LK Advani Health Updates: भाजपा के सीनियर नेता लालकृष्ण आडवाणी को एक बार फिर अस्पताल में भर्ती कराया गया है, जहां उनकी हालत स्थिर बताई जा रही है. इस बार आडवाणी को दिल्ली के अपोलो अस्पताल में भर्ती कराया गया है. अस्पताल के डॉक्टर विनीत सूरी ने बताया कि लालकृष्ण आडवाणी को निगरानी में रखा गया है और उनकी हालत स्थिर है. बुधवार शाम को 96 साल के भाजपा के सह-संस्थापक आडवाणी को सीनियर कंसल्टेंट न्यूरोलॉजिस्ट डॉक्टर विनीत सूरी के मार्गदर्शन में भर्ती कराया गया है.
पिछले सप्ताह बुधवार को उन्हें दिल्ली के अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (AIIMS) में एडमिट कराया गया था. उस समय, AIIMS के प्रवक्ता की ओर से कहा गया था कि आडवाणी की हालत स्थिर है और उन्हें निगरानी में रखा गया है. आडवाणी 1998 से 2004 तक देश के गृह मंत्री और 2002 से 2004 तक उप प्रधानमंत्री रहे थे. 2009 के आम चुनाव के दौरान वे भाजपा के प्रधानमंत्री पद के उम्मीदवार थे.
समाचार एजेंसी पीटीआई के अनुसार, आडवाणी की बीमारी का डिटेल फिलहाल नहीं मिल पाया है. पिछले सप्ताह की शुरूआत में आयु संबंधी स्वास्थ्य समस्याओं के कारण AIIMS में इलाज के एक दिन बाद उन्हें छुट्टी दे दी गई थी. यूरोलॉजी और जेरिएट्रिक मेडिसिन समेत विभिन्न विशेषज्ञता वाले डॉक्टरों की एक टीम ने उनके हेल्थ की जांच की थी और 27 जून को छुट्टी मिलने से पहले उनकी एक छोटी सी सर्जरी की गई थी.
इस साल की शुरुआत में राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने एलके आडवाणी को देश के सर्वोच्च नागरिक सम्मान 'भारत रत्न' से सम्मानित किया था. इस समारोह में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह और अन्य सीनियर नेता शामिल हुए थे. ये कार्यक्रम आडवाणी के गिरते स्वास्थ्य के मद्देनजर उनके आवास पर आयोजित किया गया था.
8 नवंबर 1927 को पाकिस्तान के कराची में जन्मे आडवाणी कई साल (1986 से 1990, 1993 से 1998 और 2004 से 2005 तक) तक भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष रहे हैं. उनका राजनीतिक सफर तीन दशक से ज्यादा का रहा है. इस दौरान, आडवाणी 1999 से 2004 तक अटल बिहारी वाजपेयी के नेतृत्व में गृह मंत्री और जून 2002 से मई 2004 उपप्रधानमंत्री समेत कई महत्वपूर्ण पदों पर रहे हैं.
उन्होंने 1942 में राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (RSS) में स्वयंसेवक के रूप में शामिल होकर अपने राजनीतिक जीवन की शुरुआत की. उन्होंने 1970 में अपने संसदीय जीवन की शुरुआत की, जब वे राज्यसभा के लिए चुने गए. उन्होंने 1989 में नई दिल्ली से अपना पहला लोकसभा चुनाव लड़ा, जिसमें उन्होंने मोहिनी गिरि को हराया.