केंद्रीय मंत्री कुमारस्वामी पर गिरफ्तारी की तलवार! मुख्यमंत्री सिद्धारमैया बोले- हम संकोच नहीं करेंगे

Karnataka Politics: कर्नाटक के मुख्यमंत्री सिद्धारमैया ने कहा है कि राज्य सरकार भ्रष्टाचार मामले में कुमारस्वामी को गिरफ्तार करने के लिए तैयार है. उन्होंने भेदभाव का आरोप लगाते हुए कहा कि राज्यपाल ने मेरे खिलाफ मुकदमा चलाने की तत्काल मंजूरी दे दी थी, लेकिन कुमारस्वामी के मामले में वे देरी की रणनीति अपना रहे हैं.

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Karnataka Politics: कर्नाटक के मुख्यमंत्री सिद्धारमैया ने कहा है कि उनकी सरकार अवैध खनन पट्टा मामले में जरूरत पड़ने पर जनता दल (सेक्युलर) के नेता और केंद्रीय मंत्री एचडी कुमारस्वामी को गिरफ्तार करने में संकोच नहीं करेगी. लोकायुक्त की विशेष जांच टीम ने सोमवार (19 अगस्त, 2024) को राज्यपाल थावरचंद गहलोत से कुमारस्वामी के खिलाफ लौह अयस्क खनन पट्टे के संबंध में आगे बढ़ने की अनुमति मांगी, जिसे कथित तौर पर 2007 में राज्य के मुख्यमंत्री रहने के दौरान अवैध रूप से मंजूरी दी गई थी. शनिवार (17 अगस्त, 2024) को राज्यपाल ने मैसूर शहरी विकास प्राधिकरण की ओर से अपनी पत्नी को भूमि आवंटन से संबंधित एक मामले में मुख्यमंत्री सिद्धारमैया के खिलाफ मुकदमा चलाने की मंजूरी दी थी.

सिद्धारमैया ने पूछा कि कुमारस्वामी के मामले में राज्यपाल देरी की रणनीति अपना रहे हैं. लेकिन मेरे मामले में उन्होंने बिना किसी जांच रिपोर्ट के तुरंत अभियोजन के लिए सहमति दे दी. क्या यह भेदभाव नहीं है? कथित भूमि घोटाला मामले में अभियोजन का सामना कर रहे कर्नाटक के मुख्यमंत्री सिद्धारमैया ने बुधवार (21 अगस्त, 2024) को जवाबी हमला करते हुए ये बातें कही. वहीं, कुमारस्वामी ने कहा कि एसआईटी ने मेरे खिलाफ मुकदमा चलाने की अनुमति मांगने के लिए तभी रिपोर्ट दाखिल की, जब मैंने कांग्रेस सरकार पर हमला करना शुरू किया.

सिद्धारमैया ने कहा- मेरे खिलाफ आरोपों में कोई सच्चाई नहीं

बुधवार को कोप्पल में मीडिया के सवालों का जवाब देते हुए सिद्धारमैया ने स्पष्ट किया कि परिस्थितियों के कारण अभी कुमारस्वामी की गिरफ़्तारी की ज़रूरत नहीं है. कुमारस्वामी को डर है कि राज्यपाल उनके ख़िलाफ़ मुकदमा चलाने की अनुमति दे सकते हैं. लोकायुक्त की एसआईटी ने राज्यपाल को जांच रिपोर्ट सौंपी थी और कुमारस्वामी के ख़िलाफ़ मुकदमा चलाने की अनुमति मांगी थी. चूंकि राज्यपाल ने कोई कार्रवाई नहीं की, इसलिए एसआईटी ने अब फिर से अपना आवेदन प्रस्तुत किया है.

मुख्यमंत्री के इस बयान ने राजनीतिक घमासान तय माना जा रहा है. हालांकि, कुमारस्वामी ने कड़ी प्रतिक्रिया देते हुए आश्चर्य व्यक्त किया कि उन्हें गिरफ्तारी से क्यों डरना चाहिए. उन्होंने ये भी कहा कि मुझे गिरफ्तार करने के लिए 100 सिद्धारमैया की आवश्यकता होगी. कुमारस्वामी के इस बयान पर सिद्धारमैया ने जवाब देते हुए कहा कि कुमारस्वामी को गिरफ्तार करने के लिए सिर्फ एक कांस्टेबल ही पर्याप्त है और सिद्धारमैया को उन्हें गिरफ्तार करने की कोई आवश्यकता नहीं है.

कुमारस्वामी बोले- राजनीतिक बदला लेने की कोशिश हो रही है

कुमारस्वामी ने आरोप लगाया कि कांग्रेस की राज्य सरकार साई वेंकटेश्वर मिनरल्स से जुड़े कथित खनन पट्टा घोटाले को उठाकर उनसे राजनीतिक बदला लेने की कोशिश कर रही है. उन्होंने दावा किया कि मामले में उन्हें फंसाने के लिए खनन पट्टे से जुड़े दस्तावेजों पर उनके जाली हस्ताक्षर किए गए हैं.

बेंगलुरु में एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में उन्होंने कहा कि आरोप ये है कि जब मैं 2007 में मुख्यमंत्री था, तो मैंने साई वेंकटेश्वर का पक्ष लिया और खनन मालिकों से 150 करोड़ रुपये वसूले. सच्चाई ये है कि मैंने कंपनी को आवंटन नहीं किया है. अब तक, इस क्षेत्र में कोई खनन नहीं हुआ है क्योंकि केंद्र सरकार ने उन्हें अनुमति नहीं दी है. राज्य के खजाने को कोई नुकसान नहीं हुआ है. इस मामले में अभियोजन के लिए एसआईटी राज्यपाल से अनुमति कैसे मांग सकती है? मैं इन हथकंडों से डरने वाला नहीं हूं. मैं कानूनी रूप से इसका मुकाबला करूंगा.

कुमारस्वामी ने उठाए सवाल, पूछा- लंबे समय तक चुप रहे, अब क्यों?

कुमारस्वामी ने दावा किया कि नवंबर 2023 में उन्हें भेजी गई रिपोर्ट का अध्ययन करने के बाद राज्यपाल ने कहा था कि फाइल पर हस्ताक्षर को लेकर कुछ विवाद है और उन्होंने एसआईटी को एक बार फिर मामले की जांच करने का निर्देश दिया था. केंद्रीय मंत्री ने सवाल उठाया कि इतने लंबे समय तक चुप रहने के बाद अब कांग्रेस सरकार इस मुद्दे को क्यों उठा रही है?

उन्होंने आरोप लगाया कि कांग्रेस के नेता इस तथ्य को पचा नहीं पा रहे हैं कि अब वह केंद्रीय मंत्रिमंडल का हिस्सा हैं. कुमारस्वामी ने कहा कि लोकायुक्त एसआईटी को जांच करने में कितना समय लगता है? मैंने 2014 में अदालत का दरवाजा खटखटाया था. क्या उन्हें जांच करने के लिए इतना समय चाहिए था? उन्होंने संशोधित आदेश दस्तावेज को सत्यापित करने के लिए न केवल मेरे हस्ताक्षर बल्कि मेरी लिखावट भी ली है. वे जहां चाहें इसकी जांच करवाएं और किसी भी प्रयोगशाला से रिपोर्ट प्राप्त करें.