जानें क्या है यम नियम? रामलला प्राण प्रतिष्ठा से पहले PM मोदी जिसका कर रहे पालन

पीएम मोदी ने ऑडियो संदेश जारी करते हुए 11 दिन का विशेष अनुष्ठान आरंभ करने की बात कहीं थी. इस दौरान पीएम मोदी ने कहा कि राम मंदिर के यजमान की भूमिका में आने के लिए उन्होंने यम नियम का पालन करना शुरू कर दिया है.

Avinash Kumar Singh

नई दिल्ली: रामलला की प्राण प्रतिष्ठा को लेकर तैयारियां अपने अंतिम दौर में है. बीते कल पीएम मोदी ने ऑडियो संदेश जारी करते हुए 11 दिन का विशेष अनुष्ठान आरंभ करने की बात कहीं थी. इस दौरान पीएम मोदी ने कहा कि राम मंदिर के यजमान की भूमिका में आने के लिए उन्होंने यम नियम का पालन करना शुरू कर दिया है. ऐसे में हम आइए आपको बताते है कि यम नियम क्या हैं. 

यम को लेकर इन बातों का रखना होता है ध्यान?  

धार्मिक और वैदिक मान्यताओं के अनुसार किसी भी मंदिर के प्राण प्रतिष्ठा औप यज्ञ समारोह के लिए दीक्षित होने से पहले शारीरिक, मानसिक और आत्मिक तौर पर केंद्रित होने के लिए यम नियम का पालन करने का शास्त्र सम्मत वैदिक विधान है. हमारे शास्त्रों में अष्टांग योग के 8 अंगों में सबसे पहले यम और फिर नियम की ही व्याख्या की गई है. जिनमें यम के पांच प्रकार अहिंसा, सत्य, अस्तेय, ब्रह्मचर्य और अपरिग्रह यानी मन है. वचन और कर्म से अहिंसा और सत्य का पालन करना और अस्तेय यानी चोरी की भावना का त्याग करते हुए ब्रह्मचर्य का पालन करना है. 

जानें नियम के क्या है वैदिक विधान? 

वहीं पांच नियम भी है. इनमें सबसे पहले शुचिता यानी स्वच्छता, संतोष की भावना, तप और जप यानी प्रणव मंत्र का जाप, धर्म शास्त्रों का स्वाध्याय और ईश्वर का प्राणिधान यानी पूर्ण आस्था से ईश्वर की भक्ति शामिल है. ऐसी मान्यता है कि यम और नियम के इन नियमों का अनिवार्य पालन करने वाला कोई भी व्यक्ति यजमान बनकर प्राण प्रतिष्ठा, अनुष्ठान, यज्ञ करने का शास्त्रीय तौर पर अधिकारी हो जाता है.

PM मोदी ने ऑडियो संदेश में यम-नियम का किया था जिक्र 

पीएम मोदी ने अपने ऑडियो संदेश में कहा कि अयोध्या में रामलला की प्राण प्रतिष्ठा में केवल 11 दिन ही बचे हैं. मेरा सौभाग्य है कि मैं भी इस पुण्य अवसर का साक्षी बनूंगा. आध्यात्मिक यात्री का कुछ तपस्वी आत्माओं और महापुरुषों से मुझे जो मार्गदर्शन मिला, उन्होंने जो यम-नियम सुझाए, उसके अनुसार मैं आज से 11 दिन का विशेष अनुष्ठान आरंभ कर रहा हूं. इस पवित्र अवसर पर मैं परमात्मा के श्रीचरणों में प्रार्थना करता हूं. ऋषियों, मुनियों, तपस्वियों का पुण्य स्मरण करता हूं और जनता जनार्दन जो ईश्वर का रूप है, उनसे प्रार्थना करता हूं कि आप मुझे आशीर्वाद दें, ताकि मन, वचन, कर्म से मेरी तरफ से कोई कमी न रहे.

रामलला प्राण प्रतिष्ठा के लिए 84 सेकंड का मुहूर्त 

अयोध्या में रामलला प्राण-प्रतिष्ठा समारोह के लिए वैदिक अनुष्ठान 16 जनवरी को शुरू होगा. वाराणसी के वैदिक विद्वान लक्ष्मी कांत दीक्षित 22 जनवरी को राम लला के अभिषेक समारोह का मुख्य अनुष्ठान करेंगे. 22 जनवरी को रामलला की प्राण प्रतिष्ठा के लिए 84 सेकंड का अति सूक्ष्म मुहूर्त निकाला गया है. जो 12 बजकर 29 मिनट 8 सेकंड से 12 बजकर 30 मिनट 32 सेकंड तक होगा. मध्‍याह्न काल में मृगशिरा नक्षत्र में 84 सेकेंड के मुहूर्त में प्रधानमंत्री मोदी रामलला के विग्रह की आंखों में बंधी पट्टी यानी दिव्‍य दृष्टि खोलने के बाद काजल व टीका लगाने के साथ-साथ भगवान रामलला की महाआरती करेंगे.