Kedarnath Temple In Delhi: राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली के बुराड़ी में कुछ दिनों पहले एक मंदिर के लिए भूमि का पूजन किया गया था. भूमिपूजन खुद उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने किया था. कहा जा रहा है कि यहां केदारनाथ मंदिर का प्रतीकात्मक मंदिर बनाया जा रहा है. इस मामले की जानकारी के बाद उत्तराखंड के लोगों ने मंदिर निर्माण का विरोध किया है. वहीं, शंकराचार्य ने भी मंदिर निर्माण पर सवाल उठाए हैं. संभवत: देश में मंदिर निर्माण के विरोध का ये पहला मामला है.
बुराड़ी में केदारनाथ मंदिर की तरह दिखने वाले दूसरे मंदिर के निर्माण की खबर के बाद उत्तराखंड के लोगो, केदारनाथ धाम के पंडा पुजारी के साथ-साथ शंकराचार्य ने भी विरोध जताया है. बद्रीनाथ धाम के शंकराचार्य अवि मुक्तेश्वरनंद के साथ-साथ केदारनाथ धाम के तीर्थ पुरोहित संतोष त्रिवेदी ने कहा कि ये हिंदू परंपराओं के साथ खिलवाड़ है, छेड़छाड़ है. उत्तराखंड के लोगों के साथ-साथ पुरोहितों और शंकराचार्य ने इस फैसले को वापस लेने की मांग है. साथ ही मंदिर निर्माण को रोकने की मांग की है.
प्रेस विज्ञप्ति
— 1008.Guru (@jyotirmathah) July 14, 2024
13 जुलाई 2024
देश की राजधानी दिल्ली में श्री केदारनाथ धाम के नाम से मंदिर का भूमि पूजन किए जाने पर ज्योतिर्मठ के शंकराचार्य स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद सरस्वती ने नाराजगी जताते हुए केदारनाथ धाम ट्रस्ट और उत्तराखंड राज्य सरकार से सवाल किया है।
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केदारनाथ मंदिर की तर्ज पर बुराड़ी के हिरनकी में 3 एकड़ जमीन पर श्री केदारनाथ धाम ट्रस्ट बुराड़ी की ओर से मंदिर का निर्माण कराया जा रहा है. ट्रस्ट का तर्क ये है कि साल भर में से छह महीने केदारनाथ धाम के कपाट बंद होते हैं, इसलिए इस मंदिर का यहां निर्माण कराया जा रहा है. तीन एकड़ जमीन को अधिग्रहित किया गया है.
श्री बदरीनाथ-केदारनाथ मंदिर समिति के अध्यक्ष अजेंद्र अजय ने भी बुराड़ी में मंदिर निर्माण पर अपनी प्रतिक्रिया दी. उन्होंने कहा कि अगर कोई केदारनाथ धाम का दुरुपयोग करता है, तो कानूनी कार्रवाई की मांग की जाएगी. उन्होंने ये भी कहा कि बुराड़ी में बन रहे मंदिर के निर्माण में उत्तराखंड सरकार की कोई भूमिका नहीं है. वहीं, केदारनाथ धाम ट्रस्ट, बुराड़ी का भी कहना है कि इस मंदिर के निर्माण में उत्तराखंड सरकार की कोई भूमिका नहीं है. हमारे आग्रह पर मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी आए थे और भूमिपूजन किया था.
ये विरोध साधारण नहीं है। केदारनाथ में जहां पूजा अर्चना के साथ मंदिर की घंटियों की आवाज़ ऊँचे पर्वतों की कंदराओ में गूंजती है वहाँ तीर्थ पुरोहित पुजारियों के विरोध प्रदर्शन से धाम में शोरगुल है। इसका कारण है दिल्ली के बौराडी में प्रतीकात्मक केदारनाथ धाम का निर्माण करना। आज तक कभी… pic.twitter.com/HQMElwyijN
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बुराड़ी में मंदिर निर्माण को लेकर ज्योतिर्मठ के शंकराचार्य स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद सरस्वती ने नाराजगी जताई है. उन्होंने केदारनाथ धाम ट्रस्ट और उत्तराखंड सरकार से सवाल किया कि आखिर इसकी जरूरत ही क्या है? उन्होंने कहा कि ऐसा करना केदारनाथ धाम की गरिमा और महिमा को कम करना है. उन्होंने कहा कि ऐसा नहीं होने दिया जाएगा.
उन्होंने ये भी कहा कि मंदिर के लिए भूमिपूजन में पुष्कर सिंह धामी का मौजूद होना ही उचित नहीं था. उन्होंने कहा कि मंदिर को किसी अन्य नाम से बनाना चाहिए. ऐसा करने से किसी को कोई आपत्ति नहीं होगी. केदारनाथ मंदिर हिमालय के बीच स्थित है, जो 12 ज्योतिर्लिंगों में से एक है. इस मंदिर का निर्माण 8वीं-9वीं सदी में आदि गुरु शंकराचार्य ने कराया था.