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आखिर कारगिल पर ही क्यों था पाकिस्तान का निशाना? जान लीजिए ऊंची पहाड़ी पर क्यों छेड़ दी थी जंग

Kargil War Stories: 1999 का कारगिल संघर्ष भारत और पाकिस्तान के बीच एक सीमित युद्ध था. पाकिस्तान ने जम्मू-कश्मीर के कारगिल जिले में भारत द्वारा नियंत्रित कुछ खाली चोटियों पर कब्जा कर लिया. आइए देखें कि पाकिस्तान ने सिर्फ कारगिल को ही निशाना क्यों बनाया और ऊंचाई वाले इन इलाकों में युद्ध कैसे शुरू हुआ.

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Vineet Kumar
Kargil War
Courtesy: IDL

Kargil War Stories: 1999 का कारगिल संघर्ष भारत और पाकिस्तान के बीच एक सीमित दायरे का युद्ध था, जो मात्र दो महीने चला. इस दौरान पाकिस्तान ने जम्मू-कश्मीर के कारगिल इलाके में भारत की ओर से कंट्रोल्ड कुछ रणनीतिक रूप से अहम और महत्वपूर्ण, ऊंचाई वाली चोटियों पर कब्जा कर लिया.

आइए गहराई से देखें कि पाकिस्तान ने सिर्फ कारगिल को ही अपने लक्ष्य के रूप में क्यों चुना और कैसे ऊंचाई वाले इन दुर्गम इलाकों में युद्ध की शुरुआत हुई.

पाकिस्तान ने कारगिल को ही क्यों चुना?

पाकिस्तान के कारगिल पर कब्जे के पीछे कई सैन्य और राजनीतिक कारण थे जिनका इस्तेमाल करने के लिए उन्होंने कारगिल पर कब्जा करने का रास्ता चुना.

कश्मीर मुद्दे को फिर से सुर्खियों में लाना: 1990 के दशक की शुरुआत तक, कश्मीर मुद्दा अंतरराष्ट्रीय राजनीति में छाया हुआ था. लेकिन 1998 तक आते-आते इस मुद्दे को वैश्विक तौर पर कम तवज्जो मिलने लगी थी. पाकिस्तान को लगा कि कारगिल पर कब्जा करके वह अंतरराष्ट्रीय समुदाय का ध्यान वापस कश्मीर की ओर खींच सकता है और भारत को किसी तरह के शांति समझौते के लिए मजबूर कर सकता है.

भारतीय सैन्य मजबूती को कम करना: कारगिल की ऊंची चोटियों को भारत सर्दियों के दौरान रणनीतिक कारणों से खाली कर देता था. पाकिस्तान ने इसी कमजोरी का फायदा उठाया. उन्हें उम्मीद थी कि गर्मियों में बर्फ पिघलने के बाद भी भारतीय सेना जल्द जवाबी कार्रवाई नहीं कर पाएगी. पाकिस्तान का मानना था कि कारगिल पर कब्जा करने से भारतीय सेना की डिफेंसिव स्थिति कमजोर हो जाएगी और जम्मू-कश्मीर में उग्रवाद को बढ़ावा मिलेगा.

रणनीतिक लाभ: कारगिल पर कब्जा जम्मू-कश्मीर के भौगोलिक परिदृश्य को पाकिस्तान के पक्ष में मोड़ सकता था. श्रीनगर-लेह राजमार्ग, जो कश्मीर घाटी को लद्दाख से जोड़ता है, कारगिल से होकर गुजरता है. पाकिस्तान की योजना इस राजमार्ग को अवरुद्ध कर कश्मीर घाटी तक पहुंच बनाने की थी. साथ ही कारगिल पर कब्जे से पाकिस्तान को सियाचिन ग्लेशियर तक पहुंचने का एक वैकल्पिक रास्ता भी मिल जाता.

छिपी हुई घुसपैठ: पाकिस्तान ने अपनी रणनीति को गुप्त रखने के लिए  "छिपी हुई घुसपैठ" का सहारा लिया. सर्दियों में भारतीय सैनिकों के वापस चले जाने के बाद पाकिस्तानी सैनिकों ने पाकिस्तानी सेना की वर्दी पहने हुए नियमित सैनिकों की बजाय अनियमित सशस्त्र लड़ाकों के रूप में इन खाली पड़ी चोटियों पर कब्जा कर लिया. पाकिस्तान को लगा कि भारत को असलियत का पता चलने में देरी होगी और तब तक वे अपनी स्थिति मजबूत कर लेंगे.

ऊंची चोटियों से हुई युद्ध की शुरुआत

1999 की शुरुआत में भारतीय सैनिकों को कारगिल सेक्टर में पाकिस्तानी सैनिकों की असामान्य गतिविधियों का पता चला. मई के महीने में बर्फ पिघलने के बाद स्थिति साफ होने पर भारतीय सैनिकों ने पाया कि पाकिस्तानी सैनिक कई महत्वपूर्ण चोटियों पर कब्जा कर चुके हैं. भारत ने पाकिस्तान से अपनी सेना वापस लेने की मांग की, लेकिन पाकिस्तान ने इनकार कर दिया. इसके बाद से ही कारगिल युद्ध की शुरुआत हुई.

ऑपरेशन विजय: पाकिस्तान के इनकार के बाद, भारत ने मई 1999 में "ऑपरेशन विजय" नाम से एक व्यापक सैन्य अभियान शुरू किया. भारतीय वायुसेना ने पाकिस्तानी सैनिकों की आपूर्ति लाइनों को बाधित करने के लिए हवाई हमले किए. वहीं भारतीय सेना के जवानों ने दुर्गम पहाड़ी इलाकों में पाकिस्तानी सैनिकों को खदेड़ने के लिए जमीनी कार्रवाई शुरू की.

युद्ध की चुनौतियां: ऊंचाई वाले इस युद्ध में दोनों देशों की सेनाओं को कई चुनौतियों का सामना करना पड़ा. पतली हवा के कारण सैनिकों को सांस लेने में तकलीफ होती थी. साथ ही कड़ाके की ठंड और अप्रत्याशित मौसम भी सैनिकों के लिए मुसीबत का सबब बने. तोपखाने और भारी हथियारों को भी इन दुर्गम इलाकों तक पहुंचाना मुश्किल था.

युद्ध का अंत: लगभग दो महीने तक चले इस युद्ध में भारत को काफी सफलता मिली. भारतीय सैनिकों ने पाकिस्तानी सैनिकों को धीरे-धीरे पीछे धकेलना शुरू कर दिया और आखिरकार उन्हें कारगिल से पूरी तरह खदेड़ दिया. 16 जुलाई 1999 को कारगिल युद्ध आधिकारिक रूप से खत्म हो गया.

कम समय में हुआ ज्यादा नुकसान

कारगिल संघर्ष सीमित दायरे का युद्ध जरूर था, लेकिन इसने भारत और पाकिस्तान के बीच तनाव को काफी बढ़ा दिया. पाकिस्तान की रणनीति उसके अनुमान के अनुसार सफल नहीं हो सकी. भारत ने पाकिस्तान को कड़ा जवाब दिया और कारगिल से पूरी तरह खदेड़ दिया. कारगिल युद्ध यह भी दर्शाता है कि ऊंचाई वाले दुर्गम क्षेत्रों में युद्ध करना कितना कठिन और मुश्किल होता है.