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Kuwait Tragedy: आगे कुआं पीछे खाई, जान बचाने के लिए शख्स ने तीसरी मंजिल से छलांग लगाई, बची जान तो सुनाई पूरी दास्तां

Kuwait Tragedy: कुवैत के मंगफ में हुए भयानक हादसे में आग लगने से हुई दुखद मौतों के बीच, त्रिकारीपुर, केरल से नलिनाक्षन के बच निकलने की कहानी ने सभी को हैरान कर दिया है. आग से घिरी बिल्डिंग से फिल्मी अंदाज में बच निकलना एक उम्मीद भरी कहानी के रूप में सामने आया है जो उनकी सूझबूझ और साहस की जीती जागती मिसाल है.

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Edited By: India Daily Live
Kuwait Tragedy
Courtesy: IDL

Kuwait Tragedy: कुवैत के मंगफ में भयानक आग लगने की खबरों के बीच, त्रिकारीपुर, केरल के नलिनकशन की कहानी एक उम्मीद की किरण के रूप में सामने आई है. उनकी फुर्ती और सूझबूझ ने उन्हें जलते हुए भवन से निकलने में मदद की.

आग देखकर भी दिमाग चलाना बंद नहीं किया

परिवार के अनुसार, 25 सालों से एनबीटीसी कंपनी में ड्राइवर के रूप में कार्यरत थझथु नलिनकशन बुधवार की सुबह दफ्तर के लिए निकले थे लेकिन नियति को कुछ और ही मंजूर था. उनके वर्कप्लेस पर स्थित इमारत में अचानक आग लग गई और देखते ही देखते आग पूरी बिल्डिंग में फैल गई. आग की लपटों और घने धुएं ने चारों ओर को घेर लिया. ऊंची मंजिल पर फंसे कई लोगों के लिए स्थिति भयावह होती जा रही थी.

नलिनकशन उस समय इमारत की तीसरी मंजिल पर थे. चारों तरफ आग का तांडव देख उनकी सांसें थमने लगीं लेकिन उन्होंने हिम्मत नहीं हारी. उन्होंने इमारत के लेआउट को याद किया और किसी सुरक्षित निकास की तलाश शुरू कर दी. बचाव दल के पहुंचने का इंतजार करना उनके लिए जानलेवा हो सकता था. उन्होंने नीचे देखने की हिम्मत जुटाई. तभी उन्हें नीचे एक पानी की टंकी दिखाई दी.

तीसरी मंजिल से लगाई छलांग, तो बच गई जान

फैसला लेते हुए उन्होंने बिना किसी देरी के तीसरी मंजिल से छलांग लगा दी. यह उनके जीवन का सबसे बड़ा जुआ था. गनीमत यह रही कि वह सीधे पानी की टंकी में नहीं गिरे, बल्कि टंकी के ऊपर लगी शीट की छत पर जा गिरे. हालांकि, इस गिरने से उन्हें पसलियों में कई फ्रैक्चर हो गए. फिर भी वह किसी तरह नीचे उतर आए और सुरक्षित बच निकले.

नलिनकशन के चाचा टी.वी. बालकृष्णन ने बताया, "हमें बुधवार को लगभग 11 बजे सूचना मिली कि नलिनकशन तीसरी मंजिल से कूदकर जान बचाने में कामयाब हो गए हैं." उन्हें तुरंत अस्पताल ले जाया गया, जहां गुरुवार को उनका ऑपरेशन किया गया.

चमत्कार से कम नहीं नलिनकशन की कहानी

कुवैत की आग में जान गंवाने वाले दुर्भाग्यपूर्ण घटना में नलिनकशन की कहानी एक चमत्कार से कम नहीं है. जहां 49 लोगों की मौत हुई, वहीं नलिनकशन की सूझबूझ और हिम्मत ने उन्हें मौत के चंगुल से निकाल लिया. इस बीच, कुवैत में आग की इस भयानक घटना में जान गंवाने वाले 45 भारतीय पीड़ितों के शवों को शुक्रवार को केरल के एर्नाकुलम स्थित कोचीन अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे लाया गया. 

12 जून को दक्षिणी मंगफ में अल-मंगफ इमारत में लगी आग में कम से कम 49 लोग मारे गए थे, जिनमें से अधिकांश भारतीय थे. बाकी मृतकों में पाकिस्तानी, फिलिपिनो, मिस्री और नेपाली नागरिक शामिल थे. इस इमारत में लगभग 195 प्रवासी श्रमिक रहते थे. भारतीय वायु सेना (IAF) का एक विमान दो दिन पहले कुवैत में आग में मारे गए भारतीयों के शवों को लेकर शुक्रवार को कोच्चि हवाई अड्डे पर उतरा. 

भारत ने गुरुवार रात को कुवैत में आग में मारे गए 49 भारतीयों के शवों को वापस लाने के लिए एक सैन्य परिवहन विमान भेजा था. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने पहले ही प्रत्येक मरने वाले के परिजनों को ₹2 लाख की अनुग्रह राशि (Ex-gratia payment) देने की घोषणा की है.