Kisan Andolan: नोएडा और ग्रेटर नोएडा के करीब 149 गांवों के किसान दिल्ली कूच कर गए हैं. इस आंदोलन के चलते दिल्ली और उसके आस-पास के इलाकों में भारी ट्रैफिक जाम देखने को मिला है. 8 फरवरी को हजारों किसान अपनी मांग को लेकर संसद की ओर बढ़ते नजर आए. इतनी ही नहीं देश के तमाम किसान संगठन 13 फरवरी को दिल्ली पहुंचकर जंतर-मंतर पर प्रदर्शन करने की योजना भी बना रहे हैं.
इस बीच किसानों के लिए राहत भरी खबर आई है कि पंजाब और नोएडा में आंदोलन को देखते हुए सरकार किसानों की मांग पर चर्चा करने के लिए तैयार हो गई है. इसके लिए सरकार ने 3 सदस्यीय मंत्रिमंडल की भी नियुक्ति कर दी है.
आज (8 फरवरी) दिल्ली की तरफ बढ़ रहे किसानों को जब पुलिस ने रोका तो किसान वहीं बैठकर धरना देने लगे. जिसके चलते नोएडा और गाजियाबाद से दिल्ली जाने वाले रास्तों पर भीषण जाम लग गया. दरअसल, किसान नोएडा और ग्रेटर नोएडा विकास प्राधिकरण की तरफ से अधिग्रहीत अपनी जमीन के बदले कई मांगे कर रहे हैं. उसी को लेकर आज उन्होंने संसद के लिए कूच भी किया था. किसानों की मांग है कि उन्हें बढ़ा हुआ मुआवजा दिया जाए और स्थानीय लोगों को रोजगार दिया जाए. नोएडा के किसानों को तमाम किसान संगठनों का समर्थन भी मिल रहा है.
#WATCH किसानों द्वारा संसद की ओर विरोध मार्च निकालने के दौरान दिल्ली-नोएडा सीमा पर यातायात बाधित रहा। pic.twitter.com/gnmkoJ0rYX
— ANI_HindiNews (@AHindinews) February 8, 2024
किसानों का आंदोलन खत्म करने के लिए केंद्र सरकार उनकी मांग पर चर्चा के लिए तैयार हो गई है. मीडिया रिपोर्ट्स की मानें तो केंद्रीय मंत्री पीयूष गोयल, अर्जुन मुंडा और नित्यानंद राय चंडीगढ़ के लिए रवाना हो चुके हैं. देर शाम तक तीनों मंत्रियों की किसानों से बात हो सकती है.
पंजाब समेत अलग-अलग राज्यों के किसान संगठन अपनी मांगों के समर्थन में 13 फरवरी को दिल्ली पहुंचकर जंतर मंतर पर धरना प्रदर्शन कर सकते हैं. इसके लिए किसान संगठन एक साथ आ रहे हैं. किसान दिल्ली पहुंचकर आंदोलन न करें इसके लिए केंद्र सरकार ने किसानों से बातचीत कर उनकी मांगों पर अमल करने की दिशा में काम शुरू कर दिया है.