कोलकाता के आरजी कर मेडिकल कॉलेज और अस्पताल में एक ट्रेनी डॉक्टर के साथ रेप और हत्या ने पूरे देश को झकझोर कर रख दिया. वारदात को छिपाने की कोशिश और ममता बनर्जी प्रशासन की ओर से दिखाई गई असंवेदनशीलता ने लोगों को सड़कों पर उतरने के लिए मजबूर कर दिया. सोशल मीडिया पर भी विरोध और आक्रोश फैल गया, जिसमें ऑनलाइन फर्जी खबरें भी खूब वायरल हुईं. इन खबरों में से एक में ये दावा किया गया कि रेडलाइट एरिया सोनागाछी की सेक्स वर्कर्स ने दुर्गा प्रतिमाओं के लिए वेश्यालय की मिट्टी देने से इनकार कर दिया है. उन्होंने कोलकाता कांड का विरोध करते हुए ये फैसला लिया है.
इस खबर की पुष्टि के लिए एक न्यूज चैनल ने सोनागाछी की सेक्स वर्कर्स से बातचीत की. इस दौरान सेक्स वर्कर ने बताया कि ये मामला उनसे संबंधित नहीं है. उन्होंने बताया कि ये कोई हालिया मामला नहीं है. कई सालों से समाज में अभी भी सेक्स वर्क को पेशे के तौर पर स्वीकार नहीं किया गया है. हम लंबे समय से सेक्स वर्क को मान्यता देने की मांग कर रहे हैं.
उन्होंने कहा कि सेक्स वर्कर और इस पेशे से जुड़ी हर महिला को बहुत अपमान सहना पड़ता है. हमें लगातार शोषण का सामना करना पड़ता है. यह साल के सिर्फ़ चार दिन यानी दुर्गा पूजा की बात नहीं है, हमें साल के हर दिन सम्मान चाहिए. जब हमें अपने अधिकार मिलेंगे और हमें सम्मान मिलेगा, तो हम मिट्टी देंगे.
सभी त्यौहारों में से, दुर्गा पूजा ही पश्चिम बंगाल में सबसे अधिक उत्साह और उल्लास के साथ मनाई जाती है. ऐसा कहा जाता है कि देवी दुर्गा की मूर्ति के लिए वेश्यालय के बाहर की मिट्टी की आवश्यकता होती है. सोनागाछी की सेक्स वर्कर ने कहा कि अगर कोई हमसे पूछे बिना हमारे इलाके की मिट्टी ले जाता है, तो हम कुछ नहीं कर सकते. अब तक हमने स्वेच्छा से मिट्टी उपलब्ध कराई है.
उन्होंने कहा कि आजकल वेश्यालय से मिट्टी लेना एक व्यापारिक लेन-देन बन गया है. मैंने सुना है कि यह बाजार में भी उपलब्ध है. मैं यह नहीं बता सकती कि यह असली है या नकली. यह तय करना मुश्किल है कि मिट्टी वेश्यालय से ली गई है या कहीं और से व्यापार के लिए.
समाज के अधिकांश वर्गों की तरह, सेक्स वर्कर्स ने भी कोलकाता के सबसे व्यस्त सार्वजनिक अस्पतालों में से एक आरजी कर मेडिकल कॉलेज एवं अस्पताल में ट्रेनी डॉक्टर की रेप-हत्या की घटना का विरोध किया. सेक्स वर्कर ने कहा कि 14 अगस्त को हमने भी विरोध प्रदर्शन में हिस्सा लिया था. हालांकि, हर दिन सोशल मीडिया पर हम महिलाओं के खिलाफ बलात्कार और अत्याचार की खबरें देखते हैं. हम कहना चाहते हैं कि ये अत्याचार अब बंद होने चाहिए. ऐसा कई बार हो चुका है. महिलाओं का शोषण हर जगह होता है.
दुर्गा पूजा के लिए वेश्यालयों से मिट्टी लाने की परंपरा के बारे में वह कहती हैं कि मिट्टी इकट्ठा करने की परंपरा और प्रक्रिया बदल गई है. पश्चिम बंगाल के सबसे बड़े मूर्ति निर्माण क्षेत्र का जिक्र करते हुए वह कहती हैं कि दुर्गा पूजा उत्सव से कई महीने पहले कुमारतुली में हमेशा बहुत अधिक चहल-पहल रहती है.
सोनागाछी की सेक्स वर्कर ने कहा कि परंपरागत रूप से यह माना जाता है कि दुर्गा प्रतिमा बनाने के लिए वेश्यालय की मिट्टी का इस्तेमाल किया जाना चाहिए. ऐसा कहा जाता है कि इस मिट्टी के बिना दुर्गा प्रतिमा बनाना असंभव है. इस 'पवित्र मिट्टी' को पाने के लिए, किसी को वेश्यालय जाना चाहिए और किसी सेक्स वर्कर से इसे मांगना चाहिए. पहले, कारीगर खुद इस मिट्टी को इकट्ठा करने जाते थे. अब, कारीगर मिट्टी इकट्ठा करने के लिए वेश्यालय नहीं जाते हैं.