Kerala Finance Minister Slams Nirmala Sitharaman: केरल के वित्त मंत्री के. एन. बालगोपाल ने शनिवार को केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण के राज्य को दी जाने वाली वित्तीय मदद से जुड़े हालिया दावों को खारिज कर दिया. उन्होंने वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण की ओर से जारी किए गए आंकड़ों को "बेबुनियाद" और बचकाना करार दिया है. उन्होंने राज्य सरकार के उस दावे को फिर दोहराया जिसमें उसने आरोप लगाए हैं कि केंद्र सरकार की ओर से केरल को पैसा नहीं मिल रहा है और एडमिनस्ट्रेटिव टेक्निकैलिटीज के नाम पर उसे दबाया जा रहा है.
केरल के वित्त मंत्री बालगोपाल ने संसद में हाल ही में निर्मला सीतारमण की ओर से पेश किए गए उन आंकड़ों पर भी सवाल उठाया जिसमें उन्होंने दक्षिणी राज्यों को केंद्र की यूपीए और एनडीए सरकार की ओर से जारी किए फंड और टैक्स हिस्से के तुलनात्मक नंबर्स के बारे में बताया था. उन्होंने कहा कि केंद्रीय मंत्री ने दावा किया है कि केंद्र ने राज्य को भारी मात्रा में पैसे दिए हैं और यहां तक कि टैक्स कलेक्शन में भी ज्यादा हिस्सा देने की बात कही है लेकिन ये आंकड़े फैक्चुअल नहीं हैं.
उन्होंने आरोप लगाते हुए कहा,'केंद्रीय वित्त मंत्री ने कहा कि केरल को यूपीए शासन के दौरान 2004-14 की अवधि में कर हिस्से के रूप में 46,303 करोड़ रुपये मिले. उनके अनुसार, एनडीए शासन के तहत, 2014-24 की अवधि के दौरान राज्य को 1,50,140 करोड़ रुपये का टैक्स शेयर मिला है. हालांकि उनकी ओर से बताया टैक्स शेयरिंग में बताई जा रही बढ़ोतरी बचकानी बात से ज्यादा कुछ नहीं है. अगर किसी की सैलरी 40 सालों में 40,000 रुपये कर दी जाती है, भले ही व्यक्ति ने अपने करियर की शुरुआत मामूली आय के साथ की हो, तो उसमें खुश होने की कोई बात नहीं है.'
बालगोपाल ने आगे बात करते हुए कहा कि हमारी चर्चा इस बात पर है कि राज्य को टैक्स का कितना शेयर मिलना चाहिए और मौजूदा समय में उसे क्या मिल रहा है न कि आंकड़ों पर जो बदलते समय और महंगाई के साथ सिर्फ नंबर्स ही हैं. हमें मौजूदा समय के हिसाब से टैक्स शेयरिंग में ज्यादा हिस्सा मिलना चाहिए. उन्होंने राज्य में जीएसटी लागू होने से पहले के टैक्स कलेक्शन रेट के साथ कई आंकड़े दिए, हालांकि जब से टैक्स स्लैब में कई तरह के बदलाव किए गए हैं तब से केंद्र को लाखों करोड़ों रुपए अतिरिक्त टैक्स के रूप में मिले हैं. जहां केंद्र को इन बदलावों से फायदा हुआ है तो वहीं केरल जैसे राज्यों को टैक्स शेयरिंग और राजस्व में भारी गिरावट का सामना करना पड़ा है. इसलिए मैं ये फिर से दोहरा रहा हूं कि केंद्रीय मंत्री का राज्य को भारी मात्रा में पैसा देने का दावा बेबुनियाद था. उन्होंने यह बयान उस दिन संसद में दिया था, जब केरल सरकार केंद्र की उपेक्षा के खिलाफ नई दिल्ली में विरोध प्रदर्शन कर रही थी.
केरल के वित्त मंत्री ने आगे दावा किया कि फिलहाल केंद्र सरकार राज्य की माली हालत को जानने के बावजूद रिप्लेसमेंट बॉरो मनी लेने की भी परमिशन नहीं दे रहा है. पत्रकारों के सवालों पर बालगोपाल ने कहा कि एलडीएफ सरकार राज्य में जरूरतमंदों को सामाजिक कल्याण पेंशन बांटने के लिए प्रतिबद्ध है. लेकिन, इसके लिए या तो हमें पैसा उधार लेने की अनुमति दी जानी चाहिए या फिर टैक्स कलेक्शन का अतिरिक्त हिस्सा हमें मिलना चाहिए.
वरिष्ठ सीपी (एम) नेता ने कांग्रेस-यूडीएफ सांसदों पर राज्य के हितों की रक्षा नहीं करने का आरोप लगाना जारी रखा. उन्होंने आरोप लगाया कि दोनों दल के नेता सदन में इस तरह के सवाल भी नहीं उठा पा रहे थे जिससे कि राज्य सरकार के तर्कों को केंद्र सरकार के खिलाफ मजबूती मिल सके. विपक्ष ने बीजेपी के नेतृत्व वाली एनडीए सरकार की "जनविरोधी नीतियों" और संविधान की ओर से गारंटी देने वाले संघवाद को कमजोर करने के कदमों पर सवाल खड़े करने का एक बड़ा मौका गंवा दिया है.