नयी दिल्ली, 31 जनवरी : भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के अध्यक्ष जे पी नड्डा ने कांग्रेस संसदीय दल की अध्यक्ष सोनिया गांधी की ओर से राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू के लिए की गई एक टिप्पणी को लेकर शुक्रवार को उनकी कड़ी निंदा की और मांग की कि वह राष्ट्रपति तथा भारत के आदिवासी समुदायों से बिना शर्त माफी मांगें.
कांग्रेस संसदीय दल की प्रमुख सोनिया गांधी ने राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू के अभिभाषण के बाद शुक्रवार को कहा कि वह अपने संबोधन के आखिर तक थक गई थीं और बहुत मुश्किल से बोल पा रही थीं.
उन्होंने संसद परिसर में संवाददाताओं से कहा, ‘‘अंत तक राष्ट्रपति बहुत थक गई थीं...वह मुश्किल से बोल पा रही थीं, बेचारी.’’
नड्डा ने इस पर प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए ‘एक्स’ पर एक पोस्ट में कहा कि सोनिया गांधी द्वारा राष्ट्रपति को संदर्भित करने के लिए ‘‘घटिया बात’’ जैसे शब्द का उपयोग किया जाना बेहद अपमानजनक है और यह सर्वोच्च संवैधानिक पद की गरिमा के प्रति विपक्ष की निरंतर अवहेलना को रेखांकित करता है.
उन्होंने कहा, ‘‘दुर्भाग्य से, यह कोई पहली घटना नहीं है। जब राष्ट्रपति सरकार की उपलब्धियों को रेखांकित कर रही थीं तो विपक्ष ने अपनी सामंती मानसिकता से प्रेरित होकर पिछड़े वर्गों और महिलाओं के सशक्तीकरण का मजाक उड़ाया.’’
नड्डा ने कहा कि वह और उनके साथ-साथ भाजपा का प्रत्येक कार्यकर्ता राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू के लिए इस्तेमाल किए गए शब्द के मद्देनजर सोनिया गांधी की कड़ी निंदा करता है.
उन्होंने कहा, ‘‘इस तरह के शब्दों का जानबूझकर इस्तेमाल कांग्रेस पार्टी के संभ्रांतवादी, गरीब विरोधी और आदिवासी विरोधी स्वभाव को दर्शाता है. मैं मांग करता हूं कि कांग्रेस पार्टी राष्ट्रपति जी और भारत के आदिवासी समुदायों से बिना शर्त माफी मांगे.’’
भाजपा अध्यक्ष ने आरोप लगाया कि विपक्ष ने बार-बार संवैधानिक मानदंडों के प्रति खुल्लम-खुल्ला अवहेलना दिखाई है और तुच्छ राजनीतिक लाभ के लिए उसने बाबासाहेब आंबेडकर के प्रति अनादर की अपनी विरासत को मर्यादाहीन सहजता के साथ आगे बढ़ाया है.
उन्होंने कहा, ‘‘शायद यह विपक्ष के लिए देश के सर्वोच्च पद का बार-बार अपमान करने के बजाय लोकतंत्र के मंदिर में सार्थक चर्चा पर ध्यान केंद्रित करने का समय है. उसे देश की कीमत पर खुद को समृद्ध करते हुए विदेशी कठपुतली स्वामियों की का तोता बनना बंद करना चाहिए.’’
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