'मोदी है तो मुमकिन है...', नीतीश कुमार के सांसद ने की पीएम की तारीफ तो बिहार में हो गया बखेड़ा

बिहार के सीतामढी संसदीय क्षेत्र के सासंद सुनील कुमार पिंटू ने मध्य प्रदेश, छत्तीसगढ़ और राजस्थान में भाजपा की भारी जीत के बाद यह टिप्पणी की। भारतीय जनता पार्टी ने राजस्थान और छत्तीसगढ़ में कांग्रेस को सत्ता से बेदखल कर दिया है.

JDU MP Sunil Kumar Pintu Praised PM Modi: मध्य प्रदेश, राजस्थान और छत्तीसगढ़ में भाजपा की प्रचंड जीत से विपक्ष हैरान और परेशान है. ऐसे में बिहार के एक सांसद ने पीएम मोदी की तारीफ कर दी है, जिसके बाद नीतीश कुमार की पार्टी जनता दल (यूनाइटेड) में बखेड़ा खड़ा हो गया है. एक मीडिया रिपोर्ट के अनुसार जेडीयू के सासंद सुनील कुमार पिंटू ने पीएम की तारीफ में कहा था, 'मोदी है मुमकिन है'. इसके बाद पार्टी के अन्य नेताओं की तीखी प्रतिक्रियाएं सामने आ रही हैं. 

जानकारी के मुाबिक, बिहार के सीतामढी संसदीय क्षेत्र के सासंद सुनील कुमार पिंटू ने मध्य प्रदेश, छत्तीसगढ़ और राजस्थान में भाजपा की भारी जीत के बाद यह टिप्पणी की। भारतीय जनता पार्टी ने राजस्थान और छत्तीसगढ़ में कांग्रेस को सत्ता से बेदखल कर दिया है.

पार्टी प्रवक्ता ने की इस्तीफे की मांग

सांसद पिंटू ने कहा कि चुनाव नतीजों को देखने से पता चलता है कि 'मोदी है तो मुमकिन है'. भाजपा ने भी विधानसभा चुनावों में यही नारा दिया था. हालांकि पिंटू की टिप्पणी के बाद जद (यू) ने अपनी तीखी प्रतिक्रिया व्यक्त की है. पार्टी प्रवक्ता नीरज कुमार ने पिंटू से मांग की है कि अगर वह पीएम मोदी से प्रभावित हैं तो उन्हें लोकसभा सांसद के पद से इस्तीफा दे देना चाहिए.

भाजपा ने किया पिंटू का समर्थन

नीरज कुमार ने कहा कि अगर वह इतने प्रभावित हैं तो उन्हें लोकसभा चुनाव होने से पहले संसद से इस्तीफा दे देना चाहिए. इतना ही नहीं उन्हें जल्द से जल्द फैसला लेना चाहिए. दूसरी ओर भाजपा प्रवक्ता कुंतल कृष्ण ने पिंटू की टिप्पणी का समर्थन किया है. उन्होंने कहा कि जद (यू) सांसद की ओर से दिया गया बयान कि दिखाता है कि आज हर व्यक्ति समझ चुका है, अभी (लोकसभा चुनाव से पहले) स्थिति क्या है?

भाजपा को छोड़ यूपीए में गए थे नीतीश कुमार

बता दें कि पिछले साल जद (यू) ने भाजपा से नाता तोड़ कर एनडीए का दामन थाम लिया था. नीतीश कुमार, जिनकी पार्टी भाजपा की सहयोगी थी, उन्होंने बिहार के मुख्यमंत्री पद से इस्तीफा दे दिया था. बाद में उन्होंने राजद और कांग्रेस से हाथ मिलाया और फिर से मुख्यमंत्री बने.