जानें पिछले 5 सालों में देश का सबसे प्रदूषित शहर कौन, कई शहरों में पीएम 2.5 में दर्ज की गयी गिरावट?
Delhi Air Pollution: रेस्पिरर रिपोर्ट के अनुसार अक्टूबर के महीने में दिल्ली में पीएम (पार्टिकुलेट मैटर) 2.5 का स्तर देश में सबसे अधिक था और 2021 के बाद से इसमें लगातार बढ़ोतरी देखी जा रही है.
नई दिल्ली: दिल्ली में वायु प्रदूषण चुनौती बनने जा रही है. दिल्ली के पर्यावरण मंत्री गोपाल राय ने कहा कि 1 नवंबर से अगले 15-20 दिन AQI के लिहाज से काफी अहम रहने वाले है. खराब होती हवा की गुणवत्ता को देखते हुए अगले दो दिनों के लिए सरकारी और प्राइवेट स्कूलों को 2 दिन तक बंद रहने का आदेश दिया गया है.
दिल्ली में पीएम 2.5 का स्तर देश में सबसे अधिक
रेस्पिरर रिपोर्ट के अनुसार अक्टूबर के महीने में दिल्ली में पीएम (पार्टिकुलेट मैटर) 2.5 का स्तर देश में सबसे अधिक था और 2021 के बाद से इसमें लगातार बढ़ोतरी देखी जा रही है. हालिया रिपोर्ट के मुताबिक पिछले पांच सालों में वायु गुणवत्ता के विश्लेषण पर रिपोर्ट में कहा गया है कि जहां देश के चार प्रमुख शहरों में वायु प्रदूषण में वृद्धि हुई है, वहीं लखनऊ और पटना जैसी राज्यों की राजधानियों में इसमें गिरावट आई है. दिल्ली, मुंबई, हैदराबाद और कोलकाता में अक्टूबर 2023 में पीएम 2.5 का स्तर एक साल पहले की तुलना में अधिक देखा गया, वहीं चेन्नई में एक साल पहले की तुलना में 23 प्रतिशत से अधिक की गिरावट देखी गई.
जानें राज्यों में क्या है पीएम के आकड़े?
अध्ययन में भारत के आठ प्रमुख राज्यों की राजधानियों दिल्ली, मुंबई, चेन्नई, कोलकाता, बेंगलुरु, लखनऊ और पटना में 2019 और 2023 के बीच पीएम 2.5 सांद्रता का विश्लेषण किया गया. लखनऊ और पटना में अक्टूबर पीएम 2.5 का स्तर 2022 और 2023 के बीच गिरा, जो पिछले सालों की तुलना में बढ़ा हुआ है. लखनऊ में 2019 और 2020 के बीच पीएम 2.5 में 55.2 प्रतिशत की वृद्धि हुई. 2021 में 53.4 प्रतिशत की गिरावट आई. 2022 में फिर से 6.2 प्रतिशत की वृद्धि हुई और 2023 में फिर से 0.9 प्रतिशत की गिरावट आई. पटना में पीएम 2.5 में 2019 और 2020 के बीच 14 प्रतिशत की गिरावट आई, 2021 में 36.7 प्रतिशत की गिरावट आई, 2022 में 47.7 प्रतिशत की उल्लेखनीय वृद्धि हुई, फिर 2023 में 11.1 प्रतिशत की गिरावट आई.
बेंगलुरु और चेन्नई PM में गिरावट
बेंगलुरु और चेन्नई में पीएम 2.5 का स्तर 2022 और 2023 के बीच गिर गया. बेंगलुरु में 2019 और 2020 के बीच पीएम 2.5 में 72.1 प्रतिशत की उल्लेखनीय वृद्धि हुई है. 2021 में 5.8 प्रतिशत की मामूली गिरावट आई, 2022 में फिर से 29.6 प्रतिशत की वृद्धि हुई और 2023 में एक बार फिर 11.6 प्रतिशत की गिरावट आई. चेन्नई में पीएम 2.5, 2019 और 2020 के बीच 43.2 प्रतिशत बढ़ गया, 2021 में 27.8 प्रतिशत गिर गया, 2022 में फिर 61.6 प्रतिशत बढ़ गया और 2023 में 23.7 प्रतिशत कम हो गया.
जानें मुंबई का क्या है हाल?
रिपोर्ट के अनुसार मुंबई में अक्टूबर में 2019 से 2023 तक पीएम 2.5 के स्तर में लगातार वृद्धि देखी गई, जो वायु गुणवत्ता में महत्वपूर्ण गिरावट का संकेत है. मुंबई में पिछले महीने एक साल पहले अक्टूबर की तुलना में प्रदूषण 42 प्रतिशत से अधिक बढ़ गया था. पहले के वर्षों में पीएम 2.5 2019 और 2020 के बीच बढ़ा 54.2 प्रतिशत, 2021 में 3 प्रतिशत कम हुआ है. हैदराबाद और कोलकाता में अक्टूबर पीएम 2.5 का स्तर 2022 की तुलना में 2023 में बढ़ गया.
जानें हैदराबाद और कोलकाता की क्या है स्थिती?
हैदराबाद में पीएम 2.5 2019 और 2020 के बीच 59 प्रतिशत बढ़ गया. 2021 में थोड़ा 2.9 प्रतिशत कम हो गया और 2022 में 29.1 प्रतिशत कम हो गया, लेकिन 2023 में फिर से 18.6 प्रतिशत बढ़ गया. कोलकाता में पीएम 2.5 2019 और 2020 के बीच 26.8 प्रतिशत कम हो गया, 2021 में 51.7 प्रतिशत बढ़ गया, 2022 में 33.1 प्रतिशत कम हो गया और 2023 में फिर से 40.2 प्रतिशत बढ़ गया.
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