Karnataka hanuman flag row: कर्नाटक में राष्ट्रीय ध्वज फहराने के लिए बनाए गए ध्वज स्तंभ पर हनुमान ध्वज फहराए जाने को लेकर विवाद छिड़ गया है. दरअसल, राष्ट्रीय ध्वज वाले स्तंभ पर फहराए गए हनुमान ध्वज को पुलिस ने हटा दिया था. इसके बाद स्थिति तनावपूर्ण बन गई है. सोमवार को हनुमान ध्वज हटाए जाने को लेकर प्रदर्शन कर रहे भाजपा कार्यकर्ताओं को बेंगलुरु पुलिस ने हिरासत में ले लिया. फिलहाल, स्थिति तनावपूर्ण बनी हुई है.
तनावपूर्ण स्थिति को देखते हुए मांड्या के केरागोडु गांव में धारा 144 के तहत निषेधाज्ञा जारी कर दी गई है. बता दें कि घटना पिछले हफ्ते की है. बताया जा रहा है कि गांव के कुछ लोगों ने राष्ट्रीय ध्वज की जगह 108 फीट ऊंचा हनुमान ध्वज फहरा दिया था. हनुमान ध्वज लगाने वाले लोगों का कहना है कि ग्राम पंचायत ने इसकी अनुमति भी दी थी, लेकिन इसके खिलाफ शिकायतें दर्ज की गईं.
भगवान हनुमान के ध्वज को हटाने की सूचना के बाद गांव के लोग इस फैसले के खिलाफ खड़े हो गए और कुछ लोगों पर मामले का राजनीतिकरण करने का आरोप लगाया. इसी बीच पुलिस ने ऐहतियातन पुलिस की तैनाती कर दी, जिसके बाद मामले में भाजपा, जनता दल सेक्युलर और बजरंग दल की एंट्री हो गई. शनिवार को विरोध तब और बढ़ गया जब ग्रामीणों ने विरोध स्वरूप अपनी दुकानें बंद कर दीं. कल यानी रविवार को ग्राम पंचायत अधिकारियों ने झंडे को हटाने के लिए गांव पहुंचे. इसकी जानकारी के बाद गांव के लोगों ने अधिकारियों के विरोध में 'वापस जाओ' के नारे लगाए.
#WATCH | Karnataka Police detain BJP workers protesting in Bengaluru over the Mandya flag issue.
— ANI (@ANI) January 29, 2024
Mandya district administration yesterday brought down the Hanuman flag hoisted by the Gram Panchayat Board of Mandya district. https://t.co/7RhJZvEjpK pic.twitter.com/IntYMOKKAA
पूरे मामले ने तब राजनीतिक रंग ले लिया, जब विरोध प्रदर्शन के दौरान स्थानीय लोगों ने कांग्रेस विधायक रवि कुमार के लगे पोस्टर बैनर को तोड़ दिया. इसके बाद पुलिस मौके पर पहुंची और हनुमान ध्वज हटाकर वहां तिरंगा लगा दिया. वहीं, पुलिस की ओर से झंडा हटाए जाने की भाजपा और हिंदू संगठनों ने निंदा की. भाजपा ने कर्नाटक के सभी जिलों में विरोध प्रदर्शन करने की योजना की घोषणा की. इसी के तहत भाजपा कार्यकर्ता आज बेंगलुरु के मैसूरु बैंक सर्कल में विरोध प्रदर्शन करने पहुंचे थे.
विपक्षी दलों ने पुलिस हस्तक्षेप के लिए कांग्रेस के नेतृत्व वाली सरकार की आलोचना की है. भाजपा नेता आर अशोक ने सरकार के हिंदू विरोधी रुख की निंदा की. उन्होंने कांग्रेस सरकार की ओर से अचानक भगवान हनुमान का ध्वज हटाए जाने पर सवाल उठाते हुए तर्क दिया कि हनुमान ध्वज को ग्राम पंचायत की मंजूरी से फहराया गया था.
उधर, मुख्यमंत्री सिद्धारमैया ने पूरे मामले को लेकर चिंता जताई और कहा कि ये सही नहीं है. उन्होंने कहा कि राष्ट्रीय ध्वज (तिरंगा) के बजाय 'भगवा ध्वज' फहराया गया है. मैंने संबंधित अधिकारियों से राष्ट्रीय ध्वज फहराने के लिए कहा है. जिला प्रभारी मंत्री एन चेलुवरयास्वामी ने स्पष्ट किया कि ध्वजस्तंभ का स्थान पंचायत के अधिकार क्षेत्र में आता है और गणतंत्र दिवस पर राष्ट्रीय ध्वज फहराने के लिए शुरुआत में अनुमति ली गई थी.
उन्होंने कहा कि राष्ट्रीय ध्वज की जगह हनुमान ध्वज की स्थापना के पीछे राजनीति हो सकती है. मुझे नहीं पता कि इसके पीछे कौन है. ये देश लोकतंत्र और संविधान के तहत काम करता है. कल वे कह सकते हैं कि वे डीसी के कार्यालय के सामने भगवा ध्वज फहराना चाहते हैं, क्या इसकी अनुमति दी जा सकती है? यदि एक स्थान पर इसकी अनुमति दी जाती है, तो यह अन्य स्थानों पर भी लागू होगा. उन्होंने कहा कि मैंने अधिकारियों, पुलिस और युवाओं से बात की है. हम किसी निजी स्थान पर या मंदिर के पास भगवान हनुमान का ध्वज फहराने के लिए तैयार हैं. हम भी राम भक्त हैं.