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India Daily

जब अमेरिका को आंख दिखाने से पीछे नहीं हटे थे आडवाणी! बहुत पुराना है मोदी प्रेम

Advani On Modi America Visa: लालकृष्ण आडवाणी को भारत रत्न देने का ऐलान किया गया है. इस बात में कोई दो राय नहीं है कि आडवाणी और मोदी के बीच गुरु शिष्य का रिश्ता रहा है. दोनों के कई मशहूर किस्से हैं. आडवाणी ने कभी मोदी की कुर्सी बचाने के लिए तो भी अमेरिका की ओर से वीजा न देने पर उसे आंख दिखाई थी.

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Edited By: Purushottam Kumar
Lal Krishna Advani and PM Modi

Advani On Modi America Visa: भारत के पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी के बाद केंद्र की मोदी सरकार ने उसी कार्यकाल में डिप्टी पीएम रहे लाल कृष्ण आडवाणी को भी भारत रत्न देने का एलान किया है. शनिवार को इस एलान के बाद लोगों से अलग-अलग तरह की प्रतिक्रियाएं आ रही हैं, जहां कुछ लोग इसे आडवाणी को साइड लाइन करने के बाद उन्हें इज्जत के साथ रिटायर करने का तरीका बता रहे हैं तो वहीं पर कुछ लोग इसे मोदी-आडवाणी प्रेम की नई कड़ी भी बता रहे हैं.

मामला कुछ भी हो लेकिन इस बात में कोई शक नहीं कि लालकृष्ण आडवाणी और पीएम नरेंद्र मोदी के बीच गुरु शिष्य वाला प्रेम नजर आता है. इसके एक नहीं कई किस्से मशहूर हैं फिर चाहे वो गुजरात में उन्हें सीएम पद पर बरकरार रखने का मामला हो या फिर अमेरिका की ओर से वीजा न देने पर उससे लड़ जाना हो.

 

मोदी के लिए वाजपेयी से लड़े थे आडवाणी

लालकृष्ण आडवाणी और पीएम मोदी के बीच का संबंध कई दशकों पुराना है. नरेंद्र मोदी की राजनीतिक जीवन में लालकृष्ण आडवाणी कई बार पीएम मोदी का साथ देते हुए फ्रंटफुट पर नजर आए. गोधरा दंगों के वक्त गुजरात में नरेंद्र मोदी की सरकार थी. इस दौरान नरेंद्र मोदी हर तरफ से जब सवालों और विवादों में गिर रहे थे तो उस दौरान लालकृष्ण आडवाणी ने न सिर्फ मोदी के समर्थन में आए बल्कि नरेंद्र मोदी के सीएम की कुर्सी के लिए तत्कालीन प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी से लड़ भी गए  और नतीजा हुई कि मोदी सीएम की कुर्सी पर बने रहें.

वीजा को लेकर अमेरिका से आडवाणी का सवाल

साल 2005 की बात है जब खबर सामने आई कि अमेरिका ने नरेंद्र मोदी को वीजा देने से इनकार कर दिया. जिसे लेकर विपक्ष ने नरेंद्र मोदी को आड़े हाथ लिया था. इस बात में कितनी सच्चाई थी इसको लेकर लालकृष्ण आडवाणी ने खुद एक खुलासा किया था. 22 मार्च 2012 को एक ब्लॉग में आडवाणी ने लिखा था कि अगस्त 2008 में अमेरिकी विदेश मंत्री कोंडोलीजा राइस भारत दौरे पर थीं. इस दौरे के दौरान उन्होंने आडवाणी से मुलाकात की थी. इस मुलाकात के दौरान आडवाणी ने नरेंद्र मोदी को अमेरिकी वीजा देने से इनकार करने का मुद्दा भी उठाया. लेकिन, मुझे आश्चर्य हुआ कि नरेंद्र मोदी ने अमेरिका से कोई वीजा मांगा ही नहीं था और फिर भी वीजा से इनकार कर दिया गया.

मोदी ने नहीं मांगा था कोई वीजा

कोंडोलीजा राइस से आडवाणी ने कहा था कि मोदी ने मुझे सूचित किया था कि उन्होंने वीजा के लिए कोई आवेदन नहीं किया था. इसके बाद कोंडोलीजा ने अधिकारियों से इस बात की पुष्टि की तो अधिकारियों ने बताया कि हां यह सच है कि वीजा के लिए कोई आवेदन नहीं किया गया था. इस पूरे मामले पर आडवाणी ने आगे लिखा था कि विडंबना यह है कि जिस अमेरिकी सरकार ने मोदी को वीजा देने से इनकार कर दिया, उसी अमेरिकी कांग्रेस के एक थिंक टैंक द्वारा तैयार की गई 100 पन्नों की रिपोर्ट में मोदी सरकार की जमकर तारीफ की गई है.