नई दिल्ली: PM मोदी की छवि को गढऩे में जिस शख्स ने बड़ी अहम भूमिका निभाई. उस शख्स का नाम मनीष बरडिया है. बरडिया को साल 2001 में गुजरात के तत्कालीन मुख्यमंत्री नरेंद्र मोदी ने उन्हें उनके पार्टनर शालिभद्र शाह के साथ मिलने के लिए बुलाया. इस मुलाकात में मोदी ने उन्हें 15 मिनट की एक फिल्म बनाने को कहा. इस फिल्म में 26 जनवरी को राज्य में आए भूकंप के बाद राज्य सरकार के किए गए पुनर्वास के प्रयासों का लेखा-जोखा देना था. जिसे उनहोंने बनाया था.
बरड़िया बाताते है कि वह अपनी पहली ही मुलाकात में मोदी की प्रतिबद्धता, तेज विचारों, मीडिया पर पकड़, जनता से जुड़ाव और ऊर्जा से बहुत प्रभावित हुए. पीएम मोदी ने बताया कि हमने जो नए मकान बनाए हैं, उनसे कहीं ज्यादा मैं इस फिल्म में अपने काम से उदास चेहरों पर खिली हुई मुस्कान दिखाना चाहता हूं. मोदी के आठ अधिकारी वहां जानकारी देने के लिए मौजूद थे. बरडिया बताते है कि बैठक खत्म होने तक पूरी फिल्म मेरे दिमाग में बनकर तैयार थी. मोदी ने संरचना तैयार करने में मेरी मदद की थी.
बरड़िया की कंपनी मूविंग पिक्सल ने मोदी के लिए तमाम ऑडियो विजुअल और प्रजेंटेशन तैयार किए हैं. जिसमें उनके विकास के गुजरात मॉडल की प्रशंसा की गई. साथ ही कई चुनावों के दौरान राजनीतिक फिल्में भी बनाई गई. उन्होंने 2007 में लेटेक्स से बना अब प्रसिद्ध मोदी मुखौटा भी बनाया था.
पीएम मोदी की जापान, चीन और इज़राइल यात्राओं के दौरान, वह हमेशा अपने साथ बरदिया की 10 मिनट की एक फिल्म ले जाते थे, जिसमें गुजरात की ताकत, यात्रा किए गए देशों के साथ इसकी सांस्कृतिक और आर्थिक समानता और दोनों एक-दूसरे से कैसे लाभान्वित हो सकते हैं, पर प्रकाश डाला गया था.