Karsevak Arrested in Hubli: साल 1992 में बाबरी मस्जिद विध्वंस के बाद हुबली (कर्नाटक) में हुए राम मंदिर आंदोलन में कथित रूप से शामिल एक व्यक्ति की 31 साल बाद गिरफ्तारी की गई है. इसके बाद भाजपा ने मंगलवार को कांग्रेस के नेतृत्व वाली कर्नाटक सरकार पर हिंदू कार्यकर्ताओं को निशाना बनाने का आरोप लगाया है. साथ ही भाजपा ने गिरफ्तारी को हिंदुओं के खिलाफ साजिश करार दिया है.
जानकारी के मुताबिक भाजपा ने एक्स पर लिखा है कि कर्नाटक में कांग्रेस ने शर्मनाक तरीके से हिंदू कार्यकर्ताओं को निशाना बनाया है. बुजुर्ग कारसेवक श्रीकांत पुजारी को 31 साल पुराने फर्जी मामले में गिरफ्तार किया गया है. कहा है कि जहां पूरे देश में लोग राम मंदिर का जश्न मना रहे हैं, उधर, कांग्रेस का ये कदम वास्तविकता को स्वीकार करना दर्शा रहा है. भाजपा ने हिंदुओं के खिलाफ यह कार्रवाई को बेहद निंदनीय बताया है.
ರಾಜ್ಯದ ಕಾಂಗ್ರೆಸ್ ಸರ್ಕಾರ ಹಿಂದೂ ವಿರೋಧಿ ಸರ್ಕಾರ ಎಂಬುದನ್ನು ಪದೇ ಪದೇ ರಾಜ್ಯದ ಜನರಿಗೆ, ದೇಶದ ಜನರಿಗೆ ನೆನಪು ಮಾಡುತ್ತಿದೆ.
— BJP Karnataka (@BJP4Karnataka) January 2, 2024
ಹುಬ್ಬಳ್ಳಿಯ 31 ವರ್ಷಗಳ ಹಳೆಯ ಪ್ರಕರಣವನ್ನು ಮತ್ತೆ ಕೆದಕಿ ಹಿಂದೂ ಕಾರ್ಯಕರ್ತನನ್ನು ಬಂಧಿಸಿರುವುದನ್ನು ಬಿಜೆಪಿ ಬಲವಾಗಿ ಖಂಡಿಸುತ್ತದೆ.
-ಶ್ರೀ @BYVijayendra, ರಾಜ್ಯಾಧ್ಯಕ್ಷರು#AntiHinduCongress pic.twitter.com/jbx4PvVVsz
बताया गया है कि कर्नाटक के हुबली में पुलिस ने साल 1992 में बाबरी मस्जिद विध्वंस के बाद हुबली में हुए दंगों में कथित संलिप्तता के लिए सोमवार को 50 वर्षीय श्रीकांत पुजारी को गिरफ्तार किया. कहा गया है कि श्रीकांत पुजारी उस समय 20 साल के थे.
कारसेवक श्रीकांत पुजारी की गिरफ्तारी पर भाजपा की तीखी आलोचना की. इस पर प्रतिक्रिया देते हुए कर्नाटक के मुख्यमंत्री सिद्धारमैया ने कहा कि यह "राजनीति या नफरत" के बारे में नहीं है, बल्कि अपराध करने वाले लोगों के खिलाफ कार्रवाई करने के बारे में है.
उन्होंने कहा कि अगर किसी ने गलती की है तो हम क्या करेंगे? क्या हमें उस व्यक्ति को छोड़ देना चाहिए, जिसने अपराध किया है? हमारी सरकार सभी पुराने मामले बंद कर देगी. पुलिस ने कानून के मुताबिक काम किया है. यह कोई राजनीति या नफरत नहीं है. सीएम ने कहा कि हमने किसी भी निर्दोष व्यक्ति को गिरफ्तार नहीं किया है.
एक वरिष्ठ पुलिस अधिकारी के अनुसार घटना के 30 साल से ज्यादा समय बाद व्यक्ति की गिरफ्तारी पुलिस की ओर से मामलों को सुलझाने के लिए एक नियमित अभियान के रूप में है. उन्होंने कहा कि हम लंबे समय से लंबित मामलों को सुलझाने के लिए एक अभियान शुरू कर रहे हैं. साल 2006 में इस मामले को लंबे समय से लंबित करार दिया गया था. पिछले तीन महीनों में, हमने 37 ऐसे मामलों को सुलझाया है और यह उनमें से एक है. आरोपी अब न्यायिक हिरासत में भेज दिया गया है.