Bihar Politics: कर्पूरी ठाकुर को भारत रत्न देने का एलान, BJP का बड़ा दांव?...समझें सियासी मायने 

Karpoori Thakur Bharat Ratna: कर्पूरी ठाकुर को भारत रत्‍न दिए जाने का एलान होने के बाद इसके सियासी मायने भी निकाले जा रहे हैं.

Imran Khan claims

Karpoori Thakur Bharat Ratna: बिहार के पूर्व मुख्‍यमंत्री कर्पूरी ठाकुर (Karpoori Thakur) को मरणोपरांत भारत रत्‍न से नवाजा जाएगा. राष्‍ट्रपति की ओर से जारी बयान में उन्‍हें भारत रत्‍न (Bharat Ratna) देने का एलान किया गया है. उन्‍हें काफी समय से भारत रत्‍न देने की मांग की जा रही थी. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (PM Narendra Modi) ने एक पोस्‍ट के जरिए कर्पूरी ठाकुर को भारत रत्‍न देने पर खुशी जताई है. कर्पूरी ठाकुर को भारत रत्‍न दिए जाने का एलान होने के बाद इसके सियासी मायने भी निकाले जा रहे हैं. ऐसा इसलिए भी कहा जा सकता है कि क्योंकि जनता दल यूनाइटेड (JDU) ने कर्पूरी ठाकुर को भारत रत्न दिए जाने की मांग की थी. इस एलान के बाद जेडीयू ने मोदी सरकार का आभार भी जताया है. 

बीजेपी ने मार ली बाजी 

कर्पूरी ठाकुर को जननायक कहा गया है. उन्होंने पिछड़े-वंचितों की लड़ाई लड़ी. कर्पूरी ठाकुर ने बिहार में ओबीसी आरक्षण तब लागू किया जब देश में आरक्षण पर बात होनी शुरू हो रही थी. जाहिर है, पिछड़ों की राजनीति करने वाले सभी दल उन्हें अपना बताने में कभी पीछे नहीं रहे. यही कारण है कि 24 जनवरी को उनकी 100वीं जयंती पर अब भारतीय जनता पार्टी और राष्ट्रीय जनता दल के साथ जदयू का भी बड़ा कार्यक्रम है. लेकिन, ठीक एक दिन पहले उन्हें भारत रत्न देने की घोषणा कर बीजेपी ने एक तरह से बाजी मार ली है. 

बीजेपी की सेंधमारी 

कर्पूरी ठाकुर के जरिए नीतीश कुमार और लालू यादव की पार्टी बिहार में पिछड़ों खासतौर से ओबीसी कार्ड खेलने की जुगत में थी. लेकिन, केंद्र सरकार ने कर्पूरी ठाकुर को भारत रत्‍न से सम्‍मानित करने का एलान कर दोनों ही सियासी दलों के मंसूबों पर पानी फेर दिया है. कर्पूरी ठाकुर को पिछड़े वर्गों के हितों की वकालत करने के लिए जाना जाता था. अब बीजेपी के इस दांव ने पिछड़ों की सियासत करने वाले दलों में सेंधमारी जरूर कर दी है. 

बिहार मे सियासी उठापठक 

2024 में लोकसभा चुनाव होने हैं. ध्यान देने वाली बात ये है कि कर्पूरी ठाकुर को भारत रत्‍न देने का एलान ऐसे समय हो रहा है जब बिहार की सियासत में उठापठक जारी है. खबरें इस तरह की भी हैं कि नीतीश कुमार एक बार फिर पलटी मार सकते हैं और आरजेडी से गठबंधन तोड़ एनडीए में शामिल हो सकते हैं. इसी बीच मुख्यमंत्री नीतीश कुमार और वित्त मंत्री विजय चौधरी (23 जनवरी 2024) को राजभवन पहुंचे. इससे पहले वो राज्यपाल के साथ एक सरकारी कार्यक्रम में भी शामिल हुए. दोपहर 12.40 बजे के बाद नीतीश और विजय चौधरी राजभवन से बाहर निकले. दोनों नेताओं की राज्यपाल से करीब 40 मिनट तक बातचीत हुई है. इस मुलाकात के भी सियासी मायने निकाले जा रहे हैं. 

जेडीयू और बीजेपी को लाभ 

ये तो हमने आपको पहले ही बता है दिया कि कर्पूरी ठाकुर को भारत रत्‍न दिए जाने इस एलान के बाद जेडीयू ने मोदी सरकार का आभार भी जताया है. अब इसे सियासी तौर पर समझें तो अगर जेडीयू की एनडीए गठबंधन में वापसी होती है तो नीतीश कुमार के खिलाफ बिहार में जो नाकारात्मक माहौल बन रहा था, उससे जेडीयू बाहर निकलने में कामयाब हो सकती है. पार्टी की ये मांग रही है और जेडीयू वोटरों के बीच इसे अपनी बड़ी जीत के तौर पर प्रदर्शित कर सकती है. वहीं, बीजेपी को भी बिहार में इसका लाभ जरूर मिलेगा. वैसे भी कर्पूरी जयंती को लेकर होने वाले कार्यक्रमों में राजद-जदयू आमने सामने हैं.  

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