menu-icon
India Daily

बदल रही है देश की सियासत की धुरी, जानें सियासी दलों के लिए OBC की राजनीति जरूरी या मजबूरी?

Women Reservation Bill: तमाम राजनीतिक पार्टियों महिला आरक्षण बिल का समर्थन करते हुए ओबीसी के लिए अलग आरक्षण देने की मांग की है.

auth-image
Edited By: Avinash Kumar Singh
बदल रही है देश की सियासत की धुरी, जानें सियासी दलों के लिए OBC की राजनीति जरूरी या मजबूरी?

 Women Reservation Bill: महिलाओं को 33 प्रतिशत आरक्षण देने वाला नारी शक्ति वंदन दोनों विधेयक सदनों से पास हो गया है. राज्यसभा और लोकसभा में लंबी चर्चा के दौरान इस बिल के समर्थन में तमाम सियासी दलों के नेताओं ने अपनी पार्टी का मजबूती से पक्ष रखा. तमाम राजनीतिक पार्टियों महिला आरक्षण बिल का समर्थन करते हुए आरक्षण में आरक्षण की मांग की. कांग्रेस समेत तमाम दलों के नेताओं ने ओबीसी के लिए अलग आरक्षण देने की मांग की है.

राहुल गांधी ने महिला आरक्षण में OBC की हिस्सेदारी की उठाई मांग

बीते दिनों लोकसभा में बोलते हुए कांग्रेस सांसद राहुल गांधी ने कहा कि ''हम महिला आरक्षण बिल को समर्थन है. ये महिलाओं के लिए बहुत जरूरी कदम है. महिलाओं ने देश की आजादी के लिए भी लड़ाई लड़ी है. ये लोग हमारे बराबर है और कई मामलों में हमारे से आगे भी है, लेकिन मेरे विचार से यह विधेयक अधूरा है. इसमें ओबीसी आरक्षण को जोड़ा जाना चाहिए"

1931 में देश में आखिरी बार हुआ जातिवार जनगणना

देश की सियासत में ओबीसी की राजनीति हमेशा से केंद्र बिंदु में रहा है. सरकार ने महिला आरक्षण को लागू करने से पहले परिसीमन और जनगणना कराने की बात कही है. ऐसे में विपक्षी दलों की ओर से जातिवार जनगणना कराकर महिला आरक्षण में ओबीसी समाज की महिलाओं को हिस्सेदारी देने की मांग जोर-शोर से उठाई जा रही है. देश में आखिरी बार जातिवार जनगणना की गिनती 1931 में हुई थी. तब देश में 52% आबादी OBC थी. इसके बाद से इसकी गिनती नहीं हुई. अगर हुई भी तो इसे सार्वजनिक नहीं किया गया.

देश की सियासत में OBC समाज बड़ा गेम चेंजर

विपक्ष सामाजिक न्याय के नाम पर साल 2024 के चुनावों में जातिगत जनगणना का मुद्दा उठाकर BJP पर दबाव बनाने और पिछड़े वोट को अपने पक्ष में करने की कोशिशों में जुटा हुआ हैं. विपक्ष जानता है कि देश में जातीय जनगणना होती है तो असली आंकड़ा सामने आएगा. इसके बाद पिछड़ी जातियों को मिलने वाले 27% आरक्षण को उनकी आबादी के हिसाब से बढ़ाने की मांग भी तेज होगी. जिससे देश में ओबोसी की सियासत तेज होगी. 

यह भी पढ़ें: क्या होती है परिसीमन और जनगणना, महिला आरक्षण के लिए क्यों है जरूरी, जानें इसके सारे नियम?