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Jharkhand BJP 'Mila Kya' Campaign: 'मिला क्या' कैंपेन के जरिए हेमंत सरकार को हराएगी झारखंड भाजपा! किन मुद्दों को लेकर हुई हमलावर

Jharkhand BJP 'Mila Kya' Campaign: झारखंड भाजपा ने विधानसभा चुनाव में हेमंत सरकार को हराने क लिए 'मिला क्या' कैंपेन शुरू किया है. कैंपेन के जरिए झारखंड भाजपा हेमंत सरकार पर हमलावर है. इस कैंपेन के जरिए झारखंड भाजपा, हेमंत सरकार के उन वादों को लेकर जनता से सवाल पूछ रही है कि जो वादा उन्होंने पिछले 2019 के विधानसभा चुनावों में किया था, वो आपको मिला क्या?

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Edited By: India Daily Live
Jharkhand BJP 'Mila Kya' Campaign
Courtesy: Jharkhand BJP X Handle

Jharkhand BJP 'Mila Kya' Campaign: झारखंड में विधानसभा चुनाव नजदीक आते ही राज्य की भाजपा 'मिला क्या' कैंपेन के जरिए मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन सरकार पर हमलावर हो गई है. झारखंड भाजपा हेमंत सरकार के वादों और उपलब्धियों के बीच के अंतर को उजागर करने की कोशिश में जुट गई है. इस कैंपेन का उद्देश्य मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन के नेतृत्व वाली झारखंड मुक्ति मोर्चा (JMM) सरकार के पिछले 5 साल के कार्यकाल के बारे में जनता को बताना है. 

हेमंत सरकार की ओऱ से किए गए जिन वादों को पूरा नहीं किया गया है, उन्हें जनता के बीच रखकर भाजपा हेमंत सोरेन के कामकाज के तरीकों पर सवाल उठाना चाह रही है. इस कैंपेन के जरिए भाजपा 

रोजगार, किसान ऋण माफी, निशुल्क स्वास्थ्य और शिक्षा, औद्योगिक विकास, भ्रष्टाचार मुक्त शासन जैसे मुख्य मुद्दों को उठा रही है. भाजपा का आरोप है कि जिनका वादा मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने किया था, उन्हें पूरा नहीं किया गया है.

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सवाल ये कि जिस कैंपेन के जरिए झारखंड भाजपा, राज्य की हेमंत सरकार पर हमलावर हो रही है, उस कैंपेन से सोरेन सरकार को हराने में मदद मिलेगी?  दरअसल, भाजपा नेताओं का कहना है कि हेमंत सोरेन सरकार ने पिछले पांच साल के कार्यकाल में कुछ खास नहीं किया है. भाजपा इस कैंपेन के जरिए भी बता रही है कि हेमंत सोरेन की ओर से किए गए कई वादे पूरे नहीं हुए हैं. उनका दावा है कि रोजगार के अवसरों में वादे के मुताबिक सुधार नहीं हुआ है. रोजगार सृजन की कमी से बहुत से लोग नाखुश हैं. सरकार ने पांच लाख नौकरियां देने का वादा किया था, लेकिन ऐसा नहीं हुआ. लोग अभी भी इन नौकरियों के मिलने का इंतजार कर रहे हैं.

भाजपा का कहना है कि झारखंड सरकार के अधूरे वादे से युवा खास तौर पर प्रभावित हैं. दूसरा बड़ा मुद्दा मुफ़्त शिक्षा का वादा है. भाजपा का दावा है कि किसी भी संस्थान में मुफ़्त शिक्षा उपलब्ध नहीं है. यहां तक कि गरीब परिवारों के बच्चों को भी सरकार के वादों का कोई लाभ नहीं मिल रहा है. 

भाजपा का कहना है कि स्वास्थ्य सेवा प्रणाली भी जांच के दायरे में है. लोगों का कहना है कि सरकारी अस्पतालों में इलाज करवाने के लिए उन्हें पैसे देने पड़ते हैं. 

भाजपा का आरोप है कि डॉक्टरों के बीच भ्रष्टाचार एक बड़ी समस्या है और उचित सुविधाओं के अभाव में मरीजों को जमीन पर रखकर उनका इलाज किया जाता है. भाजपा का आऱोप है कि कई आईएएस अधिकारी और माफिया भ्रष्ट गतिविधियों में शामिल हैं. हेमंत सरकार भ्रष्टाचार को रोकने में सक्षम नहीं है, बल्कि इसमें लगाम के बजाए और बढ़ोतरी हुई है.

भाजपा का दावा है कि शराब की खपत कम करने के बजाय सरकार ने इसे बढ़ा दिया है. शराब की दुकानें मंदिरों के पास भी हैं, जिससे लोगों में आक्रोश है. भाजपा के अनुसार, महिला कल्याण एक और ऐसा क्षेत्र है जहां सरकार विफल रही है. उनका तर्क है कि वादों के बावजूद महिलाओं को कोई महत्वपूर्ण सहायता या लाभ नहीं मिला है. विधवाएं और अन्य कमज़ोर महिलाएं सरकार की ओर से किसी भी तरह की मदद के बिना संघर्ष कर रही हैं.

भाजपा का ये भी आरोप है कि हेमंत सरकार ने अपने कार्यकाल के पहले साल में युवाओं के लिए 1 लाख नौकरियां सृजित करने का वादा किया था, जिसे काफी हद तक पूरा नहीं किया गया है. 

कृषि ऋण माफी: भाजपा के मुताबिक, झारखंड सरकार की ओर से एक और महत्वपूर्ण वादा 2 लाख रुपये तक के कृषि ऋण को माफ करने का था. भाजपा का कहना है कि केवल 50,000 रुपये की राहत प्रदान की गई है, जिससे किसानों पर वित्तीय बोझ पहले की ही तरह बना हुआ है.

भाजपा इस अभियान के जरिए राज्य सरकार पर औद्योगिक विकास को बढ़ावा देने में विफल बता रही है. आरोप है कि झारखंड में प्रमुख उद्योगों को आकर्षित करने में धीमी प्रगति हुई है. इसके कारण आर्थिक अवसर और रोजगार सृजन में कमी आई है.

भूख से हुई मौतों की सीबीआई जांच: झारखंड भाजपा का आरोप है कि राज्य में भूख से हुई मौतों की सीबीआई जांच के वादे पर कोई महत्वपूर्ण प्रगति नहीं हुई है. इसके अलावा, भाजपा ने कई अन्य वादों को पूरा न करने का आरोप लगाया है.

  • गरीब परिवारों के लिए 72 हजार की वार्षिक आय
  • आधार के माध्यम से महिलाओं को 50 हजार का लोन
  • हर पंचायत में कोल्ड स्टोरेज की सुविधा
  • नवविवाहित दुल्हनों के लिए सोने के सिक्के
  • गरीब विधवाओं के लिए वित्तीय सहायता
  • विवाहित बहनों को 2,000 मासिक भत्ता