भारत की सेमीकंडक्टर इकाइयां गुजरात और असम में क्यों? कर्नाटक के आईटी मंत्री ने किया सवाल

Priyank Kharge: कर्नाटक के आईटी मंत्री प्रियांक खड़गे ने भाजपा पर हमला करते हुए पूछा कि भारत की सेमीकंडक्टर इकाइयां गुजरात और असम में क्यों हैं. 10 प्रतिशत योगदान के बावजूद कर्नाटक को समान अवसर क्यों नहीं दिए गए?

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Anubhaw Mani Tripathi

Karnataka Semiconductor Plants: एक मीडिया चैनल को दिए साक्षात्कार में कर्नाटक के आईटी मंत्री प्रियांक खड़गे ने कहा, 10 प्रतिशत योगदान के बावजूद भी भारत की सेमीकंडक्टर इकाइयां गुजरात और असम में क्यों हैं. उन्होंने आगे कहा कि कुल 5 सेमीकंडक्टर विनिर्माण इकाइयां हैं, जिनमें से चार गुजरात में और एक असम में है, लेकिन उनके पास न तो कौशल पारिस्थितिकी तंत्र है, न ही इनक्यूबेशन पारिस्थितिकी तंत्र और न ही अनुसंधान पारिस्थितिकी तंत्र है.

क्यों दूसरे राज्य में धकेलना चाहती सरकार- आईटी मंत्री

इस दौरान उन्होंने कहा कि जब चिप डिजाइनिंग की 70 प्रतिशत प्रतिभा कर्नाटक में है, तो मुझे समझ में नहीं आता कि सरकार राजनीतिक प्रभाव का इस्तेमाल करके इसे दूसरे राज्य में क्यों धकेलना चाहती है, जो कि बिलकुल भी सही नहीं है. आगे कहा अगर भारत को चिप डिजाइनिंग केंद्र या विनिर्माण केंद्र बनना है, तो सरकार को ये काम कर्नाटक में करना चाहिए. क्योंकी कर्नाटक सेमीकंडक्टर महत्वाकांक्षाओं को आगे बढ़ाने के लिए सबसे अच्छा राज्य है. केंद्र सरकार पर आरोप लगाते हुए उन्होंने कहा कि कर्नाटक से सेमीकंडक्टर निवेश को दूर भगाने के लिए राजनीतिक ताकतों का इस्तेमाल किया जा रहा है.

दूसरा सबसे बड़ा स्मार्टफोन निर्माता भारत 

सेमीकंडक्टर मिशन (आईएसएम) के तहत भारत में 5 पांच सेमीकंडक्टर इकाइयां हैं, जिन्हें केंद्र और राज्य सरकार की सब्सिडी के तहत कुल 76,000 करोड़ रुपये के परिव्यय मिलेगी. इनमे साणंद में सीजी पावर-रेनेसास इलेक्ट्रॉनिक्स की इकाई, साणंद में कीन्स सेमीकॉन की इकाई, धोलेरा में टाटा इलेक्ट्रॉनिक्स-पावरचिप सेमीकंडक्टर की इकाई, असम के मोरीगांव में टाटा सेमीकंडक्टर असेंबली एंड टेस्ट की इकाई और साणंद में माइक्रोन की इकाई शामिल हैं. 

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अपने तीसरे कार्यकाल के लिए चुने जाने के बाद कहा कि भारत पहले से ही दूसरा सबसे बड़ा स्मार्टफोन निर्माता है. उन्होंने कहा, "अब हम सेमीकंडक्टर और इलेक्ट्रॉनिक्स उत्पादन क्षेत्रों में काम बढ़ाएंगे. साथ ही सरकार का लक्ष्य रक्षा और निर्यात, हरित ऊर्जा और हरित गतिशीलता में उत्पादन बढ़ाना है.