menu-icon
India Daily

पहलगाम आंतकी हमले का कश्मीर के अखबारों ने जताया जोरदार विरोध, मृतकों के सपोर्ट में काले किए पन्ने

जम्मू कश्मीर के पहलगाम में हुए आतंकी हमले के बाद अगले दिन कश्मीर के सभी अखबारों ने एक साथ मिलकर इस हमले की निंदा करते हुए पीड़ितों को अपना समर्थन दिया. अंग्रेजी, हिंदी और उर्दू समेत सभी कई अखबार के संपादकों ने अपने अखबार का पहला पन्ना काले रंग में रंग दिया.

auth-image
Edited By: Shanu Sharma
Pahalgam Terror Attack
Courtesy: Social Media

Pahalgam Terror Attack: जम्मू कश्मीर के पहलगाम में हुए आतंकी हमले की निंदा पूरे विश्व ने की. आतंकवादियों के इस घिनौने कृत्य की निंदा करते हुए हमले के अगले दिन यानी बुधवार को कश्मीर के सभी  प्रमुख समाचार पत्रों के पहले पन्ने को काले रंग में रंगा गया. 25 सालों बाद पर्यटकों पर इतना बड़ा हमला हुआ.

कश्मीरी अखबारों के पन्नों का रंग काला शोक की सामूहिक अभिव्यक्ति और जवाबदेही के लिए एक शक्तिशाली आह्वान के रूप में किया गया. आज ग्रेटर कश्मीर, राइजिंग कश्मीर, कश्मीर उज़मा, आफ़ताब और तामील इरशाद समेत कई अंग्रेजी और उर्दू अखबारों का रंग और लेआउट आम दिनों से अलग दिखा.

26 परिवारों का छलका दर्द

राइजिंग कश्मीर समेत सभी कश्मीरी अखबारों का रंग और उस पर उभेरी गई आकृतियां 26 परिवारों के दर्द को चिल्ला-चिल्ला कर बयां कर रही थी. ग्रेटर कश्मीर में काले पन्ने के पेज पर सफ़ेद रंग की बोल्ड हेडलाइन लिखी गई. उस पर भयावह रक्त-लाल से सब हेडलाइन लिखी गई. वहीं राइजिंग कश्मीर के फ्रंट पेज की हेडलाइन आतंकवादी हमले के बारे में छपी थी.  जिसमें आतंक शब्द धंसी हुई एक गोली की आकृति घटना की क्रूरता को शक्तिशाली रूप से दर्शा रहा था. इसके अलावा उर्दू अखबारों में पीड़ितों की संख्या को लाल रंग से हाइलाइट किया गया, जो इस घटना की प्रभाव को दर्शाता है. ना केवल कश्मीर बल्कि देश भर के अखबारों का पहला पन्ना आज कश्मीर के आतंकी हमले पर केंद्रीत रहा. 

पाकिस्तान ने बताया घरेलू विवाद

चश्मीद गवाहों ने इस हमले से जुड़ी कई कहानी भी बताई. जो किसी भी इंसान के लिए सुनना आसान नहीं है. एक महिला ने बताया कि उसके पति को उसके आंखों से सामने मार दिया. हालांकि  किसी भी महिला के मारे जाने की खबर नहीं है. जांच एजेंसी द्वारा हमले करने वाले आतंकवादियों की तस्वीर और स्केच जारी की गई है. वहीं इस हमले की जिम्मेदारी लश्कर-ए-तैयाब का एक छोटा सा समूह टीआरएफ ने ली है. इस मामले में पाकिस्तान ने खुद को अलग किया है और इस हमले को घरेलू हिंसा बताया है. पाकिस्तान के रक्षा मंत्री ने मीडिया से बात करते हुए कहा कि यह हमला केंद्र सरकार के खिलाफ लोगों की प्रतिक्रिया थी.