नई दिल्ली: अयोध्या भारत के प्रमुख तीर्थ स्थलों में बेहद अहम स्थान रखता है. हिंदू धर्म में आस्था रखने वाले हर भारतीय की इच्छा होती है कि वो अपने जीवनकाल में अयोध्या जाकर भगवान श्रीराम का दर्शन-पूजन कर सके. अयोध्या जाने के दौरान रामभक्त भगवान राम का दर्शन करने के साथ-साथ प्रभु हनुमान का दर्शन करते है. अयोध्या में स्थित हनुमानगढ़ी ऐतिहासिक और धार्मिक मान्यता है.
प्राचीन सिद्धपीठ हनुमानगढ़ी को अधोध्या का सबसे प्रसिद्ध हनुमान मंदिर माना जाता है. बताया जाता है कि हनुमानगढ़ी मंदिर की स्थापना करीब 300 साल पहले स्वामी अभयराम जी ने की थी. धार्मिक मान्यताओं के अनुसार अयोध्या में सबसे पहले हनुमानगढ़ी मंदिर में बजरंगबली के दर्शन करके उनका आशीर्वाद लेना चाहिए, फिर उसके बाद अन्य मंदिरों का दर्शन करना चाहिए. कहां जाता है कि हनुमानजी की कृपा के बिना किसी को रामजी का आशीर्वाद नहीं मिलता है. भगवान राम के दर्शन करने से पहले उनके सबसे प्रिय भक्त हनुमानजी के दर्शन और उनकी आज्ञा लेना जरूरी माना जाता है.
ऐसी धार्मिक मान्यता है कि अयोध्या के राजा रामचंद्र जी ने अयोध्या का राजपाठ अपने पुत्रों लव-कुश को ना सौंप कर अपने अनन्य भक्त हनुमानजी को सौपा था और वर्तमान में अयोध्या के राजा बजरंगबली है और रामलला का दर्शन करने से पहले हनुमानजी का दर्शन करना अनिवार्य है तभी अयोध्या आना पूर्ण माना जाता है. बजरंगबली का अतिप्रिय भोग लड्डू का प्रसाद बजरंगी भगवान को चढ़ाया जाता है.
22 जनवरी को रामलला की प्राण प्रतिष्ठा के लिए 84 सेकंड का अति सूक्ष्म मुहूर्त निकाला गया है. जो 12 बजकर 29 मिनट 8 सेकंड से 12 बजकर 30 मिनट 32 सेकंड तक होगा. पीएम मोदी के हाथों भगवान रामलला की प्राण प्रतिष्ठा होगी. ऐसे में मंदिर ट्रस्ट की ओर से तमाम तैयारियों को पूरा किया जा रहा है.