेत कई राज्यों में धार्मिक जगहों पर शराब की ब्रिकी और सेवन पर प्रतिबंध है. मध्य प्रदेश की बात करें तो यहां उज्जैन समेत कई धार्मिक स्थल हैं. मध्य प्रदेश के सीएम का कहना है कि मौजूदा बजट वर्ष समाप्त होने जा रहा है. हमारी सरकार सोच रही है कि हमें धार्मिक शहरों में अपनी नीति में संशोधन करना चाहिए और धार्मिक शहरों से शराब पर प्रतिबंध लगाने की दिशा में आगे बढ़ना चाहिए.
संतो ने दिए सुझाव
संतो के सुझाव के आधार पर मध्य प्रदेश की बीजेपी सरकार धार्मिक शहरों की सीमा के भीतर आने वाली आबकारी दुकानों को बंद कर सकती है. सरकार इसके लिए गंभीर है और इस संबंध में बहुत जल्द ही निर्णय लिया जा सकता है.
आपको पता ही होगा कि मुख्यमंत्री मोहन लाल केंद्रीय मंत्री सीआर पाटिल की मौजूदगी में उज्जैन में 614 करोड़ रुपये की लागत वाली सेवरखेड़ी-सिलारखेड़ी परियोजना का भूमि पूजन करेंगे. इस परियोजना का उद्देश्य क्षिप्रा नदी में पर्याप्त जल स्तर सुनिश्चित करना है. इससे शहर में पेयजल की कमी दूर होगी.