लालू परिवार की मुश्किलें बढ़ीं! जमीन के बदले नौकरी घोटाले में ED ने दाखिल की चार्जशीट, जानें किस-किस का नाम शामिल

कथित घोटाला उस समय का है, जब लालू प्रसाद यूपीए-1 सरकार में रेल मंत्री थे. आरोप है कि 2004 से 2009 तक, इंडियन रेलवे के विभिन्न क्षेत्रों में ग्रुप डी में कई लोगों को नियुक्त किया गया था और बदले में, इन लोगों ने अपनी जमीन तत्कालीन रेल मंत्री प्रसाद के परिवार के सदस्यों के नाम पर ट्रांसफर कर दी थी.

Imran Khan claims

Land For Jobs Scam ED charge sheet money laundering case: प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने आज जमीन के बदले नौकरी घोटाला मामले में चार्जशीट दाखिल की. दिल्ली की राउज एवेन्यू कोर्ट में दाखिल चार्जशीट में ED ने बिहार की पूर्व मुख्यमंत्री राबड़ी देवी, उनकी बेटियों मीसा भारती और हेमा यादव समेत अन्य का नाम शामिल किया है. अब कोर्ट इस मामले पर 16 जनवरी को सुनवाई करेगी. 

रिपोर्ट्स के मुताबिक, 4,751 पन्नों की चार्जशीट में राजद प्रमुख लालू यादव के परिवार के करीबी अमित कत्याल के साथ-साथ अन्य व्यक्तियों का नाम भी शामिल है. गौरतलब है कि कात्याल को इस मामले में पिछले साल नवंबर में गिरफ्तार किया गया था. दिल्ली हाई कोर्ट ने कात्याल के खिलाफ ईडी की कार्यवाही को रद्द करने से इनकार कर दिया. बता दें कि एजेंसी ने पहले भी कई बार बिहार के उपमुख्यमंत्री तेजस्वी यादव और लालू यादव को समन जारी किया है, लेकिन उन्होंने अभी तक गवाही नहीं दी है.

समन को लेकर लालू ने केंद्र पर साधा था निशाना

इससे पहले दिसंबर में लालू यादव ने ED के समन को लेकर केंद्र पर निशाना साधा था. उन्होंने कहा था कि मैंने हमेशा कहा है कि ये इन एजेंसियों की गलती नहीं है. दरअसल, एजेंसियों को दबाव में काम करने के लिए मजबूर किया जा रहा है. मुझे ये बताना होगा कि कुछ समय पहले मैंने जो भविष्यवाणी की थी वह सच हो गई है. मैंने कहा था कि राजस्थान, मध्य प्रदेश और छत्तीसगढ़ में विधानसभा चुनाव खत्म होने से पहले ही ये एजेंसियां ​​फिर से काम में लग जाएंगी. 

क्या है नौकरी के बदले जमीन घोटाला मामला?

नौकरी के बदले जमीन का कथित घोटाला 2004 और 2009 के बीच हुआ था, जब लालू यादव कांग्रेस के नेतृत्व वाले यूपीए-1 सरकार के दौरान रेल मंत्री थे. केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) ने आरोप लगाया कि भर्ती के लिए भारतीय रेलवे के निर्धारित मानदंडों और प्रक्रियाओं का उल्लंघन करते हुए रेलवे में अनियमित नियुक्तियां की गईं. कहा गया कि जिन लोगों को रेलवे में नौकरी पाई, उन्होंने या तो सीधे या फिर अपने परिवार के सदस्यों या फिर रिश्तेदारों के माध्यम से लालू यादव और उनके परिवार के साथ साथ करीबियों के नाम पर जमीन ट्रांसफर की.

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