राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) के सूत्रों के अनुसार, लश्कर-ए-तैयबा के शीर्ष कमांडर फारूक अहमद के नेटवर्क ने पहलगाम में हमले को अंजाम देने में पाकिस्तान स्थित आतंकवादियों की मदद करने में अहम भूमिका निभाई. कुपवाड़ा में अहमद के घर को हाल ही में सुरक्षा बलों ने कार्रवाई के तहत ध्वस्त कर दिया था.
माना जा रहा है कि अहमद इस समय पाकिस्तान के कब्जे वाले कश्मीर (पीओके) में है और उसने अपने स्लीपर सेल नेटवर्क के जरिए पिछले दो सालों में कश्मीर में कई आतंकी हमलों को अंजाम देने में अहम भूमिका निभाई है. इनमें पहलगाम हमला सबसे बड़ा हमला है, जिसमें 25 पर्यटक और एक कश्मीरी मारे गए थे.
सूत्रों ने यह भी बताया कि अहमद पाकिस्तान के तीन सेक्टरों से कश्मीर में घुसपैठ की सुविधा प्रदान कर रहा है. लश्कर के इस कमांडर को घाटी के पहाड़ी रास्तों की व्यापक जानकारी है. खुफिया जानकारी के अनुसार, अहमद 1990 से 2016 तक पाकिस्तान और भारत के बीच आता-जाता रहा. पहलगाम हमले के बाद उसके कई सहयोगियों को हिरासत में ले लिया गया.
सूत्रों ने यह भी बताया कि पिछले दो वर्षों से अहमद पाकिस्तान से काम करते हुए कश्मीर में अपने नेटवर्क से संपर्क करने के लिए सुरक्षित संचार ऐप का इस्तेमाल कर रहा था. सूत्रों ने बताया कि हाल के वर्षों में कश्मीर में हुए सबसे घातक हमलों में से एक, इस भयावह हमले को खूबसूरत बैसरन घाटी में तीन आतंकवादियों ने अंजाम दिया. चौथा आतंकवादी भी पर्यटन स्थल के आसपास के जंगलों में मौजूद हो सकता है.
पुलिस ने हमले के लिए जिम्मेदार तीन आतंकवादियों के स्केच जारी किए हैं और उनकी गिरफ्तारी में सहायक किसी भी सूचना के लिए 20 लाख रुपये का इनाम घोषित किया है. दो पाकिस्तानी आतंकवादियों की पहचान अली भाई उर्फ तल्हा और हाशिम मूसा उर्फ सुलेमान के रूप में हुई है. स्थानीय लश्कर-ए-तैयबा के आतंकी की पहचान आदिल हुसैन थोकर के रूप में हुई है, जिसे पहलगाम का तीसरा हमलावर माना जा रहा है.