menu-icon
India Daily

इधर हो रहा था योगासान, उधर टंकी पर चढ़ गए किसान, उड़ गए अधिकारियों के होश

यूपी के लखीमपुर में प्रशासन को उस समय योगासन करना भारी पड़ गया जब भारी संख्या में किसान पानी टंकी पर चढ़ गए. पुलिस बल ने मौके पर पहुंच कर किसानों को मनाने की बहुत कोशिश की हालांकि उन्हें सफलता हाथ नहीं लगी. किसान नहीं माने और टंकी पर डंटे रहें. पढ़िए क्या है पूरा मामला

auth-image
Edited By: India Daily Live
UP farmer protest
Courtesy: Social Media

उत्तर प्रदेश के लखीमपुर खीरी में उस प्रशासन की नींद उड़ गई जब राजापुर के कई किसान शहर के एक पानी टंकी पर चढ़ गए. किसान आवास विकास द्वारा जमीन अधिग्रहण करने से आक्रोशित लोगों ने यह कदम उठाया. उन लोगों ने आरोप लगाया है कि आवास विकास परिषद पर जमीन जबरन कब्जा लिया गया.

किसानों का कहना है कि करीब दो वर्षों से जिला मुख्यालय और लखनऊ के अधिकारियों के चक्कर काट रहे हैं. सुनवाई न होने पर गांव के करीब 20 किसानों ने टंकी पर चढ़ने का फैसला लिया. वहीं 30 से 40 किसान टंकी के नीचे बैठे रहे. इनमें महिलाएं भी शामिल हैं.

20 किसान पानी टंकी पर चढ़े 

मामले की जानकारी मिलते ही प्रशासन ने योग कार्यक्रम को छोड़कर मौके पर पहुंच गए. उन्होंने किसानों को समझाने का प्रयास किया लेकिन सफलता हाथ नहीं लगी. किसानों के टंकी पर चढ़ने के एक घंटे बाद एडीएम और एसडीएम मौके पर पहुंचे. दोनों ने अफसरों ने किसान को बहुत समझाया बुझाया. यहां तक कि किसानों को टंकी से उतरकर कलेक्ट्रेट में प्रदर्शन करने को कहा गया लेकिन किसानों इस प्रस्ताव को मना कर दिय. उन्होंने कहा कि वे लोग कहीं नहीं जाएंगे. कुल मिलाकर किसानों को टंकी से नीचे उतारने की कोशिश नाकाम हो गई. 

बताया जा रहा है कि लखनऊ से आवास विकास परिषद के अधिकारी आएंगे. उसके बाद उनकी बात सुनी या मानी जा सकती है. राजापुर गांव अधिग्रहण का जद में है. आवाज विकास के लिए अधिग्रहण किया जा रहा है. इसी का विरोध करने के लिए किसान टंकी पर चढ़ गए. 

प्रशासन भी रहे किसान को मनाने में विफल 

खबर है कि राजापुर और पिपरिया में किसानों की 317 एकड़ जमीन है. इस जमीन को अधिग्रहण करने के लिए आवास विकास ने प्रक्रिया शुरू कर दी है. इस किसानों ने आपर्ति जताई, लेकिन शासन प्रशासन ने कोई सुनवाई नहीं की. तमशाये किसानों को टंकी पर चढ़ कर विरोध करना सही लगा. इस दौरान किसानों ने प्रशासन के खिलाफ खूब नारेबाजी की. इसके बाद बड़ी संख्या में किसान पानी टंकी पर चढ़ गए. किसानों का कहना है कि जब तक सुनवाई नहीं होगी, तब तक वह नीचे नहीं उतरेंगे.