आरजी कर अस्पताल मामले में पीड़िता की पहचान उजागर करने और अफवाह फैलाने के आरोप में कोलकाता पुलिस ने डॉक्टर कुणाल सरकार, डॉक्टर सुबर्णा गोस्वामी और बीजेपी नेता लॉकेट चटर्जी को तलब किया है. इन सभी को आज दोपहर 3 बजे लालबाजार बुलाया गया है, कोलकाता पुलिस में दो अलग-अलग मामले दर्ज किए गए हैं. एक पीड़िता की पहचान उजागर करने और दूसरा गलत जानकारी फैलाने, जांच और पीएम रिपोर्ट के बारे में गलत सूचना फैलाने के आरोप में दो डॉक्टरों को तलब किया गया है. साथ ही बीजेपी नेता लॉकेट चटर्जी को भी पूछताछ का नोटिस भेजा गया है.
कोलकाता पुलिस ने बीजेपी पूर्व सांसद लॉकेट चटर्जी को भी पूछताछ के लिए बुलाया है. सूत्रों के मुताबिक उन्होंने पीड़िता की पहचान उजागर की और जांच के बारे में गलत जानकारी साझा की है. उन्हें आज दोपहर 3 बजे तक पेश होने के लिए बुलाया गया है.
दरअसल बलात्कार की शिकार लड़की या उस महिला का नाम प्रकाशित-प्रकाशित करने और उसके नाम को ज्ञात बनाने से संबंधित कोई अन्य मामला आईपीसी की धारा 228 ए के तहत अपराध है. आईपीसी की धारा धारा 376, 376 ए, 376बी, 376सी, 376 डी, 376 जी के तहत केस की पीड़िता का नाम प्रिंट या पब्लिश करने पर दो साल की जेल और जुर्माना हो सकता है. इस कानून के तहत बलात्कार पीड़िता के निवास, परिजनों, विश्वविद्यालय या उससे जुड़े अन्य विवरण को भी भी उजागर नहीं कर सकता. ऐसे में बलात्कार पीड़िता का नाम सार्वजनिक करने के लिए कानून में बदलाव की जरूरत है.