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'भारत विरोधी कैरेक्टर है', वक्फ बिल पर किरेन रिजिजु ने बोला जाकिर नाइक पर हमला

Kiren Rijiju: केंद्रीय मंत्री किरेन रिजिजू ने जाकिर नाइक को भारत विरोधी चरित्र करार दिया और झूठा प्रचार कर जहर उगलने के लिए उसकी आलोचना की है. भगोड़े जाकिर नाइक ने वक्फ बिल को लेकर मुसलमानों को इकट्ठा होने के लिए कहा है. उसका कहना है कि अगर बिल पारित हो गया तो मुसलमानों की जमीनें छीन ली जाएंगी.

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Kiren Rijiju
Courtesy: Social Media

Kiren Rijuju: केंद्रीय अल्पसंख्यक मामलों के मंत्री किरेन रिजिजू ने शनिवार को केंद्र के वक्फ संशोधन विधेयक के बारे में झूठा प्रचार करने के लिए भगोड़े इस्लामिक उपदेशक जाकिर नाइक पर निशाना साधा है. कथित धन शोधन और हेट स्पीच के लिए भारत में वांछित जाकिर नाइक ने हाल ही में एक वीडियो संदेश में दावा किया कि अगर संसद द्वारा वक्फ संशोधन विधेयक पारित किया गया, तो हजारों मस्जिदें, मदरसे, कब्रिस्तान और लाखों एकड़ जमीन मुसलमानों से छीन ली जाएगी. 

उन्होंने नरेंद्र मोदी के नेतृत्व वाली एनडीए गठबंधन सरकार को 'इस्लाम विरोधी' और 'मुस्लिम विरोधी' करार दिया और दावा किया कि यह मुसलमानों की जमीन हड़पने की कोशिश कर रही है. जाकिर को जवाब देते हुए उन्होंने कहा कि जाकिर भारत विरोधी चरित्र हैं. रिजिजु ने झूठे और फर्जी प्रचार के लिए उनकी आलोचना की. 

किरण रिजिजू ने एक्स पर एक पोस्ट में लिखा कि यह भारत विरोधी चरित्र झूठा और फर्जी प्रचार करके जहर उगल रहा है और भारत में सांप्रदायिक अशांति पैदा करने की कोशिश कर रहा है. हमें ऐसे लोगों के खिलाफ एकजुट होकर लड़ने की जरूरत है.

निर्दोष मुसलमानों को गुमराह न करें

इससे पहले नाइक ने एक वीडियो संदेश में वक्फ विधेयक के "बुरे नतीजों" के बारे में चेतावनी दी थी और अपने अनुयायियों से संयुक्त संसदीय समिति (JPC) के समक्ष आपत्तियां प्रस्तुत करने का आग्रह किया था. रिजिजु ने तब उन्हें जवाब देते हुए कहा था कि कृपया हमारे देश के बाहर के निर्दोष मुसलमानों को गुमराह न करें. भारत एक लोकतांत्रिक देश है और लोगों को अपनी राय रखने का अधिकार है. झूठे प्रचार से गलत बयानबाजी को बढ़ावा मिलेगा.

वक्फ बिल पर मचा है संग्राम

वक्फ संशोधन विधेयक 8 अगस्त को लोकसभा में पेश किया गया था और गरमागरम बहस के बाद इसे संयुक्त संसदीय समिति को भेज दिया गया था.  सरकार ने कहा कि विधेयक का उद्देश्य मस्जिदों में हस्तक्षेप करना नहीं है. विपक्ष ने इसकी आलोचना करते हुए कहा कि यह मुसलमानों को निशाना बनाता है और संविधान पर हमला करता है. संयुक्त संसदीय समिति ने जनता, गैर सरकारी संगठनों, विशेषज्ञों, हितधारकों और संस्थानों से विचार और सुझाव आमंत्रित किए हैं.


 

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