नई दिल्ली: भारत के इतिहास में कारगिल युद्ध को देश की सबसे बड़ी और सबसे प्रमुख घटनाओं में से एक के रूप में याद किया जाता है. इसके अलावा यह युद्ध दुनिया में सबसे ऊंचाई पर लड़े गए युद्ध के तौर पर भी जाना जाता है.
प्रत्येक वर्ष 26 जुलाई को कारगिल युद्ध में शहीद हुए भारतीय जवानों के सम्मान में कारगिल विजय दिवस मनाया जाता है. इस युद्ध में भारतीय सेना ने पाकिस्तानी सेना को धूल चटाते हुए विजय पताका फहराई थी.
भारत और पाकिस्तान के बीच साल 1999 में जम्मू-कश्मीर के कारदिल जिले में कारगिल युद्ध हुआ था. अपनी जान पर खेलकर कारगिल युद्ध जीतने वाले भारतीय सेना के वीर सपूतों की याद और उनके सम्मान में कारगिल विजय दिवस मनाया जाता है. आइए जानते हैं कारगिल युद्ध से जुड़े 10 महत्वपूर्ण तथ्य
. विभाजन से पहले कारगिल लद्दाख के बल्टिस्तान का हिस्सा हुआ करता था, लेकिन प्रथम कश्मीर युद्ध (1947-48) के बाद यह एलओसी द्वारा अलग कर दिया गया.
. कारगिल युद्ध से पहले भारत और पाकिस्तान के बीच साल 1971 में भी युद्ध हो चुका था, जिसके बाद पूर्वी पाकिस्तान बांग्लादेश के रूप में अस्तित्व में आया था.
. 1971 के युद्ध के बाद दोनों देशों की सेनाओं में कई सैन्य संघर्ष हुए. साल 1998 में दोनों देशों ने परमाणु परीक्षण किया जिसने दोनों देशों के बीच तनाव को और बढ़ा दिया.
. कारगिल युद्ध के दौरान लगभग 2 लाख 50 गोले, बम और रॉकेट दागे गए थे. युद्ध के दौरान 300 बंदूकों से प्रतिदिन 5 हजार तोप गोले, मोर्टार बम और रॉकेट दागे. वहीं जिस दिन भारत ने टाइगर हिल पर कब्जा किया उस दिन 9000 बम, मोर्टार दागे गए थे.
5. कारगिल युद्ध सबसे ऊंचाई पर लड़ा गया युद्ध था, इसमें कुछ चौकियां 18000 फीट की ऊंचाई पर मौजूद थीं, जिसकी वजह से इस युद्ध को लड़ने में काफी चुनौतियां आईं.
. कारगिल युद्ध के दौरान अटल बिहारी वाजपेयी भारत के प्रधानमंत्री थे.
. कारगिल युद्ध माइनस 10 डिग्री तापमान के बीच लड़ा गया.
. इस युद्ध में जहां भारत के 500 जवान शहीद हुए थे वहीं पाकिस्तान के दावे के अनुसार युद्ध में उसके 3000 से ज्यादा जवान शहीद हुए थे.
. दोनों देशों के बीच 2 जुलाई 1972 को शिमला समझौता हुआ था, इसके बाद भी पाकिस्तान ने भारत पर हमला कर दिया.
. यह कहा जाता है कि है कि द्वितीय विश्व युद्ध के बाद यह एकलौता युद्ध था जिसमें विरोधी सेनाओं पर इतनी बड़ी मात्रा में बमबारी की गई.