Kolkata Misdeed Murder Case: आरजी कर मेडिकल कॉलेज एंड हॉस्पिटल की ट्रेनी डॉक्टर के रेप और हत्या के मुख्य आरोपी संजय रॉय को प्रेसिडेंसी जेल में रखा गया है. यहां उसने अपनी वकील से पहली बार बातचीत में कहा कि वो कोर्ट में खुद के दोषी नहीं होने का दावा करना चाहता है. संजय की वकील कबिता सरकार से बात करते हुए उसने ये भी कहा कि पॉलीग्राफ टेस्ट में उसने खुद को निर्दोष बताया है. मख्य आरोपी रॉय के संपर्क में रहने वाले वकीलों के अनुसार, पॉलीग्राफ टेस्ट के दौरान उससे करीब 10 सवाल पूछे गए, जिसमें हत्या करने के बाद उसका अगला कदम क्या था, ये भी शामिल था.
पॉलीग्राफ टेस्ट में संजय रॉय ने दावा किया कि उसने हत्या नहीं की है और ऐसा सवाल ही नहीं उठता. उसने कहा कि वो सेमिनार हॉल में गया था और उसने ट्रेनी डॉक्टर को बेहोश पड़ा पाया था. उसके वकीलों ने दावा किया कि उससे अलग-अलग सवाल पूछे गए, जिसमें उससे ये भी पूछा गया कि उसने कितनी पढ़ाई-लिखाई की है. संजय से घटना से संबंधित कुछ सवाल भी पूछे गए.
पॉलीग्राफ टेस्ट के बाद अपनी वकील कबिता सरकार से बातचीत में दावा किया कि उसे फंसाया जा रहा है क्योंकि वो ट्रेनी डॉक्टर को जानता भी नहीं था. जब वो सेमिनार हॉल में दाखिल हुआ, तो उसने उसे खून से लथपथ देखा. उसने दावा किया कि वो घबरा गया था और मौके से भाग गया. जब सीबीआई अधिकारियों ने उससे पूछा कि अगर वो दोषी नहीं है तो उसने आरजी कर अस्पताल में पुलिस चौकी को क्यों नहीं सूचित किया? तो रॉय ने कहा कि वह घबरा गया था और उसे डर था कि कोई भी उसके बयानों पर विश्वास नहीं करेगा.
जेल अधिकारियों ने कहा कि संजय रॉय को प्रेसीडेंसी जेल में एक उच्च सुरक्षा वाले वार्ड में रखा गया है, ज्यादातर खुद से ही बात करता है. एक अधिकारी ने कहा कि जिस तरह से वो बात करता है, उसमें चिंता, लगभग डर की भावना दिखती है. अधिकारी ने बताया कि आरोपी ने कड़ी सुरक्षा के बीच अपने वकील से लंबी बातचीत की.
सीबीआई अधिकारियों ने अब तक कई गवाहों से बात की है, उनका मानना है कि रॉय मामले से ध्यान हटाने और जांचकर्ताओं को गुमराह करने की कोशिश कर रहा था. लेकिन रॉय के वकीलों ने दावा किया कि सच्चाई का पता लगाने के लिए संजय रॉय के बयान की पुष्टि सीसीटीवी फुटेज से की जा सकती है.
रॉय के लिए लीगल एड डिफेंस काउंसिल सिस्टम की ओर से नियुक्त वकील सरकार ने कहा कि अगर उन्हें सेमिनार हॉल में इतनी आसानी से प्रवेश मिल गया, तो इससे पता चलता है कि उस रात सुरक्षा में चूक हुई थी और किसी और ने भी इसका फायदा उठाया हो सकता है.
सरकार ने कहा कि सीबीआई ने हमारे साथ मामले से जुड़ी कोई भी बात शेयर नहीं की है. रॉय एफआईआर की एक मुफ्त प्रति पाने के हकदार हैं. एजेंसी ने वो भी नहीं दी है. इसके बजाय, हमें अदालत से एक प्रमाणित प्रति प्राप्त करने के लिए कहा गया है.