नई दिल्ली. पति-पत्नी के बीच अक्सर झगड़े होते रहते हैं. इन झगड़ों में पत्नियां अपने पति को काला बोल देती है. इसी मामले को लेकर कर्नाटक हाई कोर्ट ने एक फैसला सुनाया है. कोर्ट ने तलाक की याचिका को मंजूर करते हुए कहा कि पत्नी द्वारा पति को काला कहकर अपमानित करना क्रूरता से कम नहीं.
पति ने 2012 में अपनी पत्नी से अलग होने के लिए तलाक की याचिका दाखिल की थी. अपनी अर्जी में पति ने कहा था कि उसकी पत्नी उसके काला होने पर उसे अपमानित करने के लिए काला-काला कहकर बुलाती है.
न्यायमूर्ति आलोक अराधे और अनंत रामनाथ हेगड़े की पीठ ने पति द्वारा दायर याचिका को स्वीकार करते हुए टिप्पणी की. अदालत ने अपनी टिप्पणी में कहा कि पति की कंपनी से दूरी बनाने और इस पहलू को छिपाने के लिए उस पर अवैध संबंध रखने के झूठे आरोप लगाना बेहद क्रूरता भरा था.
हाई कोर्ट ने सुनवाई करते हुए कहा, "हमारे समक्ष जो रिकॉर्ड मौजूद है उसकी बारीकी से जांच करने पर निष्कर्ष निकलता है कि पति के काला होने पर पत्नी उसका अपमान करती थी. अपने इस कृत्य पर पर्दा डालने के लिए पति पर अवैध संबंधों का झूठा आरोप लगाया. ये क्रूरता के समान है."
पत्नी ने कहा कि पति के अन्य महिलाओं के साथ संबंध है. उसके साथ शारीरिक दुर्व्यवहार किया गया है. पत्नी ने कहा कि पति और उसके परिवार ने उसके साथ बहुत गलत व्यवहार किया था.
अदालत ने पाया कि पत्नी अपने पति और उसके परिवार वालों के खिलाफ कई मुकदमे चला रही है. दोनों के बीच कई वर्षों से बातचीत बंद है. इन सबको ध्यान में रखते हुए उच्च न्यायालय ने शादी को खत्म करने के लिए पति की याचिका स्वीकार की.