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Kolkata Misdeed Murder Case: 'मेरी बेटी उस दिन जब वो घर से निकली...', कोलकाता कांड की पीड़िता की मां ने लिखा इमोशनल ओपन लेटर

Kolkata Misdeed Murder Case: कोलकाता कांड की पीड़िता ट्रेनी डॉक्टर की मां की ओर से लिखा गया इमोशनल ओपन लेटर सामने आया है. शिक्षक दिवस यानी गुरुवार को लिखी गई चिट्ठी में ट्रेनी डॉक्टर की मां ने उन शिक्षकों के प्रति आभार व्यक्त किया, जिन्होंने उनकी बेटी को ये सपना पूरा करने में मदद की थी.

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Edited By: India Daily Live
Kolkata Misdeed Murder Case
Courtesy: pinterest

Kolkata Misdeed Murder Case: कोलकाता की ट्रेनी डॉक्टर की मां ने एक इमोशनल ओपन लेटर लिखा है, जिसमें उन्होंने कहा है कि उनकी बेटी ने हमेशा डॉक्टर बनने का सपना देखा था, वो डॉक्टर बनकर पैसे नहीं कमाना चाहती थी, बल्कि अधिक से अधिक मरीजों की सेवा करना चाहती थी. पीड़िता की मां ने एक दिन पहले यानी टीचर्स डे पर ये ओपन लेटर लिखा था.

इमोशनल ओपन लेटर में पीड़िता की मां ने उन शिक्षकों के प्रति आभार व्यक्त किया गया है, जिन्होंने उनकी बेटी को उसके सपने को पूरा करने में मदद की. खुले पत्र में लिखा गया है कि मैं मृतक की मां हूं...आज शिक्षक दिवस पर मैं अपनी बेटी की ओर से सभी शिक्षकों का सम्मान करती हूं. बचपन से ही उसका सपना डॉक्टर बनने का था और आप उस सपने के पीछे प्रेरणा थे.

मां ने अपनी बेटी की सफलता का श्रेय पूरी तरह से उसके शिक्षकों को दिया और कहा कि हालांकि हमारी ओर से भी मेरी बेटी को पूरा सपोर्ट रहा, लेकिन आप जैसे महान शिक्षकों की वजह से ही वो डॉक्टर बनने के अपने सपने को साकार कर पाई.

इमोशनल लेटर में बेटी से बातचीत का भी किया जिक्र

पीड़िता की मां ने अपनी बेटी से हुई बातचीत को भी ओपन लेटर में शामिल किया. उन्होंने लिखा कि मेरी बेटी कहती थी, 'मां, मुझे पैसे की ज़रूरत नहीं है. मैं बस कई डिग्रियां हासिल करना चाहती हूं और ज़्यादा से ज़्यादा मरीज़ों की मदद करना चाहती हूं.

31 साल की ट्रेनी डॉक्टर का शव पिछले महीने 9 अगस्त को आरजी कर मेडिकल कॉलेज और अस्पताल के सेमिनार हॉल में पाया गया था, जिससे पूरे देश में आक्रोश फैल गया था. बेहतर कार्यस्थल सुरक्षा की मांग को लेकर पूरे देश में डॉक्टर हड़ताल पर चले गए थे. कोलकाता पुलिस के एक नागरिक स्वयंसेवक संजय रॉय को अगले दिन गिरफ़्तार कर लिया गया था. हालांकि मामला सीबीआई को सौंप दिया गया, लेकिन विरोध प्रदर्शन जारी है.

'मरीजों का इलाज किया, लेकिन ड्यूटी के दौरान ही हो गई उसकी हत्या' 

पीड़िता की मां ने बताया कि हमले के दिन उनकी बेटी ने कई मरीजों का इलाज किया था, लेकिन ड्यूटी के दौरान उसकी दुखद हत्या कर दी गई. उन्होंने लिखा कि उस दिन भी, जब वह घर से निकली, उसने अस्पताल में कई मरीजों की सेवा की. लेकिन उसके सपनों का बेरहमी से गला घोंट दिया गया. एमडी गोल्ड मेडलिस्ट बनने का उसका लक्ष्य, जो उसी रात तय हुआ था, अधूरा रह गया. इस भयावह घटना के बाद भी, अस्पताल के अधिकारियों और प्रशासन ने सभी सबूत मिटाने के लिए कदम उठाए.

न्याय की मांग करते हुए, पीड़िता की मां ने अपील की कि उसकी (पीड़िता) मां के रूप में, मैं सभी मेडिकल शिक्षकों, डॉक्टरों, स्वास्थ्य अधिकारियों और नर्सिंग स्टाफ से सम्मानपूर्वक अनुरोध करती हूं कि वे घटना के बारे में कोई भी जानकारी या सबूत लेकर आगे आएं. अच्छे लोगों की चुप्पी केवल अपराधियों को ही सशक्त बनाती है.

शव के पास मिली डायरी से पता चला कि डॉक्टर की महत्वाकांक्षा अपने चिकित्सा करियर में स्वर्ण पदक और अन्य प्रतिष्ठित सम्मान जीतने की थी. कुछ रिपोर्ट्स में आरोप लगाए गए हैं कि वारदात के बाद सबूतों को छिपाने के लिए क्राइम स्पॉट के पास रिनोवेशन का आदेश दिया गया था, हालांकि बंगाल की ममता सरकार अब तक इससे इनकार करती रही है.