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'स्कूल जानें की कोई जरुर नहीं', छात्रों को ऐसी सलाह देने पर यूट्यूबर मुश्किल में, केरल सरकार ने किया हस्तक्षेप

केरल सरकार ने एक यूट्यूबर के खिलाफ कड़ी कार्रवाई करते हुए पुलिस में शिकायत दर्ज कराई है. आरोप है कि इस यूट्यूबर ने छात्रों को स्कूल न जाने और इसे समय की बर्बादी बताने की सलाह दी. शिक्षा मंत्री वी. शिवनकुट्टी ने कहा कि इस तरह की गैर-जिम्मेदाराना बयानबाजी बर्दाश्त नहीं की जाएगी और इसके खिलाफ सख्त कदम उठाए जाएंगे.

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Kerala Youtuber Controversy: केरल सरकार ने एक यूट्यूबर के खिलाफ सख्त कदम उठाते हुए उसके खिलाफ कानूनी कार्रवाई शुरू की है. आरोप है कि यूट्यूबर ने छात्रों को स्कूल न जाने और इसे समय की बर्बादी बताने के लिए प्रोत्साहित किया.

 इस मामले को गंभीरता से लेते हुए राज्य के सामान्य शिक्षा विभाग ने पुलिस में शिकायत दर्ज कराई है.

क्या है पूरा मामला?

केरल के एक यूट्यूबर ने अपने वीडियो में कथित तौर पर यह कहा कि स्कूल जाना समय की बर्बादी है और छात्रों को इससे बचना चाहिए. यह वीडियो सोशल मीडिया पर तेजी से वायरल हो गया, जिससे अभिभावकों और शिक्षा जगत में हड़कंप मच गया. राज्य सरकार ने इस वीडियो को गैर-जिम्मेदाराना और शिक्षा विरोधी करार दिया.

सरकार की प्रतिक्रिया

शिक्षा मंत्री वी. शिवनकुट्टी ने बुधवार को कहा कि इस मामले में विभाग ने सख्त रुख अपनाते हुए पुलिस में शिकायत दर्ज करवाई है. उन्होंने कहा, 'शिक्षा प्रणाली को कमजोर करने और बच्चों को भ्रमित करने की किसी भी कोशिश को बर्दाश्त नहीं किया जाएगा. स्कूलों का मुख्य उद्देश्य बच्चों को बेहतर भविष्य देना है, ऐसे में इस तरह की भ्रामक बातें बेहद खतरनाक हो सकती हैं.'

सोशल मीडिया पर मिली-जुली प्रतिक्रिया

यूट्यूबर के इस वीडियो पर सोशल मीडिया पर मिली-जुली प्रतिक्रिया देखने को मिली. कुछ लोगों ने इसे व्यक्तिगत राय बताया, जबकि कई लोगों ने कहा कि इस तरह के बयान छात्रों को भटकाने वाले हैं. शिक्षा विशेषज्ञों ने भी इस बयान की कड़ी आलोचना की और इसे शिक्षाविरोधी मानसिकता बताया.

क्या होगा आगे?

सरकार ने इस मामले की पूरी जांच करने के आदेश दिए हैं. पुलिस इस बात की पड़ताल कर रही है कि वीडियो के पीछे का मकसद क्या था और इसका समाज पर क्या प्रभाव पड़ा. यदि दोष सिद्ध होता है, तो संबंधित यूट्यूबर के खिलाफ कानूनी कार्रवाई हो सकती है.

केरल सरकार ने यह स्पष्ट कर दिया है कि शिक्षा विरोधी गतिविधियों को किसी भी हालत में बर्दाश्त नहीं किया जाएगा. इस घटनाक्रम से यह भी साफ होता है कि डिजिटल प्लेटफॉर्म पर साझा की जाने वाली सामग्री की जवाबदेही तय करना आवश्यक है, ताकि समाज पर इसका नकारात्मक प्रभाव न पड़े.