Journalist Mukesh Chandrakar Murder Case: छत्तीसगढ़ पुलिस ने सोमवार को कांट्रैक्टर सुरेश चंद्राकर को गिरफ्तार किया, जो 33 वर्षीय पत्रकार मुकेश चंद्राकर के हत्याकांड का मुख्य आरोपी है. पुलिस ने जानकारी देते हुए बताया कि आरोपी से पूछताछ जारी है.
मुकेश चंद्राकर का शव 3 जनवरी को सुरेश चंद्राकर के घर के सेप्टिक टैंक से बरामद हुआ था. कहा जा रहा है उनकी हत्या सिर, पीठ, पेट और छाती पर कड़े और भारी हथियार से किए गए वारों से हुई थी. मुकेश चंद्राकर 1 जनवरी को गायब हो गए थे और उनके भाई युकेश ने 2 जनवरी को उनके लापता होने की रिपोर्ट दर्ज कराई थी.
मुख्यमंत्री विजय शर्मा ने कहा कि पत्रकार मुकेश चंद्राकर द्वारा 25 दिसंबर को प्रसारित एक समाचार रिपोर्ट में बीजापुर में सड़क निर्माण कार्य में कथित भ्रष्टाचार की बात उठाई थी, जिसके बाद हत्या की घटना को अंजाम दिया गया हो सकता है. इस रिपोर्ट के बाद ही मामले की जांच शुरू की गई थी.
शनिवार को सुरेश चंद्राकर के भाई रितेश चंद्राकर, महेन्द्र रामटेके और दिनेश चंद्राकर को भी गिरफ्तार किया गया. उसी दिन पुलिस ने मामले की गहरी जांच के लिए एक विशेष जांच टीम (SIT) का गठन किया, जिसमें अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक शामिल हैं. पुलिस ने बताया कि सुरेश चंद्राकर के भाई रितेश चंद्राकर और मुकेश चंद्राकर के बीच 1 जनवरी को एक गर्म बहस हुई थी, जिसमें रितेश ने आरोप लगाया था कि मुकेश चंद्राकर उनके भाई सुरेश चंद्राकर के काम में हस्तक्षेप कर रहे थे.
विजय शर्मा ने यह भी कहा कि सुरेश चंद्राकर कांग्रेस पार्टी से जुड़े हुए थे, लेकिन कांग्रेस नेता सुशील आनंद शुक्ला ने इस दावे को खारिज कर दिया और कहा कि सुरेश चंद्राकर ने हाल ही में भारतीय जनता पार्टी (BJP) जॉइन की थी. मुकेश चंद्राकर NDTV और अन्य न्यूज चैनलों के लिए काम करते थे और उनका अपना यूट्यूब चैनल Bastar Junction था, जिसके 159,000 से ज्यादा सब्सक्राइबर थे. उन्होंने अप्रैल 2021 में माओवादियों के कब्जे में गए कमांडो राकेश्वर सिंह मनहास की सुरक्षित रिहाई में अहम भूमिका निभाई थी.
इसके साथ ही, छत्तीसगढ़ के धमतरी जिले में एक वन अधिकारी नरेशचंद्र देवनाग को भी गिरफ्तार किया गया है. उन पर रायपुर के पत्रकार संदीप शुक्ला को बोराई गांव के एक चेक पोस्ट पर कथित तौर पर अवैध रूप से पैसे वसूलने की रिपोर्ट करने के बाद धमकी देने का आरोप है. शुक्ला ने देवनाग के खिलाफ शिकायत दर्ज करवाई थी, जिसमें उन्होंने बताया कि 1 जनवरी को चेक पोस्ट का दौरा करने के बाद उन्हें 3 जनवरी को धमकी भरे कॉल मिले। कॉल करने वाले ने बाद में खुद को देवनाग बताया.