Lok Sabha Election 2024: लोकसभा चुनाव के लिए कांग्रेस ने कर्नाटक में अपने मंत्रियों और पार्टी के शीर्ष पदाधिकारियों के बेटों, बेटियों और रिश्तेदारों पर दांव लगाया है. इस कारण पार्टी को आलोचनाओं का सामना करना पड़ रहा है. लेकिन इसके पीछे की वजह कुछ और ही है. टाइम्स ऑफ इंडिया की एक रिपोर्ट के अनुसार कर्नाटक कांग्रेस के पास इतना बजट नहीं है कि वह आम उम्मीदवारों का चुनावी खर्च संभाल सके. इसलिए उसने चतुराई भरा कदम उठाते हुए पार्टी के वरिष्ठ पदाधिकारियों और मंत्रियों के रिश्तेदारों को लोकसभा चुनाव का टिकट दिया है.
रिपोर्ट्स के अनुसार कर्नाटक कांग्रेस नहीं चाहती की वह अपने उतारे हुए उम्मीदवारों पर पैसा खर्च करें क्योंकि कर्नाटक कांग्रेस आर्थिक तंगी से जूझ रही है. पहले पार्टी ने अपने मंत्रियों को चुनावी मैदान में उतारने की रणनीति बनाई थी. बाद में जब उसके इस कदम का विरोध होने लगा तो पार्टी ने अपने मंत्रियों के रिश्तेदारों को टिकट दिया.
कांग्रेस को अपने मंत्रियों और पार्टी पदाधिकारियों को टिकट देने के लिए वंशवाद की राजनीति के आरोपों का सामना करना पड़ रहा है. लेकिन आर्थिक तंगी से जूझने के चलते कांग्रेस को यह कदम उठाना पड़ा है. पार्टी ऐसी उम्मीद जता रहा है कि मंत्री और पदाधिकारी अपने रिश्तेदारों का प्रचार खर्च स्वयं उठाएंगे.
टाइम्स ऑफ इंडिया की एक रिपोर्ट के अनुसार कांग्रेस पार्टी के एक पदाधिकारी ने कहा- पार्टी ने जिला प्रभारी मंत्रियों को जिम्मेदारी सौंपी हैं कि वो अपने कांग्रेस की सीट सुनिश्चित करें. इसके साथ ही वह चुनाव प्रचार के लिए पैसा भी खर्च करें.
कांग्रेस ने कर्नाटक सरकार में मंत्री लक्ष्मी हेब्बालकर के बेटे मृणाल हेब्बालकर को बेलगाम से चुनावी मैदान में उतारा है. जबकि, मंत्री सतीश जारकीहोली के बेटी प्रियंका को कांग्रेस ने चिक्कोड़ी से चुनावी मैदान में उतारा है.
दरअसल, कांग्रेस दावा कर रही है कि पिछले महीने इनकम टैक्स डिपार्टमेंट ने पार्टी के बैंक अकाउंट को सीज कर दिया था. वह एक भी रुपये खर्च नहीं कर पा रही है. इसलिए पार्टी को नकदी संकट से जूझना पड़ रहा है. इसी कारण कांग्रेस अपने मंत्रियों के बेटे-बेटियों को मैदान में उतारा है ताकि वो खुद ही चुनावी खर्च उठा सकें.