सुप्रीम कोर्ट के जस्टिस भूषण रामकृष्ण गवई 14 मई को भारत के अगले मुख्य न्यायाधीश के रूप में शपथ लेने वाले हैं. उनके नाम की सिफारिश वर्तमान सीजेआई संजीव खन्ना ने कानून मंत्रालय को की थी. जस्टिस गवई वर्तमान में सीजेआई खन्ना के बाद सर्वोच्च न्यायालय के सबसे वरिष्ठ न्यायाधीश हैं.
बता दें कि, खन्ना 13 मई को सेवानिवृत्त हो रहे हैं, जिसके बाद न्यायमूर्ति गवई देश की सर्वोच्च न्यायपालिका की कमान संभालेंगे.
आने वाले सुप्रीम कोर्ट के CJI बी.आर. गवई के बारे में 5 तथ्य
- 24 नवंबर 1960 को महाराष्ट्र के अमरावती में जन्मे न्यायमूर्ति गवई ने 1985 में अपना कानूनी करियर शुरू किया. जहां साल 1987 में बॉम्बे हाई कोर्ट में स्वतंत्र प्रैक्टिस शुरू करने से पहले उन्होंने पूर्व महाधिवक्ता और उच्च न्यायालय के न्यायाधीश स्वर्गीय राजा एस भोंसले के साथ काम किया.
- जस्टिस गवई ने संवैधानिक और प्रशासनिक कानून पर ध्यान केंद्रित किया. उन्होंने नागपुर और अमरावती नगर निगमों, अमरावती विश्वविद्यालय और SICOM और DCVL जैसे राज्य संचालित निगमों सहित कई नागरिक और शैक्षिक निकायों का प्रतिनिधित्व किया.
- अगस्त 1992 में उन्हें बॉम्बे हाई कोर्ट की नागपुर बेंच में सहायक सरकारी वकील और अतिरिक्त सरकारी वकील नियुक्त किया गया. हालांकि, बाद में वे 2000 में उसी बेंच के लिए सरकारी वकील और सरकारी वकील बन गए.
- न्यायमूर्ति गवई को 14 नवंबर, 2003 को बॉम्बे हाई कोर्ट के अतिरिक्त न्यायाधीश के रूप में नियुक्त किया गया था और 2005 में वे स्थायी न्यायाधीश बन गए. उन्होंने मुंबई में हाई कोर्ट की मुख्य पीठ और नागपुर, औरंगाबाद और पणजी में पीठों में काम किया. उन्हें 24 मई, 2019 को सर्वोच्च न्यायालय में पदोन्नत किया गया.
- न्यायमूर्ति गवई 14 मई को सीजेआई का पदभार संभालेंगे और भारत के 52वें मुख्य न्यायाधीश बनेंगे. वे 23 नवंबर, 2025 को अपनी सेवानिवृत्ति तक इस पद पर बने रहेंगे.