झारखंड के पूर्व मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन को बड़ी राहत मिली है. झारखंड मुक्ति मोर्चा (JMM) के नेता हेमंत सोरेन को प्रिवेंशन ऑफ मनी लॉन्ड्रिंग एक्ट की एक स्पेशल कोर्ट ने 11 जुलाई तक उनकी न्यायिक हिरासत बढ़ाई थी लेकिन अब उन्हें झारखंड हाई कोर्ट ने बड़ी राहत दे दी है. हाई कोर्ट से उन्हें जमानत मिल गई है. अब ऐसा हो सकता है कि होटावार के मुंडा केंद्रीय कारागार से उनकी रिहाई हो जाए.
कोर्ट ने कहा, 'हेमंत सोरेन को बेल दी जाती है. प्रथम दृष्टया ऐसे साक्ष्य सामने आए हैं, जो इशारा करते हैं कि जो यह साबित करते हैं जमानत के वक्त याचिकाकर्ता ने कोई अपराध कारित किया है.' हेमंत सोरेन ने जैसे ही मुख्यमंत्री पद से इस्तीफा दिया था, ठीक उसी वक्त, राजभवन के बाहर उनकी गिरफ्तारी हो गई थी. हेमंत सोरेन अब जेल से बाहर आ सकते हैं. जेएमएम कार्यकर्ता एक अरसे से इस फैसले के इंतजार में थे.
-ED ने कोर्ट में कहा है कि बड़गाईं अंचल के 8.86 एकड़ जमीन को हेमंत सोरेन ने कब्जा लिया है. PMLA कानून के तहत, वे मनी लॉन्ड्रिंग के गंभीर आरोपों में लिप्त में हैं.
- हेमंत सोरेन, राज्य के पूर्व मुख्यमंत्री रहे हैं, वे जांच को प्रभावित कर सकते हैं.
- हेमंत सोरेन के वकील ने कहा कि ये आरोप बेबुनियाद हैं, वे मनी लॉन्ड्रिंग में आरोपी नहीं हैं. उन्हें फंसाया गया है. उनके खिलाफ राजनीतिक साजिश हुई है.
- सोरेन के वकील ने केंद्रीय एजेंसियों के दुरुपयोग की बात करते हुए कहा कि जिस चैट में 8.86 एकड़ जमीन पर बैंक्वेट हॉल बनाने की बात कही जा रही है, वह विवादित जमीन की है ही नहीं. - कई मामलों की जांच बाकी है. उन्हें राजनीतिक साजिश के तहत फंसाया गया है, इसलिए जमानत मिले.
होमंत सोरेन पर रांची के एक 8.86 एकड़ के एक प्लॉट में में हुई कथित धांधली में शामिल होने के आरोप हैं. ईडी ने आरोप लगाया है कि उन्होंने इसे अवैध तरीके से हासिल किया है. मनी लॉन्ड्रिंग केस में कई लोगों के खिलाफ केस दर्ज हुआ है. हेमंत सोरेन पर भी बेहद संगीन आरोप हैं. ईडी के आरोपों के मुताबिक कई सरकारी अधिकारी भी इस घोटाले में शामिल हैं.