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Ladakh Statehood Demand: लद्दाख के बदलने वाले हैं दिन! राज्य का दर्जा, छठी अनसूची में शामिल करने की मांगों पर सरकार 'राजी'

Ladakh Statehood Demand: पिछले कई दिनों से आंदोलन कर रहे लद्दाख वालों के लिए सोमवार का दिन काफी खास रहा. केंद्र सरकार लद्दाख की सभी मांगों पर विस्तृत चर्चा के लिए तैयार हो गई है.

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Edited By: India Daily Live
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Ladakh Statehood Demand: लद्दाख वालों के लिए एक बड़ी खुशखबरी है. सोमवार को हुई एक बैठक के बाद केंद्र सरकार ने लद्दाख को राज्य का दर्जा देने, संविधान की 6वीं अनुसूची में शामिल करने और क्षेत्र के लिए एक विशेष लोक सेवा आयोग की स्थापना की मांगों को विस्तृत चर्चा में शामिल करने पर सहमति जताई है. सोमवार को लद्दाख के लिए उच्चाधिकार प्राप्त समिति (एचपीसी), लेह की शीर्ष संस्था (एबीएल) और कारगिल डेमोक्रेटिक अलायंस (केडीए) के 14 सदस्यीय प्रतिनिधिमंडल के बीच बैठक हुई. 

एबीएल और केडीए की ओर से जारी संयुक्त प्रेस नोट में कहा गया है कि बैठक में हमारी मुख्य मांगों पर चर्चा करने का निर्णय लिया गया है. इनमें लद्दाख के लिए राज्य का दर्जा, संविधान की 6वीं अनुसूची में लद्दाख को शामिल करना और 24 फरवरी को लद्दाख के लिए विशेष लोक सेवा आयोग का गठन करना शामिल है. हाल ही में लद्दाख के दो संगठनों ने अपनी भूख हड़ताल वापस लेने का फैसला किया है. बैठक में मांगों की जांच के लिए एक संयुक्त उप-समिति स्थापित करने का भी निर्णय लिया गया है.

तीन प्रमुख संगठनों के प्रतिनिधि हुए शामिल

बैठक में एबीएल की ओर से थुपस्तान छेवांग, चेरिंग दोर्जे लाक्रूक, नवांग रिगजिन जोरा, केडीए की ओर से कमर अली अखून, असगर अली करबलाई और सज्जाद कारगिली शामिल हुए थे. प्रतिनिधिमंडल की अन्य मांगों में दो लोकसभा सीटें (एक कारगिल के लिए व एक लेह के लिए) और केंद्र शासित प्रदेश के लोगों के लिए नौकरी के मौके शामिल हैं. 

5 अगस्त 2019 को लद्दाख बना था यूटी

टाइम्स ऑफ इंडिया की रिपोर्ट के अनुसार, 5 अगस्त, 2019 को अनुच्छेद 370 को निरस्त करने के बाद लद्दाख, जो पहले जम्मू और कश्मीर राज्य का हिस्सा था, एक केंद्र शासित प्रदेश बन गया. गृह राज्य मंत्री नित्यानंद राय की अध्यक्षता में लद्दाख के लिए एचपीसी का गठन गृह मंत्रालय (एमएचए) की ओर से लद्दाख की संस्कृति, भाषा, भूमि, रोजगार और विकास की सुरक्षा समेत विभिन्न मुद्दों को संबोधित करने के लिए किया गया था. 

रिपोर्ट में कहा गया था कि दिसंबर 2022 में हुई बैठक में लद्दाख के प्रतिनिधिमंडल को आश्वासन दिया गया कि सरकार केंद्र शासित प्रदेश के विकास को तेजी से आगे बढ़ाने और लोगों की आकांक्षाओं को पूरा करने के लिए प्रतिबद्ध है. नई उप-समिति से इन महत्वपूर्ण मामलों पर चर्चा जारी रखने की उम्मीद है.