कपिल मिश्रा BJP के फायरब्रांड नेता, मौजूदा विधायक को हटाकर मिली करावल नगर सीट, जीत के बाद पार्टी में बढ़ेगा कद!
कपिल मिश्रा, भाजपा के तेजतर्रार नेताओं में शामिल हैं जिन्होंने मौजूदा विधायक को हटाकर जीत हासिल की. 23 फरवरी, 2020 को एक विवादित भाषण में मिश्रा ने जाफराबाद में नागरिकता संशोधन अधिनियम के खिलाफ प्रदर्शन कर रहे लोगों को हटाने की धमकी दी थी. अगले दिन, उत्तर-पूर्वी दिल्ली में दंगे भड़क गए थे.
कपिल मिश्रा को करावल नगर से भाजपा उम्मीदवार के रूप में पार्टी द्वारा किए गए आंतरिक सर्वेक्षणों के आधार पर नामित किया गया था, जिसमें संकेत दिया गया था कि मतदाताओं ने मौजूदा विधायक मोहन सिंह बिष्ट की तुलना में उनके फायरब्रांड हिंदुत्व-सह-पूर्वांचली चेहरे को प्राथमिकता दी.
करावल नगर से भाजपा उम्मीदवार कपिल मिश्रा, जो आप के पूर्व मंत्री हैं ने अपने आप के प्रतिद्वंद्वी मनोज कुमार त्यागी को 23,355 मतों के अंतर से हराया. भाजपा का गढ़ माने जाने वाले इस निर्वाचन क्षेत्र में हाल के इतिहास में केवल एक गैर-भाजपा जीत देखी गई है, जब मिश्रा ने 2015 में आप के टिकट पर निर्वाचन क्षेत्र से जीत हासिल की थी. हालांकि, उन्होंने 2019 में आप छोड़कर भाजपा में शामिल हो गए.
कुछ लोग कह सकते हैं कि मिश्रा राजनीति में “ब्लू ब्लड” थे, उनकी मां अन्नपूर्णा मिश्रा पूर्वी दिल्ली से भाजपा की पूर्व मेयर थीं . यूथ फॉर जस्टिस नामक एक सामाजिक न्याय संगठन के संस्थापक मिश्रा किसान आत्महत्या, यमुना अतिक्रमण और राष्ट्रमंडल खेल घोटाले के खिलाफ आंदोलनों में शामिल थे, यहां तक कि उन्होंने 2010 में इस मुद्दे पर ‘इट्स कॉमन वर्सेज वेल्थ’ नामक एक किताब भी लिखी थी.
AAP सरकार में जल एवं पर्यटन मंत्री
2015 के चुनाव जीतने के बाद मिश्रा को आप सरकार में जल एवं पर्यटन मंत्री बनाया गया. 2017 में उन्हें बर्खास्त कर दिया गया और बाद में आप से निलंबित कर दिया गया, जब उन्होंने आरोप लगाया कि तत्कालीन स्वास्थ्य मंत्री सत्येंद्र जैन ने आप प्रमुख अरविंद केजरीवाल को उनके साढू के लिए 50 करोड़ रुपये के भूमि सौदे निपटाने में मदद की थी. 2019 में वह भाजपा में शामिल हो गए और मॉडल टाउन से 2020 का विधानसभा चुनाव लड़ा, लेकिन असफल रहे.
विवादित भाषण
23 फरवरी, 2020 को एक विवादित भाषण में मिश्रा ने जाफराबाद में नागरिकता संशोधन अधिनियम के खिलाफ प्रदर्शन कर रहे लोगों को हटाने की धमकी दी थी. अगले दिन उत्तर-पूर्वी दिल्ली में दंगे भड़क गए थे. दंगों के बाद दिल्ली पुलिस ने अपनी जांच के तहत मिश्रा से पूछताछ की थी. बाद में मिश्रा ने कहा था, "मेरे खिलाफ कोई आपराधिक मामला नहीं है... यह छवि बनाई गई है, ये सब सिर्फ आरोप हैं."
बीजेपी में धीरे-धीरे बन रही पैठ
पार्टी के अंदरूनी सूत्रों के अनुसार, मिश्रा को पार्टी में धीरे-धीरे शामिल किया जा रहा है, क्योंकि राज्य इकाई के वफादारों के बीच उनकी "बाहरी" छवि है. लेकिन अगस्त 2023 में उन्हें दिल्ली भाजपा उपाध्यक्ष नियुक्त किए जाने के बाद यह प्रक्रिया पूरी हो गई. पार्टी के अंदरूनी सूत्रों के अनुसार, उन्होंने 2022 के गुजरात विधानसभा चुनावों में भीड़ खींचने की अपनी क्षमता से पार्टी नेतृत्व को 'प्रभावित' किया था. मिश्रा को करावल नगर से भाजपा उम्मीदवार के रूप में पार्टी द्वारा किए गए आंतरिक सर्वेक्षणों के आधार पर नामित किया गया था, जिसमें संकेत दिया गया था कि मतदाताओं ने मौजूदा विधायक मोहन सिंह बिष्ट की तुलना में उनके “फायरब्रांड हिंदुत्व-सह-पूर्वांचली चेहरे” को प्राथमिकता दी.