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हरियाणा में टूटा SRK ग्रुप, बीजेपी में पहुंच गईं किरण चौधरी, पढ़िए क्या है कांग्रेस को मिले झटके की वजह

Kiran Chaudhary: विधानसभा चुनाव से ठीक पहले हरियाणा में कांग्रेस को बड़ा झटका लगा है. चौधरी बंसी लाल की बहू और पोती यानी किरण चौधरी और श्रुति चौधरी कांग्रेस से इस्तीफा देकर बीजेपी में शामिल हो गई हैं. किरण चौधरी लगातार चार बार से विधायक हैं. वहीं, श्रुति चौधरी भी कांग्रेस की सांसद रह चुकी हैं. अब मां-बेटी की यह जोड़ी बीजेपी के साथ राजनीति करती नजर आएगी.

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Edited By: Nilesh Mishra
Kiran Chaudhary and Shruti Chaudhary
Courtesy: Social Media

हरियाणा कांग्रेस में एक गुट हुआ करता था. इस गुट का नाम था SRK. अचानक यह SRK गुट टूट गया है. हरियाणा कांग्रेस में भूपेंद्र सिंह हुड्डा के खिलाफ बने इस गुट में से किरण चौधरी अलग हो गई हैं. चौधरी बंसी लाल की बहू किरण चौधरी ने अब कांग्रेस का हाथ छोड़ दिया है और भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) में शामिल हो गई हैं. उनके साथ उनकी बेटी और कांग्रेस की सांसद रहीं श्रुति चौधरी भी बीजेपी में चली गई हैं. इस तरह हरियाणा के तीनों 'लाल' का परिवार अब बीजेपी में शामिल हो गया है. इससे पहले देवीलाल के बेटे रणजीत सिंह चौटाला और भजनलाल के परिवार से आने वाले कुलदीप बिश्नोई भी बीजेपी के पाले में जा चुके हैं. विधानसभा चुनाव से ठीक पहले यह कहा जा रहा है कि भूपेंद्र सिंह हुड्डा ने अपने एक और विरोधी को किनारे लगा दिया है.

कांग्रेस नेता रहीं श्रुति चौधरी चौधरी बंसी लाल की पोती हैं. साल 2009 में कांग्रेस ने उन्हें भिवानी-महेंद्रगढ़ लोकसभा सीट से टिकट दिया था. वह चुनाव जीतीं और सांसद बनीं. 2014 में आई मोदी लहर में कांग्रेस हरियाणा की सभी 10 सीटों पर चुनाव हार गई. हालांकि, 2019 में कांग्रेस ने फिर से उन पर भरोसा जताया. एक बार फिर कांग्रेस का वही हाल हुआ और श्रुति चौधरी भी 2019 में इसी सीट से अपना चुनाव हार गईं. 2024 में भी किरण चौधरी चाह रही थीं कि श्रुति को लोकसभा का टिकट मिल जाए लेकिन ऐसा नहीं हुआ. इस बार हुड्डा कैंप के कहे जाने वाले राव दान सिंह को टिकट मिल गया. हालांकि, वह भी इस सीट से चुनाव हार गए हैं.

कांग्रेस से दिए इस्तीफे में भी किरण चौधरी ने परोक्ष रूप से हुड्डा पर ही आरोप लगाए थे. उन्होंने लिखा कि प्रदेश के कुछ लोगों ने कांग्रेस को अपनी जागीर समझ लिया है. किरण चौधरी ने ऐसे वक्त में कांग्रेस से इस्तीफा दिया है, जब उनका कार्यकाल पूरा होने वाला है और इसी साल हरियाणा में विधानसभा के चुनाव होने हैं.

क्या है SRK ग्रुप?

हरियाणा कांग्रेस लंबे समय से गुटबाजी परेशान रही है. भूपेंद्र हुड्डा के विरोधी आरोप लगाते रहे हैं कि वह कांग्रेस को अपने मन से चलाते हैं. साथ ही, दबे स्वर में यह भी कहा जाता है कि भूपेंद्र हुड्डा अपने बाद अपने बेटे दीपेंद्र हुड्डा को सीएम फेस बनाना चाहते हैं. इसी को लेकर लंबे समय से हरियाणा कांग्रेस के नेता हुड्डा के खिलाफ रहे हैं. कांग्रेस ने जब अशोक तंवर को अध्यक्ष बनाया था, तब हुड्डा हाशिए पर चले गए थे. हालांकि, 2020 के विधानसभा चुनाव से ठीक पहले अशोक तंवर को जिस अंदाज में हटाया गया उससे हुड्डा को फिर से बल मिला. यह भी कहा गया कि अगर हुड्डा को पहले ही आजादी दे दी गई होती तो वह विधानसभा चुनाव जिता ले गए होते. हालांकि, उनके विरोधी इस बात से इत्तेफाक नहीं रखते.

हरियाणा कांग्रेस में भूपेंद्र सिंह हुड्डा के इसी विरोधी गुट का नाम पड़ा था SRK. S यानी कुमारी शैलजा, R मतलब रणदीप सुरजेवाला और K यानी किरण चौधरी. जनवरी 2024 में इस ग्रुप ने हरियाणा भर में एक संदेश यात्रा निकाली. इस यात्रा में न तो भूपेंद्र हुड्डा को बुलाया गया और ना ही उनको शामिल होना था. दूसरी तरफ, भूपेंद्र सिंह हुड्डा अलग से प्रचार करते रहे. टिकट के बंटवारे में भी जमकर खींचतान देखी गई. बीजेपी के आए बृजेंद्र सिंह और श्रुति चौधरी जैसे नेताओं को टिकट नहीं मिला. यहां पर भी भूपेंद्र सिंह हुड्डा पर अपने हिसाब से टिकट बंटवाने के आरोप लगे.

क्या है किरण चौधरी और श्रुति चौधरी की कहानी?

किरण चौधरी हरियाणा के चर्चित राजनीतिक परिवार की बहू यानी चौधरी बंसीलाल की बहू हैं. वह बंसीलाल के बेटे दिवंगत सुरेंद्र सिंह की पत्नी हैं. हरियाणा की चर्चित तोशाम विधानसभा सीट बंसी लाल के नाम से ही जानी जाती है. इस सीट से बंसीलाल 5 बार चुनाव जीते थे. सुरेंद्र सिंह भी इसी सीट से 2 बार चुनाव जीते. साल 2005 में हेलिकॉप्टर क्रैश में ओपी जिंदल के साथ सुरेंद्र सिंह की भी मौत हो गई. इसी के बाद किरण चौधरी की राजनीति में एंट्री होती है. 2005 से लगातार चार बार वह विधानसभा का चुनाव जीत चुकी हैं.

श्रुति चौधरी बंसीलाल परिवार की तीसरी पीढ़ी से हैं. वह एक बार सांसद भी रह चुकी हैं और दो बार लोकसभा का चुनाव हार चुकी हैं. अब कहा जा रहा है कि आगामी विधानसभा चुनाव में किरण चौधरी बीजेपी के टिकट पर तोशाम से चुनाव लड़ सकती हैं. वहीं, श्रुति चौधरी को राज्यसभा भेजे जाने की चर्चाएं चल रही है.

हालांकि, चर्चाएं यह भी हैं कि पिछले दो चुनावों से किरण चौधरी की जीत-हार का अंतर कम होता जा रहा था. ऐसे में उनकी चिंताएं भी बढ़ी हुई थीं. दूसरी तरफ, कांग्रेस एक बार फिर से हुड्डा के पक्ष में जाती दिख रही है. ऐसे में उन्होंने कांग्रेस का साथ छोड़ने में ही अपनी भलाई समझी. दूसरी तरफ, हरियाणा में पांच लोकसभा सीटें गंवाने वाली बीजेपी भी लगातार उन लोगों को जोड़ने में जुट गई है जो विधानसभा चुनाव में किसी भी तरह से उसका फायदा करा सकते हैं.