menu-icon
India Daily

पिता ने भारत सरकार को 1947 दिए थे 47 लाख रुपये, 47 KG सोना; अब बेटा धीरज साहू लगा रहा देश को चूना!

2018 में राज्यसभा चुनाव में दिए हलफनामे के मुताबिक, धीरज साहू की सालाना आमदनी करीब 1 करोड़ रुपये थी. उनकी पत्नी के पास 94.5 लाख रुपये का 3.1 किलोग्राम सोना था, जबकि धीरज के पास 26.16 लाख रुपये की हीरे की ज्वैलरी थी.

auth-image
Edited By: Om Pratap
Know about dhiraj prasad sahu family father Baldev Sahu

हाइलाइट्स

  • धीरज के बड़े भाई शिव, इंदिरा गांधी के थे करीबी
  • शिव प्रसाद साहू रांची से दो बार रहे थे सांसद

Know about dhiraj prasad sahu family father Baldev Sahu: कांग्रेस सांसद धीरज साहू के ठिकानों पर बुधवार से लगातार कैश की गिनती जारी है. अब तक 351 करोड़ कैश की गिनती हो चुकी है, जबकि अभी और कैश है, जिनकी गिनती की जानी है. अनुमान के मुताबिक, बरामद किए जा रहे कैश 400 करोड़ से ज्यादा हो सकते हैं. झारखंड से कांग्रेस के राज्यसभा सांसद फिलहाल भारी मात्रा में कैश को लेकर निशाने पर हैं, लेकिन एक वक्त ऐसा था, जब उनके पिता बलदेव साहू ने भारत की अर्थव्यवस्था को मजबूत करने के लिए 47 लाख रुपये कैश और 47 किलोग्राम सोना दान में दिया था. बात 1947 के बाद की है. 

धीरज प्रसाद साहू के परिवार का देश की सबसे पुरानी राजनीतिक पार्टी कांग्रेस से पुराना नाता रहा है. धीरज साहू को लेकर उनके छह भाई थे, जिनमें से चार राजनीति में आ गए. उनके भाइयों में शिव प्रसाद साहू, नंदलाल प्रसाद साहू, उदय प्रसाद साहू, किशोर प्रसाद साहू, गोपाल प्रसाद साहू शामिल हैं.

  • शिव प्रसाद साहू लोकसभा सांसद थे और उन्होंने कांग्रेस के टिकट पर दो बार (1980, 84) रांची लोकसभा सीट जीती थी. जनवरी 2001 में 67 वर्ष की उम्र में उनका निधन हो गया था. धीरज के एक अन्य भाई नंदलाल साहू का भी निधन हो चुका है.
  • गोपाल साहू ने 2019 में कांग्रेस के टिकट पर हजारीबाग लोकसभा सीट से चुनाव लड़ा, लेकिन हार गए. चौथे भाई उदय साहू भी कांग्रेस से जुड़े हुए हैं.
  • धीरज साहू ने झारखंड की चतरा लोकसभा सीट से दो बार चुनाव लड़ा लेकिन जीत नहीं सके. जून 2009 में धीरज राज्यसभा उपचुनाव में विजयी हुए. इसके बाद जुलाई 2010 और फिर तीसरी बार मई 2018 में राज्यसभा सांसद चुने गए.

इंदिरा गांधी के करीबी थे शिव प्रसाद साहू

धीरज साहू के बड़े भाई शिव प्रसाद साहू को पूर्व प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी का कारीबी माना जाता है. कहा जाता है कि इंदिरा गांधी से करीबी होने के कारण शिव प्रसाद साहू के परिवार का राजनीति में काफी प्रभाव था. लोकसभा, विधानसभा चुनावों के दौरान बात टिकट बंटवारे की हो या फिर चुनाव जीतने के बाद बात मंत्रिपद की हो, शिव प्रसाद साहू की सिफारिश काफी काम आती थी. साहू परिवार मूलरूप से झारखंड के लोहरदगा जिले से आता है. 

लोहरदगा जिले में साहू परिवार का पुश्तैनी मकान है, जिसे 'व्हाइट हाउस' के नाम से जाना जाता है. साहू परिवार का मूल कारोबार शराब इंडस्ट्री पर बेस्ड है. उनकी अधिकतर कंपनियां झारखंड के पड़ोसी राज्य ओडिशा में हैं.