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India Daily

तीसरे समन पर पेश न होने को लेकर कुणाल कामरा ने दी सफाई, पत्र लिखकर मुंबई पुलिस के सामने रखी ये मांग

महाराष्ट्र के उपमुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे पर अपने जोक के बाद विवाद में घिरे कॉमेडियन कुणाल कामरा ने मुंबई पुलिस को एक पत्र लिखते हुए अनुरोध किया है कि उनका बयान वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए दर्ज किया जाए.

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Edited By: Princy Sharma
Kunal Kamra Controversy
Courtesy: Pinterest

Kunal Kamra Controversy: महाराष्ट्र के उपमुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे पर अपने जोक के बाद विवाद में घिरे कॉमेडियन कुणाल कामरा ने मुंबई पुलिस को एक पत्र लिखा है. उन्होंने पत्र में अनुरोध किया है कि उनका बयान वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए दर्ज किया जाए. कॉमेडियन ने यह अनुरोध तब किया जब खार पुलिस स्टेशन ने उन्हें तीन समन जारी किए, जिसमें उन्हें विवादास्पद बयान के बारे में पूछताछ के लिए उपस्थित होने के लिए कहा गया था. 

2 अप्रैल को उन्हें तीसरा समन जारी किया गया, जिसमें उन्हें 5 अप्रैल को पूछताछ के लिए पुलिस के सामने पेश होने के लिए कहा गया. हालांकि, कुणाल कामरा इन समन का पालन करने में विफल रहे, जिसके कारण उन्होंने अपना बयान देने के लिए वीडियो-कॉन्फ्रेंसिंग ऑप्शन का अनुरोध किया. 

खार पुलिस ने अभी तक नहीं दिया जवाब

खार पुलिस ने अभी तक कुणाल कामरा की नई अपील का जवाब नहीं दिया है. 4 अप्रैल को, खार पुलिस स्टेशन से पुलिस अधिकारियों की एक टीम उनके खिलाफ दर्ज FIR की जांच करने के लिए पांडिचेरी पहुंची. कुणाल कामरा तमिलनाडु के स्थायी निवासी हैं.

क्या है पूरा मामला?

इस बीच, मद्रास उच्च न्यायालय से मामले में 7 अप्रैल तक के लिए कुणाल कामरा को अंतरिम अग्रिम जमानत मिल गई है, जो उस क्षेत्राधिकार से अलग क्षेत्राधिकार में गिरफ्तारी से अस्थायी सुरक्षा प्रदान करता है, जहां प्राथमिकी दर्ज की गई है. 24 मार्च को खार पुलिस ने शिवसेना विधायक मुरजी पटेल की शिकायत पर कुणाल कामरा के खिलाफ मामला दर्ज किया, जो उनके शो ‘नया भारत’ के संबंध में था, जिसमें उन्होंने उपमुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे को ‘गद्दार’ कहा था.

पहले कुणाल कामरा ने कहा था कि वह अपनी टिप्पणी के लिए ‘माफी नहीं मांगेंगे’. बाद में, एक विस्तार बयान में कहा कि कुणाल  कामरा ने जोर देकर कहा कि नेताओं का मजाक उड़ाना कानून के खिलाफ नहीं है. उनके बयान के एक हिस्से में लिखा था, 'एक शक्तिशाली सार्वजनिक व्यक्ति की कीमत पर मजाक को बर्दाश्त न कर पाने की आपकी अक्षमता मेरे अधिकार की प्रकृति को नहीं बदलती है.'