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India Daily

Malappuram Dispute: नटेसन के बयान से मलप्पुरम में राजनीतिक भूचाल, विपक्ष ने की निंदा

Vellappally Natesan: यह टिप्पणी उस समय आई है जब नेता ने राज्य में 'अल्पसंख्यकों के तुष्टिकरण' पर कुछ महीने पहले बयान दिया था, जिससे मुस्लिम संगठनों में असंतोष फैल गया था.

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Edited By: Ritu Sharma
Kerala minority appeasement
Courtesy: Social Media

Vellappally Natesan: केरल के प्रमुख एझावा नेता और एसएनडीपी योगम के महासचिव वेल्लापल्ली नटेसन ने मुस्लिम बहुल मलप्पुरम जिले को लेकर एक विवादित टिप्पणी की है. उन्होंने इसे ''एक विशेष देश और विशेष वर्ग के लोगों का राज्य'' बताया है. यह बयान उन्होंने मलप्पुरम के चुंगथारा में एक सभा को संबोधित करते हुए दिया.

'मलप्पुरम में आज़ादी से सांस लेना भी मुश्किल'

बता दें कि नटेसन ने सभा में कहा, ''मैं जानता हूं कि आप किन समस्याओं से जूझ रहे हैं. आप डर में जीते हैं, दूसरों की धौंस और घूरती निगाहों के बीच... मुझे नहीं लगता कि मलप्पुरम में आप खुलकर सांस भी ले सकते हैं. अपनी राय रखने के बाद यहां रहना भी मुश्किल हो जाता है. ये एक खास देश बन चुका है.''

उन्होंने आगे कहा, ''आजादी के इतने सालों बाद भी क्या मलप्पुरम के पिछड़े वर्गों को कोई फायदा मिला? हमें केवल मनरेगा जैसी योजनाओं में ही प्रतिनिधित्व मिलता है. जब दूसरे वोट बैंक बन गए, हम अब भी बिखरे हुए हैं.''

राजनीतिक समीकरण और पुरानी बयानबाजी

बताते चले कि नटेसन, जिनका झुकाव ऐतिहासिक रूप से वामपंथ की ओर रहा है, बीडीजेएस के संरक्षक भी हैं, जो एनडीए का हिस्सा है. हाल ही में उनके घर पर भाजपा की बैठक हुई थी, जिसकी अध्यक्षता भाजपा के नए प्रदेश अध्यक्ष राजीव चंद्रशेखर ने की थी. 

यह पहला मौका नहीं है जब नटेसन के बयान ने विवाद खड़ा किया हो. पिछले साल उन्होंने राज्यसभा में मुसलमानों की अधिक संख्या को लेकर वाम और यूडीएफ गठबंधन पर तुष्टिकरण का आरोप लगाया था. वहीं बता दें कि मलप्पुरम में मुस्लिम आबादी लगभग 70% है, जबकि हिंदू 27% और ईसाई 2% के आसपास हैं.