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India Daily

अब बॉम्बे हाईकोर्ट से भी कॉमेडियन कुणाल कामरा को मिली राहत, मुंबई पुलिस और शिवसेना विधायक को नोटिस किया जारी

कॉमेडियन कुणाल कामरा को जहां एक तरफ बॉम्बे हाईकोर्ट की तरफ से राहत मिली है, वहीं दूसरी तरफ बॉम्बे हाईकोर्ट ने कॉमेडियन की याचिका पर मुंबई पुलिस और शिवसेना विधायक मुरजी पटेल को नोटिस जारी किया है.

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Edited By: Antima Pal
Kunal Kamra Case
Courtesy: Social Media

Kunal Kamra Case: बॉम्बे हाईकोर्ट ने कॉमेडियन कुणाल कामरा द्वारा दायर याचिका के जवाब में मुंबई पुलिस और शिवसेना विधायक मुरजी पटेल को नोटिस जारी किया है. कामरा ने अपने खिलाफ दर्ज एफआईआर को चुनौती दी है. यह एफआईआर स्टैंड-अप कॉमेडी शो के दौरान महाराष्ट्र के उपमुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे पर कथित तौर पर 'देशद्रोही' टिप्पणी करने के लिए दर्ज की गई थी.

अब बॉम्बे हाईकोर्ट से भी कॉमेडियन कुणाल कामरा को मिली राहत

बता दें कि न्यायमूर्ति सारंग कोतवाल और न्यायमूर्ति एस एम मोदक की खंडपीठ ने पुलिस और मुरजी पटेल को याचिका पर जवाब देने के लिए कहा है.  अदालत ने 16 अप्रैल 2025 को सुनवाई तय की. यह विवाद शिवसेना विधायक मुरजी पटेल द्वारा दायर की गई शिकायत है, जिसके कारण खार पुलिस ने पिछले महीने कुणाल कामरा के खिलाफ एफआईआर दर्ज की थी. तीन समन जारी होने के बावजूद पुलिस के सामने पेश नहीं होने वाले कॉमेडियन ने 5 अप्रैल को एफआईआर रद्द करने की मांग करते हुए याचिका दायर की थी. 

कुणाल कामरा के वकील वरिष्ठ अधिवक्ता नवरोज सीरवई ने अदालत को बताया कि कॉमेडियन ने अपनी सुरक्षा के लिए खतरों का हवाला देते हुए वीडियो कॉन्फ्रेंस के माध्यम से जांच में सहयोग करने की पेशकश की थी. कुणाल कामरा साल 2021 से तमिलनाडु में रह रहे हैं, जैसा कि उनकी याचिका में कहा गया है. कॉमेडियन की याचिका में कहा गया है कि एफआईआर उनके मौलिक अधिकारों, विशेष रूप से बोलने और अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता के अधिकार और जीवन और स्वतंत्रता के अधिकार का उल्लंघन है. 

मुंबई पुलिस और शिवसेना विधायक को नोटिस किया जारी

कॉमेडियन का कहना है कि उनकी टिप्पणी राजनीतिक घटनाओं, विशेष रूप से शिवसेना के भीतर विभाजन और 2022 में उद्धव ठाकरे के खिलाफ शिंदे की बगावत पर की गई थी.कॉमेडियन की कानूनी टीम ने इस बात पर जोर दिया कि यह कोई गंभीर आपराधिक मामला नहीं है. उन्होंने दावा किया कि जांच जारी रखना कामरा की अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता का गंभीर उल्लंघन होगा.