नई दिल्ली: भारत में हर साल 26 जुलाई को करगिल विजय दिवस के रूप में मनाया जाता है. करगिल युद्ध जम्मू-कश्मीर स्थित करगिल जिले में साल 1999 में मई और जुलाई के बीच हुआ था. आज 24वें कारगिल विजय दिवस पर भारतीय सशस्त्र बलों की वीरता को सेना प्रमुख ने याद किया. इस दौरान रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह, नौसेना प्रमुख एडमिरल आर हरि कुमार और सीडीएस जनरल अनिल चौहान ने भी स्मारक पर शहीद कारगिल नायकों को श्रद्धांजलि अर्पित की.
सेना प्रमुख ने शहीदों को किया याद
इस दौरान सेना प्रमुख जनरल मनोज पांडे ने कहा कि साल 1999 में पाकिस्तान के साथ संघर्ष में सर्वोच्च बलिदान देने वाले जवान लोगों के दिल और दिमाग में हमेशा जीवित रहेंगे. कारगिल युद्ध स्मारक पर पुष्पांजलि अर्पित करने के बाद शोक समारोह को संबोधित करते हुए उन्होंने कहा कि देश 1999 के कारगिल युद्ध में हमारे सैनिकों के सर्वोच्च बलिदान को कभी नहीं भूलेगा.
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चुनौती को हमारे सैनिकों ने पूरा किया'
सेना प्रमुख ने ऑपरेशन विजय को याद करते हुए कहा कि यह कारगिल की बर्फीली और दुर्गम ऊंचाइयों पर एक कठिन और उच्च तीव्रता वाला सैन्य अभियान था. यह एक कठिन इलाका था, जो दुश्मन के कब्जे में था. इसलिए यह एक चुनौती थी जिसे हमारे सैनिकों ने पूरा किया. उन्होंने आगे कहा कि मैं इस ऑपरेशन में योगदान देने के लिए वायु योद्धाओं की भी सराहना करना चाहता हूं. कारगिल नायकों के परिजनों को संबोधित करते हुए सेना प्रमुख ने कहा कि देश आपके बलिदानों को नहीं भूलेगा, आपका आभारी रहेगा.
रक्षा मंत्री ने राजनाथ सिंह ने बुधवार को स्मृति समारोह में अपने संबोधन के दौरान उन बहादुर सपूतों को सलाम किया जिन्होंने देश को पहले स्थान पर रखा और 1999 में पाकिस्तान के साथ कारगिल संघर्ष में अपना सर्वोच्च बलिदान देने में संकोच नहीं किया. इसके बाद रक्षा मंत्री ने सैनिकों के परिजनों से मुलाकात कर शहीद कारगिल नायकों के सम्मान में स्मृति चिन्ह और शॉल दिए.
गौरतलब है कि साल 1999 में दो महीने से अधिक समय तक जारी संघर्ष में सेना ने पाकिस्तानी घुसपैठियों को भगाने के बाद दुश्मन से छीने गए क्षेत्र पर तिरंगा लहराया था.
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