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'BJP दलित विरोधी है, मुझे ज्वाइन करने से पहले पता होना चाहिए था...', मंत्री न बनाने पर भड़क गए सांसद

कर्नाटक से बीजेपी के सांसद और दलित नेता रमेश जिगाजिनागी ने केंद्र की सरकार में मंत्री पद न दिए जाने पर नाराजगी जताई है, रमेश ने दावा किया है कि ज्यादातर केंद्रीय मंत्री ऊंची जाति से बनाएं गए हैं. भाजपा ने दलितों को दरकिनार कर दिया है. रमेश जिगाजीनागी ने 1998 से लेकर अब तक सभी लोकसभा चुनावों में जीत दर्ज की है. इसके अलावा वह 2016 से 2019 के बीच केंद्रीय राज्य मंत्री भी रहे.

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Edited By: India Daily Live
Ramesh Jigajinagi
Courtesy: Social Media

मंत्री पद नहीं मिलने के कारण कर्नाटक से भारतीय जनता पार्टी के एक सांसद ने खुलकर दल का विरोध किया है. पार्टी के वरिष्ठ दलित नेता रमेश जिगाजीनागी ने बीजेपी को दलित विरोध बताया है. साथ ही कई उन्होंने कहा कि कई लोगों ने उन्हें भाजपा के साथ नहीं जाने के लिए कहा था. खास बात यह है कि जिगाजीनागी. 1998 से लेकर अब तक सभी लोकसभा चुनावों में जीत दर्ज की है. इसके अलावा वह 2016 से 2019 के बीच केंद्रीय राज्य मंत्री भी रहे.

खबरों के मुताबिक मंगलवार को विजयपुर से सांसद जिगाजीनागी ने कहा, 'मुझे केंद्रीय मंत्री का पद मांगने की कोई जरूरत नहीं है. लोगों का समर्थन मेरे लिए जरूरी है लेकिन जब मैं वापस आया तो लोगों ने मुझे बुरी तरह डांटा, कई दलितों ने तो मुझे बताया है कि भाजपा कैसे दलित विरोधी है और मुझे इसके बारे में पार्टी में शामिल होने से पहले पता होना चाहिए था'.

'एक मात्र दलित नेता जिसने 7 बार चुनाव जीता...'

उन्होंने आगे कहा, 'मेरे जैसा दलित एकमात्र व्यक्ति है, जिसने दक्षिण भारत में सात चुनाव जीते हैं. सभी सवर्णों को कैबिनेट पद दिए गए हैं. क्या दलितों ने भाजपा का समर्थन नहीं किया था. इस बात ने मुझे काफी दुख पहुंचाया है'.

कौन हैं रमेश जिगाजिनागी?

72 वर्षीय रमेश जिगाजिनागी पहली बार 1998 में लोकसभा चुनाव के लिए चुने गए थे और तब से लेकर अब तक उन्होंने सभी चुनाव  जीते हैं. वह 2016 और 2019 में पेयजल और स्वच्छता राज्य मंत्री रहे हैं. 

बता दें कि जून में 543 सीटों पर हुई लोकसभा चुनाव में भाजपा ने 240 सीटों पर जीत हासिल की थी, हालांकि पार्टी 272 के बहुमत के आंकड़े से चूक गई थी लेकिन केंद्र में लगातार तीसरी बार एनडीए की सरकार बनी. कर्नाटक की 28 में से भाजपा 17 सीटों पर चुनाव जीत कर आई. पार्टी ने जनता दल सेक्युलर के साथ मिलकर चुनाव लड़ा था. जहां जेडीएस के खाते में 2 सीटें आईं थी.