नई दिल्ली: हर बाप को पता होता है वो दादा कैसे बना है. लेकिन दादा बनने के तरीके पर वो खुले आम या यूं कहें कि मस्का मार के सार्वजनिक तौर पर बात करने तो लोग उसे दादा नाना कम और बेशर्म ज्यादा कहेंगे. अगर आप बिहार या यूपी के रहने वाले हैं तो फिर ये भी कह सकते हैं कि बौरा गए हो क्या? 70-72 साल की उम्र अमूमन दादा- नाना वाली उम्र होती है .इस उम्र में लोग सब कुछ ठंडे से सोचते हैं और ठंडे से सोच- समझकर बोलते भी हैं. लेकिन बिहार विधानसभा और फिर विधान परिषद में जो आज कुछ सुना वो इस सोच के लिए शॉकर से कम नहीं था. ये बयान आया किसी और के नहीं बल्कि मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के श्रीमुख से.
नीतीश बाबू बिहार विधानसभा में जातीय गणना पर बोल रहे थे. राज्य में जनसंख्या बढ़ोतरी में गिरावट दर्ज की गई है. लेकिन इसके पीछे का जो राज नीतीश बाबू ने विधानसभा में खोला उसे सुनकर बिहार की लड़कियां भी अचरच में होंगी कि हम इतने बोल्ड और वैज्ञानिक कब से हो गए. कोक शास्त्र का ऐसा चरम ज्ञान सदन ने पहली बार सुना था. बीजेपी की एक महिला विधायक नवेदिता सिंह तो बाद में फूट-फूट कर रोने लगीं.
नीतीश कुमार विधान सभा को बता रहे थे कि शादी के बाद मियां-बीवी के बीच जिस्मानी रिश्ते कैसे बनते हैं. लड़का क्या करता है और फिर लड़कियां आजकल क्या करती हैं. नीतीश बाबू बात इशारों में करते तो बात होती लेकिन उन्होंने वर्णन ऐसा किया वो स्टेशन और बस स्टैंड पर बिकने वाले सस्ते साहित्य से भी निर्लज्ज था. वो मियां-बीवी के बीच बेडरूम के अंदर बंद कमरे में होने वाले एक्ट का सचित्र वर्णन करने लगे. एकबारगी हैरानी हुई और लगा शायद विधानसभा में जो कुछ भी नीतीश कुमार ने कहा वो गलत है, वीडियो से किसी ने छेड़छाड़ की है लेकिन जब वही बात उन्होंने और विस्तार से विधानपरिषद में भी बताई तो कि दाल में कुछ काला नहीं बल्कि दाल ही काली है . पटना- दिल्ली रूट पर रेलवे ट्रैक के किनारे दीवारों पर लगे रैगरपुरा वाले झोलाछाप डॉक्टर के पोस्टर बरबस याद आ गए .
विधान सभा में नीतीश कुमार - 07.11.2023
शादी के बाद पुरुष रात में उसके साथ करवे करता है ना, उसी के साथ पैदा हो जाता है. और लड़की पढ़ लेती है तो हमको मालूम था वो करेगी ठीक है लेकिन अंतिम में भीतर मत घुसाओ उसको बाहर कर दो.. करता तो है उसी में संख्या घट जाती है
विधान परिषद में नीतीश कुमार - 07.11.2023
लड़कवा सब लड़किया सब के साथ रात में सुतबे ही करता है ना, रतवा में सुतता है तो उसी में ही लेता है पनिया भी. और उसी समय लड़की कहती है रात में करो, लेकिन अपना जो तुमको निकलने लगे तो बाहरबा में निकालकर फेंक दो .. यहीं सब करके लड़की सबको समझा रही है.
बिहार में लड़कियों की हालत कैसी है सब जानते हैं. शिक्षा के मामले में देश में सबसे पीछे. वो कितनी बोल्ड और बिंदास है ये भी सब जानते हैं. उससे भी ज्यादा ये भी जानते हैं मर्द प्रधान समाज में उन्हें अपनी पसंद और नापसंद को रखने का हक कितना है. लेकिन नीतीश राज में लड़कियां शायद इतनी बोल्ड हो गई हैं वो अपने निजी जीवन की बातें, अपनी सेक्स लाइफ की बारीकी नीतीश बाबू और उनके कारकूनों को जाकर कान में फुस्स कर दे रही हैं. तभी तो मुख्यमंत्री जी को मालूम है कि बिहार में प्रेगनेंसी को रोकने के लिए लड़कियां किस किस तरह के तरीके अपने पार्टनर के साथ बिस्तर में आजमा रही है .
ऐसे में सवाल ये है कि जब सब कुछ नैचुरल तरीके बिहार की लड़कियां इतने अच्छे से कंट्रोल कर रही है तो बिहार में कंडोम बेचने की जरूरत क्या है. क्यों नहीं शराबबंदी के बाद कंडोमबंदी भी हो जाए. गर्भ निरोध के लिए तमाम सरकारी उपायों की जरूरत ही क्या है. कॉन्ट्रासेप्टिव पिल्स से लेकर कॉपर टी जैसे तरीकों को भी बंद ही करवाया जाए. नीतीश बाबू की बात को ध्यान से सुना जाए और याद रखा जाए कि ‘ अंतिम में भीतर मत घुसाओ उसको बाहर कर दो’. आखिर बिहार की लड़कियां इतनी बोल्ड हो गई हैं और लड़के इतने समझदार और अपनी पार्टनर की बात मानने वाले .
अभी ज्यादा दिन नहीं हुए हैं हिंदुस्तान के कुछ आला वैज्ञानिकों ने मर्दों के लिए लम्बे समय तक कारगर गर्भनिरोधक RISUG बनाया है. RISUG एक इंजेक्शन है जिसे ICMR के वैज्ञानिकों ने पुरुषों के लिए बनाया है. ये कंडोम से भी ज्यादा फुल प्रूफ है और एक बार के इस्तेमाल से लंबे तक प्रेगनेंसी को रोक सकता है. इसकी अभी हाल में टेस्टिंग के रिजल्ट आए थे. ये 99 परसेंट तक सफल रहा है. लेकिन नीतीश के बयान के बाद लगता है वैज्ञानिकों सालों की ये मेहनत बेकार की. उन्हें तो नीतीश बाबू के पास जाना चाहिए और राय मशविरा करना चाहिए था कि बिहार के लड़कियां के और कितने गुप्त ज्ञान उन्हें मालूम है ताकि जब सब कुछ इतना आसान है तो फिर सालों की मशक्कत की जरूरत क्या थी.
जनसंख्या नियंत्रण पर विधानसभा में नीतीश कुमार का बेशर्मी वाला बयान#BiharCasteSurvey #BiharElection #IndiaDailyLive #NitishKumar #जनसंख्या_नियंत्रण #Bihar #बिहार_विधानसभा pic.twitter.com/rPpsudfRME
— India Daily Live (@IndiaDLive) November 7, 2023
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नीतीश कुमार ने जो कुछ भी कहा वो सेक्स प्रवचन से कम कुछ भी नहीं था. और वो ये प्रवचन विधानसभा में दे रहे थे. अफसोस की बात ये कि जब इस तरह गुप्त ज्ञान का सचित्र वर्णन कर रहे और हाथ के इशारों से समझा रहे कि बाहरवा किस तरह से करना है तो वहां कई महिला विधायक भी थी. नीतीश बाबू उन्ही का ध्यान कर जुबान पर लगाते और नीम हकीमी ज्ञान को कंट्रोल करते . लेकिन ऐसा हुआ नहीं उन्हें जो कहना था वो उसका डबल डोज उन्होंने सदन में दे दिया. महिला विधायकें झेंप गईं. लाजिमी है ऐसा बयान विपक्ष के हाथ लगता तो वो हमलावर होते ही. कुछ ही देर में रैगरपुरा के हकीम वाले वाले नीतीश के गुप्त ज्ञान को भेदने के लिए विपक्ष के तीर आने चालू हो गए.
बौराना, सठियाना जितने शब्द याद आए कह सकते हैं बिहार के CM नीतीश कुमार को.हद कर दिये.विधानसभा में वो अश्लीलता के साथ बोल रहे थे, चीरहरण कर रहे थे.सदन में बैठी महिलायें शर्म से झेंप गई.कई बाहर चले गये. पुरुष विधायकों ने भी नजरें झुका ली.#NitishKumar #Bihar @BJP4India @NitishKumar… pic.twitter.com/sL6PDu8M0q
— SHAMSHER SINGH (@ShamsherSLive) November 7, 2023
भला कोई इतना गंदा और नंगा हो सकता है क्या?
— BJP Bihar (@BJP4Bihar) November 7, 2023
बिहार विधानसभा के बाद विधान परिषद में महिला और पुरुष के संबंधों का घृणित और निकृष्ट शब्दों में पोस्टमार्टम करके नीतीश कुमार ने अपना चरित्र और चेहरा उजागर कर दिया. महिला सशक्तिकरण के नाम पर महिलाओं के प्रति अपनी घटिया सोच का साक्ष्य दिया… pic.twitter.com/yuGMAYXdY1
नीतिशजी शर्म करो !महिलाओं के बारे में अश्लील,अभद्र,अपमानजनक टिप्पणी से पूरा बिहार शर्मिंदगी महसूस कर रहा है .ऐसी टिप्पणी करने की हिम्मत कैसे हुई?देश की महिलाओं से माफ़ी मांगें.तेजस्वी कह रहे हैं यह सेक्स एजुकेशन है ?क्या विधान सभा सेक्स एजुकेशन की जगह है ?@ANI @News18Bihar
— Sushil Kumar Modi (@SushilModi) November 7, 2023
जिन लोग ने नीतीश की राजनीति देखी है उनकी मर्यादा देखी है उनके लिए ये मानना मुश्किल है कि ये ओरिजनल वाले नीतीश कुमार है. उनके व्यवहार , बर्ताव और बयान में पिछले कुछ दिनों में जिस तरह बदलाव नजर आ रहा है वो सामान्य नहीं है. हताशा निराशा और कुंठा बार बार ना चाहते हुए भी बाहर निकल आती है. देश ने पिछले 3-4 सालों में उन्हें गुस्से में और झल्लाते हुए कई बार देखा है . उनके बयान भी मर्यादा की लक्ष्मण रेखा को पार करते दिखे. सत्ता के गलियारे पर पैनी नजर रखने वाले मानने लगे हैं नीतीश कुमार की ये झल्लाहट में उनकी सियासी मजबूरी दिखती है . जब से वो सत्ता में ‘चौधरी साझीदार’ की जगह ‘मजबूरी वाला चच्चा’ बने है वो अपना सेल्फ धीरे धीरे खोते जा रहे हैं.
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नीतीश बाबू बिहार हिन्दुस्तान का सबसे कम साक्षर राज्यों में से एक है. राज्य की साक्षरता दर 71 फीसदी के भी नीचे है उसमें भी महिलाओं की साक्षरता दर तो देश में सबसे कम 53.57 परसेंट ही है. लेकिन इतनी कम साक्षरता दर के बाद भी गांव की हो या फिर शहर की, हर महिला जानती है कि असुरक्षित संबंध बनाने से प्रेग्नेंसी के चांस पूरे रहते हैं. उसके लिए जरुरी नहीं है कि .. तुमको जो निकलने लगे तो बाहरबा निकाल के फेंक दो… जैसे हकीमी तरकीब अपनाना चाहिए. मुख्यमंत्री जी सच तो ये है कि बिहार की लड़कियों को प्रेग्नेंसी के बचने कि लिए और एक स्वस्थ शादीशुदा जिंदगी की प्लानिंग के लिए आपके सस्ते गुप्त ज्ञान की नहीं बल्कि शिक्षा की जरूरत है. परिवार नियोजन का काम डॉक्टरों के लिए छोड़ देते तो अच्छा रहता है . और हां रतिया में औरत अपने पति के साथ सिर्फ शारीरिक संबंध बनाने के लिए ही नहीं सोती है. शादी का मतलब सिर्फ सेक्स ही नहीं होता है.