Jharkhand boy meets Arjun Meghwal: झारखंड के छह साल के 'रेल मंत्री' ने शुक्रवार को संसद में केंद्रीय मत्री अर्जुन राम मेघवाल, प्रह्लाद जोशी, वी मुरलीधरन से मुलाकात की. मुलाकात के दौरान छह साल पुराना रोचक किस्सा निकलकर सामने आया. इस पूरे वाक्ये को लेकर केंद्रीय मंत्री डॉक्टर सुभाष सरकार ने सोशल मीडिया पोस्ट किया है.
बच्चे के केंद्रीय मंत्रियों से मुलाकात के कारणों के संबंध में जो जानकारी सामने आई है, वो काफी रोचक है. दरअसल, जिस छह साल के बच्चे ने केंद्रीय मंत्रियों से मुलाकात की, उसका नाम दीनदयाल गुप्ता है और घर के लोग उसे 'रेल मंत्री' के नाम से पुकारते हैं.
केंद्रीय मंत्री सुभाष सरकार ने जो पोस्ट शेयर किया है, उसके मुताबिक, 6 साल पहले दीनदयाल गुप्ता का जन्म ट्रेन में हुआ था. उस दौरान दीनदयाल गुप्ता की मां ट्रेन से सफर कर रही थी, तभी उन्हें प्रसव पीड़ा हुई. उस दौरान दोनों भाजपा नेताओं ने प्रसव पीड़ा से करार रही महिला की मदद की थी.
Deendayal Gupta was born in a train compartment near Purulia railway station with my assistance and the presence of Hon'ble Minister Shri @arjunrammeghwal Ji
— Dr. Subhas Sarkar (@Drsubhassarkar) February 9, 2024
The story goes back to 24.12.2017 when Meghwal ji was present at Purulia Station to catch the train and I was also there pic.twitter.com/io9vKU0e4V
सुभाष सरकार ने पोस्ट में लिखा कि मेरी सहायता और अर्जुनराम मेघवाल की उपस्थिति में पुरुलिया रेलवे स्टेशन के पास एक ट्रेन डिब्बे में बच्चे का जन्म हुआ था. ये पूरी कहानी 24 दिसंबर 2017 की है, जब मेघवाल ट्रेन पकड़ने के लिए पुरुलिया स्टेशन पर मौजूद थे और मैं भी उनके साथ था.
केंद्रीय मंत्री डॉक्टर सुभाष सरकार ने अपने पोस्ट में लिखा कि आज 6 साल बाद बच्चा अपने परिजन के साथ संसद भवन आया और संसदीय कार्य मंत्री प्रह्लाद जोशी के ऑफिस में अर्जुनराम मेघवाल और वी. मुरलीधरन से मुलाकात की.
छह साल के दीनदयाल कुमार गुप्ता ने शुक्रवार को संसद में मंत्रियों से मुलाकात के बाद कहा कि मेरे घर का नाम 'रेल मंत्री' है क्योंकि मेरा जन्म ट्रेन के डिब्बे में हुआ था. बच्चे ने कहा कि मैं बड़ा होकर रेल मंत्री बनना चाहता हूं.बच्चे के परिजन ने बताया कि दीनदयाल का जन्म चक्रधरपुर-हावड़ा ट्रेन में हुआ था. दीनदयाल गुप्ता की मां लक्ष्मी देवी उस दौरान प्रेग्नेंट थी और बच्चे की डिलीवरी के लिए झारखंड से अपने मायके पश्चिम बंगाल के बांकुरा जा रही थी. जब लक्ष्मी देवी को प्रसव पीड़ा हुई, तब ट्रेन को पुरुलिया में रोका गया.
इस दौरान अर्जुनराम मेघवाल और डॉक्टर सुभाष सरकार ट्रेन में यात्रा कर रहे थे. ट्रेन के रोके जाने के बाद मेघवाल ने रेलवे कर्मचारियों को बताया कि डॉक्टर सुभाष सरकार स्त्री रोग विशेषज्ञ हैं. इसके बाद डिलीवरी के लिए चिकित्सा उपकरणों की व्यवस्था की गई और फिर लक्ष्मी देवी ने नवजात को जन्म दिया.